सरैया चौकी इंचार्ज मोहम्मद अकरम ने मारा छापा और बचाया 4 बेजुबानो की जान, भारी मात्र में कटा हुआ मांस भी हुआ बरामद, दो हिरासत में और दो फरार
ए जावेद
वाराणसी। वाराणसी के जैतपुरा थाना क्षेत्र के सरैया चौकी इंचार्ज मोहम्मद अकरम ने एक बार फिर छापेमारी में चार बेजुबान जानवरों की जान बचा लिया है। इस दौरान मौके से कटा हुआ मांस भी बरामद हुआ। साथ ही प्रकरण से सम्बंधित दो अभियुक्तों की गिरफ़्तारी हुई है तथा दो अन्य भागने में कामयाब रहे।
प्रकरण में प्राप्त समाचार के अनुसार थाना जैतपुरा क्षेत्र के सरैया चौकी इंचार्ज मोहम्मद अकरम मय हमराही क्षेत्र में भ्रमण शील थे। देर रात गश्त के दौरान उन्हें मालूम चला कि उनके थाना क्षेत्र के कमलगडहां क्षेत्र में बेजुबान पडवो को काट कर बेचा जा रहा है। कई जानवर काटे जा चुके है जबकि कई अन्य कटने की तैयारी हो रही है। इस जानकारी के बाद शिनाख्तशुदा घर पर एसआई और सरैया चौकी इंचार्ज मोहम्मद अकरम ने अपने साथी अधिनास्तो हे0का0 राजेश सिंह, का0 ओम प्रकाश सिंह और गौतम प्रसाद के साथ अचानक छापेमारी किया। इस दौरान पहले तो दरवाज़ा नही खुला जब अथक प्रयास एक बाद पुलिस ने दरवाज़ा खुलवाया और अन्दर गई तो मौके पर भगदड़ मच गई। इस दौरान दो अभियुक्तों क्रमशः इमरान अहमद पुत्र मो। रजा निवासी J 26/198 कमलगड़हा तथा बेलाल अहमद पुत्र सेराजुद्दीन निवासी J 26/180 कमलगडहा थाना जैतपुरा जिला वाराणसी को हिरासत पुलिस के हत्थे चढ़ गए जबकि अफरातफरी का फायदा उठा कर दो अन्य मौके से फरार हो गए।
पुलिस ने मौके से मौके से 60 किलो कटा हुआ मांस, पड़वे का कटा हुआ सर तथा उसके पैर बरामद करने के साथ ही चार अदद जिंदा पड़वे बरामद किया। मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने बताया कि बर्बरता की इन्तहा देखने को मिली जब जिन्दा पड़वो को बरामद किया गया तो वह सभी प्यास और भूख से व्याकुल थे। पुलिस कर्मियों द्वारा उन बेजुबान जानवरों को पानी पिलाया गया और चारा खिलाया गया। इस छापेमारी के बाद आस पास के इलाको में हडकंप मच गया।
सूत्र बताते है कि गिरफ्तार लोगो को छुडाने के लिए भी काफी दबाव बनाने की कोशिश हुई। मगर पुलिस अभियुक्तों को छोड़ना तो दूर रहा कोई भी रियायत तक नही दिया। देर रात हुई इस बरामदगी और गिरफ़्तारी के बाद इलाके में हडकंप मच गया। पुलिस ने अपनी पूरी कार्यवाही किया और रत्ती बराबर भी मुरव्वत नही दिखाया। मामले में तत्काल मुकदमा पशु क्रूरता अधिनियम में दर्ज हुआ। प्रकरण में वादी मुकदमा खुद एसआई मोहम्मद अकरम बने और दोनों अभियुक्तों को पशु क्रूरता अधिनियम में बुक करके मामले में दोनों फरार अज्ञात अभियुक्तों की खोजबीन शुरू कर दिया है।