महाराष्ट्र – मालगाड़ी के चपेट में आने से 15 मजदूरों की मौत, रेलवे ने बताया, लोको पायलट ने किया था मालगाड़ी को रोकने की कोशिश, मगर…..
आफताब फारुकी/ आदिल अहमद
औरंगाबाद: 21 मजदूरों का एक समूह महाराष्ट्र से अपने घर मध्य प्रदेश जाने के लिए निकला था। वह लोग रेलवे ट्रैक के सहारे घर लौट रहे थे। इस दौरान थक कर रेल पटरी पर ही आराम करने लगे और वही सो गई। इसी दौरान एक मालगाड़ी की चपेट में आज शुक्रवार को सुबह आ जाने से 15 प्रवासी मजदूरो की मौत हो गई। घटना महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले की है। बदनापुर और करमाड स्टेशन के बीच परभनी-मनमाद सेक्शन के पास यह हादसा हुआ है।
इस दुर्घटना के सम्बन्ध में जानकारी देते हुवे भारतीय रेलवे ने बताया है कि मालगाड़ी के लोको पायलट ने ट्रेन को रोकने की काफी कोशिश की थी, अगर ट्रेन नही रुक सकी और अन्ततः मजदूर ट्रेन की चपेट में आ गए। भारतीय रेलवे के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया,जिसमे लिखा है कि ‘बदनापुर और करमाड स्टेशन के बीच परभनी-मनमाद सेक्शन के पास आज तड़के कुछ मजदूरों को ट्रैक पर देखने के बाद मालगाड़ी के लोको पायलट ने ट्रेन को रोकने की कोशिश की लेकिन अन्ततः वह ट्रेन की चपेट में आ गए। घायलों को औरंगाबाद के सरकारी अस्पताल में ले जाया गया। जांच के आदेश दिए गए हैं।’
यह हादसा आज सुबह सवा पांच बजे हुआ है। 21 में से 16 मजदूर थकान की वजह से रेल की पटरी पर ही लेट गए थे। जिसके बाद वह ट्रेन की चपेट में आ गए। हादसे में घायल हुए मजदूरों से पुलिस पूछताछ कर रही है। इस दुर्घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर दुख जताया है। पीएम ने ट्वीट कर लिखा है कि, ‘महाराष्ट्र के औरंगाबाद में रेल हादसे में जानमाल के नुकसान से बेहद दुखी हूं। रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल से बात कर चुका हूं और वह स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। हर संभव मदद दी जा रही है।’
बताते चले कि कई राज्यों ने अपने-अपने राज्यों के मजदूरों व कामगारों को वापस लाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं। यह ट्रेनें अन्य राज्यों में फंसे हुए लोगों को उनके राज्य पहुंचा रही हैं। इसके बावजूद लोगों के अपने राज्य पैदल जाने का सिलसिला नहीं थम रहा है। काफी संख्या में लोग सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय कर पैदल भी अपने राज्य लौट रहे हैं। इसके कई कारण बताये जा रहे है। इनमे प्रमुख कारण ट्रेन के किराये को लोग बता रहे है।