झूठी खबर के आरोप में राजस्थान, मेरठ, नोएडा व अन्य तीन पत्रकारों पर मुकदमा
ए0 के0 फारुकी
ज्ञानपुर,भदोही। गत रविवार को मानसिक रूप से परेशान एक महिला द्वारा अपने पाँच बच्चों को गंगा में फेंक कर मारने की घटना को लॉक डाउन में भूख से हुई मौत बता कर झूठी खबर प्रसारित करने व अफवाह फैला कर सरकार व प्रशासन को बदनाम करने के आरोप में मेरठ, राजस्थान व नोएडा के संपादक सहित तीन स्थानीय प्रतिनिधियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है।
बता दें कि भदोही जिले में रविवार को एक महिला ने अपने पांच बच्चों को गंगा नदी में फेंक दिया। जिसमें तीन लड़कियां वह दो लड़के थे। इस हृदयविदारक घटना में पांचों बच्चों की मौत हो गई । घटना के बाद कुछ मीडिया संस्थानों व पत्रकारों ने अफवाह उड़ाना शुरू कर दिया कि लॉकडाउन के दौरान राशन ना होने की वजह से महिला अपने बच्चों का पेट नहीं भर पा रही थी। इस वजह से उसने यह कदम उठाया। किंतु प्रथम दृष्टया जांच में सामने आया कि महिला मानसिक रूप से परेशान थी और किसी कारण बस उसने यह कदम उठा लिया। जांच में यह भी सामने आया कि उसके घर में पर्याप्त मात्रा में राशन मौजूद था और घर में खाना भी बना हुआ था। लेकिन खबरों में तेजी दिखाने की प्रतिस्पर्धा व सरकार और प्रशासन के प्रति असहयोग की भावना ने कुछ पत्रकारों को इतना आवेश में ला दिया कि वे सच और झूठ का फर्क समझ नहीं पाए। कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर लॉकडाउन में भूख के कारण हुई मौत बताकर सरकार को बदनाम करने में जुट गए।वही बिना जांच किए कुछ मीडिया संस्थानों ने खबर भी प्रसारित कर दी। यह ऐसे लोग हैं जो मन में नकारात्मक भावना भरे बैठे हैं और सरकार को बदनाम करने का मौका ढूंढते हैं। झूठी व भ्रामक खबरों के कारण लोकशांति भंग होने की संभावना वह आम जनता में गलत अफवाह फ़ैलाने के मद्देनजर पुलिस अधीक्षक भदोही रामबदन सिंह ने संज्ञान लेते हुए मु०अ०स० 88/20 धारा 51,54 आपदा प्रबंधन अधि0 2005 व 188,505(1) (ख) भादवि का अभियोग पंजीकृत कर विधिक कार्यवाही की जा रही है।