कानपुर – ईद उल अज़हा के सम्बन्ध में शहर काजी आलम रज़ा नूरी ने दिया ये सलाह
मो0 कुमैल
कानपुर। आज दिनांक 13 जुलाई 2020 को अकबर आजम हाल रजवी रोड पर शहर काजी कानपुर के नेतृत्व में कानपुर शहर व आसपास के जिलों से आए उलमा मुफ्ती मस्जिदों के इमाम व बुद्धिजीवियों के संग मीटिंग की जिसमें यह निर्णय लिया गया कि विभिन्न एहतियात बरतते हुए ईद उल अजहा का त्यौहार मनाया जाए ज्ञात हो कि इस्लाम धर्म के महत्वपूर्ण त्यौहार ईद उल अजहा (बकरीद) 31 जुलाई या 1 अगस्त को होनी है। जिसमें मुसलमान पूरी दुनिया में कुर्बानी का एहतमाम करता है। इसी को लेकर हमारे मुल्क हिंदुस्तान व शहर में भी काफी बेचैनी है। जिसको लेकर लोगों में तरह-तरह की अफवाह फैलाई जा रही हैं। जिससे लोग काफ़ी पशोपेश में फंसे हैं। लोग लगातार उलेमाओं से संपर्क कर रहे हैं। जिसको देखते हुए कानपुर के अकबर हाल से सभी उलेमाओं व मुफ्तियों की मौजूदगी में शहर काजी कानपुर मौलाना मोहम्मद आलम रजा खान नूरी ने बकरीद के संबंध में सलाह जारी किया है।
उन्होंने कहा कि बकरी ईद का चांद देखने का एहतमाम करें चांद नजर आने पर दिए गए नंबरों पर राब्ता करें। त्यौहार के 1 दिन पूर्व ही से अपने अपने घरों को मोहल्लो गलियों को साफ सुथरा कर ले सफाई वगैरह का खास ध्यान रखें। जानवरों की कुर्बानी खुले में ना करें, जिस जगह पर कुर्बानी हो रही हो, वहां पर पर्दे लगाकर चारों तरफ से ढक ले। जिससे किसी को भी परेशानी ना हो। जानवरों की कुर्बानी की फोटो सोशल मीडिया पर ना लोड की जाए। इस से असामाजिक तत्वों को मौका मिलता है। जिस जगह पर कुर्बानी की जा रही हो वहां चंद लोग ही मौजूद रहे। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। सफाई का विशेष ध्यान रखें। कुर्बानी के मांस का वितरण भी साफ-सुथरे से करें। उन्होंने कहा कि बेहतर रहेगा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पैकेट में पैक करके स्वयं एक आदमी लोगों के घर तक पहुंचा दे। कुर्बानी के बाद जानवर की ना इस्तेमाल करने वाली चीजों को रोड ऊपर ना फेंके। बल्कि नगर निगम द्वारा रखाए जाने वाले कंटेनरों में या डस्टबिन में डालें। साथ ही जानवर का चमड़ा अगर बिक जाए तो ठीक नहीं तो उसे जमीन में दफना दे। बकरीद के मौके पर लगने वाली जानवरों की मंडी में भी भीड़ भाड़ का ख्याल रखें। बेहतर होगा कि अलग-अलग स्विफ्ट में खरीदारी करें। जिससे भीड़ में कमी हो सकती है। साथ ही बाजार लगवाने वाले लोग भी किसानों का सहयोग करें और उन्हें साफ सफाई और सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में जागरूक करते रहें। 9 प्रदेश सरकार से अनुरोध है कि बकरीद के मौके पर प्रदेश भर के गांव देहात के गरीब किसान पूरे साल जानवर पर मेहनत करता है की बकरीद के मौके पर उसे अच्छी कीमत मिल सके जिससे वे अपनी जरूरत की चीजों को हासिल करते हुए अपने बीवी बच्चों का पालन पोषण करते हैं। उन किसानों को शहरों में आने के लिए रास्ते में किसी तरह से परेशान ना किया जाए।
मीटिंग में मुख्य रूप से शहर काजी आलम रजा खान, नूरी मुफ्ती हसीब अख्तर, शहीदी मुफ्ती हनीफ बरकाती, कारी कासिम हबीबी, कारी अब्दुल मुत्तलिब, मौलाना अनिसुर रहमान नूरी, मौलाना गुलाम मुस्तफा रिजवी, मौलाना शाह आलम बरकाती, महबूब आलम खान, इस्लाम खान, आजाद डॉ निसार अहमद सिद्दीकी, मौलाना मुस्ताक, मौलाना जकरिया, मौलाना अब्दुल रहीम बहराइची, मो फैसल अकबर, मुफ्ती साकिब अदीब, मौलाना मुफ्ती रफी अहमद निजामी, कारी सगीर आलम हबीबी, अखलाक अहमद डेविड, मौलाना जियाउर रहमान, मौलाना असगर याअल्वी, हाफिज कफील खान, मौलाना अकील अहमद, हाफिज फिरोज, हाफिज मुशीर, असद सिद्दीकी आदि मौजूद रहे।