लखनऊ में VVIP गेस्ट हाउस की दीवारों पर लगा घोटालो को लेकर विवादित पोस्टर, लिखा था…….. नज़र पड़ी पुलिस की तो फुले हाथपाव, हटवाया तुरंत पोस्टर
आदिल अहमद
लखनऊ. घोटालो और भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की बात करके सत्ता में आई भाजपा सरकार पर दो दाग लग चुके है। 69 हज़ार शिक्षक भर्ती में हुआ घोटाला उजागर हो चूका है और उसके तार भाजपा के एक रसूखदार नेता चन्द्रमा यादव तक जुड़ गए और एसटीऍफ़ ने उसको नामज़द किया है। वही दूसरी तरफ पशुधन से संबधित घोटालो के तार पशुधन मंत्री के करीबी लोगो तक पहुचने के बाद कल सम्बंधित विभाग ने तीन लोगो के टर्मिनेशन हेतु पत्र भी जारी किया है।
इसके बाद से ही सियासी हलचल तेज़ हो गई है। विपक्ष इस मामले को लेकर हमले की तैयारी जोरोशोर से कर रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि आगामी विधानसभा सत्र हंगामी होने की संभावना है जिसमे ये दोनों भ्रष्टाचार के मुद्दे सामने आ सकते है। इस दौरान आज लखनऊ में सियासत तेज़ हो गई। अति सुरक्षित जोन समझे जाने वाले वीवीआईपी गेस्ट हाउस के दीवारों पर अज्ञात विवादित पोस्टर के बाद इलाके में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठने लगे।
आज सुबह होने के बाद क्षेत्र में लोगो और पत्रकारों की नज़र वीवीआईपी गेस्ट हाउस की दीवारों पर लगे पोस्टर पर पड़ी तो पुलिस विभाग में हडकम्प मच गया। विवादित पोस्टर शिक्षक भर्ती घोटालो और पशुधन विभाग के घोटालो से सम्बंधित लगा हुआ था। पोस्टर में जहा ऊपर के तरफ पशुधन मंत्री के फोटो के साथ पशुधन घोटाले की बात लिखी थी, वही नीचे शिक्षक भर्ती घोटाले के बाद घोटाले के आरोपी चन्द्रमा यादव की फोटो थी।
पोस्टर के अंत में अभद्र भाषा के इस्तेमाल करते हुवे एक नारे जैसा शब्द भी था। पोस्टर किस पार्टी अथवा राजनैतिक दल के तरफ से लगा था ये एक साईंस का सवाल बन चूका है। क्योकि पोस्टर में प्रिंटर्स के नाम और अन्य विवरण नही लिखा था। पोस्टर लगे होने की सुचना मिलते ही पुलिस विभाग में हडकम्प मच गया। इसके बाद आनन फानन में पोस्टर फाड़े गए और उतारे गये। पुलिस ने पुरे क्षेत्र में सर्च करके पोस्टरों की तलाश करके उसको फाड़े। विवादित पोस्टरों की चर्चा शहर में और सियासी हल्कों में जोरो शोर से चल रही है।