तीन शिफ्ट में लगे थे बंदीरक्षक, फिर भी अस्पताल के टायलेट में कैदी ने कर लिया ख़ुदकुशी

आदिल अहमद

कानपुर. ड्यूटी के दौरान लापरवाही का एक बड़ा मामला कानपुर के एक अस्पताल में सामने आया है जब तीन शिफ्ट में लगी सुरक्षा हेतु बंदीरक्षको की ड्यूटी होने के बावजूद भी कैदी ने अस्पताल के टायलेट में फांसी लगा कर ख़ुदकुशी कर लिया. कानपुर नगर स्थित जेके कैंसर अस्पताल के टॉयलेट में मंगलवार सुबह सजायाफ्ता कैदी ने फांसी लगाकर खुदकशी कर ली। उसे 28 मई को फतेहगढ़ सेंट्रल जेल से इलाज के लिए अस्पताल लाया गया था। पुलिस ने उसके घरवालों को सूचना दे दी है।

मूलरूप से जालौन जिले के नदीगांव थाना क्षेत्र के मऊरानी गांव निवासी 38 वर्षी बल्लू को अदालत ने हत्या के मामले में कारावास की सजा सुनाई थी। उसे फतेहगढ़ की सेंट्रल जेल में रखा गया था। जेल में उसकी तबीयत खराब हुई तो जांच में मुंह का कैंसर होने की जानकारी हुई। इसके बाद से वह काफी तनाव में रहने लगा था।

स्वरूप नगर थाना प्रभारी अश्विनी पांडेय ने बताया कि 28 मई को फतेहगढ़ सेंट्रल जेल से कैदी को इलाज के लिए जेके कैंसर अस्पताल लाया गया था। उसकी निगरानी के लिए तीन शिफ्ट में बंदीरक्षकों की ड्यूटी लग रही थी। मंगलवार सुबह बल्लू कमरे में बने टॉयलेट में गया और अंगौछे का फंदा बनाकर फांसी लगा ली।

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