निःशुल्क ऑनलाइन सप्त दिवसीय संगीत राष्ट्रीय कार्यशाला में गूँजी शास्त्रीय स्वरलहरियां
करिश्मा अग्रवाल
मेरठ। शहर के कनोहर लाल स्नातकोत्तर महिला महाविद्यालय के संगीत तबला विभाग के तत्वावधान में चल रही शास्त्रीय संगीत पर आधारित ऑनलाइन सप्त दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के ततृतीय दिवस 09/06/20 के अतिथि वक्ता प्रोफेसर नीलू शर्मा (संगीत विभाग, दयालबाग विश्वविद्यालय, आगरा) एवं प्रोफेसर अविराज तायडे नासिक से रहे।सत्र का शुभारंभ प्राचार्य की अनुमति से डॉ वेणु वनिता के संचालन एवं संयोजन में हुआ। कार्यक्रम में महाविद्यालय की शिक्षिकाएं देश के विभिन्न प्रदेशों से विद्यार्थी, संगीतज्ञ, शिक्षक एवं सुधी श्रोता ऑनलाइन जुड़े रहे।
सर्वप्रथम प्रोफेसर नीलू शर्मा ने अपने प्रदर्शनात्मक व्याख्यान में कहा कि तबला वादन में प्राप्त तालीम के पश्चात वादन में कुशलता एवं प्रवीण प्राप्त करना आवश्यक है, यह वादन कौशल अनुशासन व जागरूक एवं सात्विक रियाज से ही संभव है।प्रोफेसर नीलू शर्मा कथक नृत्यांगना भी हैं जिन्हें हाल ही में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।उन्होंने बहुत सारे कायदे और हाथ के रखरखाव को तबला वादन पर बजाकर भी प्रस्तुत किया।
सत्र के द्वितीय वक्ता नासिक के सुप्रसिद्ध गायक कलाकार प्रोफेसर अभिराज तायडे रहे जो पंडित भीमसेन जोशी की परंपरा के गायक है।उन्होंने अपने प्रदर्शन आत्मक व्याख्यान में संगीत में वॉइस कल्चर को बताया एवं अलंकार अभ्यास के बारे में लाभदायक टिप्स शेयर किए उन्होंने गायकी में कुशलता लाने हेतु बहुत सी बारीकियों पर चर्चा की साथ ही विद्यालय संगीत विद्यार्थियों की दशा और दिशा पर भी बात की अंत में उन्होंने भीमसेन जोशी का एक प्रसिद्ध भजन गाकर इस सत्र को विश्रांति प्रदान की ।
दोनों ही वक्ताओं ने सत्र के दौरान यूट्यूब पर लाइव देख रहे प्रतिभागियों के प्रश्नों का भी उत्तर दिया। इस ऑनलाइन राष्ट्रीय कार्यशाला में गूगल मीट के डिजिटल प्लेटफॉर्म पर इस कार्यशाला में प्रोफेसर स्वतंत्र बाला शर्मा, डॉ जया शाही, डॉ रुचि, प्रो पंकज माला शर्मा,विधि नागर, श्रीमती बीना प्रकाश, डॉ ज्योत्स्ना, डॉ विनीता गुप्ता, डॉ पूनम सिंह, डॉ शुभा, डॉ राखी, सुश्री सिद्धी कुमारी, सरस्वती कुमारी,दीपा डॉ दीपिका, कुमारी स्मृति आदि उपस्थित रहे। तकनीकी पक्ष को सुचारु रुप से व्यवस्थित करने में श्रीमान दीपक राठी जी ने संपूर्ण सहयोग प्रदान किया