कानपुर पुलिस की बड़ी नाकामयाबी, फिरौती की 30 लाख रकम देने के बावजूद भी नही मिला अपहृत बेटा, देखे पुलिस की नाकामयाबी का बयान करते परिजनों का वीडियो
आदिल अहमद
कानपुर: लगता है कानपुर पुलिस अपनी गलतियों से सबक न लेने की कसम खा बैठी है। बर्रा इन्स्पेक्टर रणजीत राय भले खुद को सुपर काप की भूमिका में बताते नज़र आते है। मगर हकीकत ये है कि एक नौसिखिया क्राइम पर काम करने वाले से भी बड़ी गलती कर गए है। बर्रा इस्पेक्टर की गलती कहे अथवा लापरवाही कि एक अपहरण के मामले में इस्पेक्टर ने अपहृत के परिजनों से फिरौती की रकम भी दिलवा दिया और रकम लेकर अपहरणकर्ता फरार हो गए तथा अपहृत को भी नही छोड़ा। परिजनों ने आज जब इस सम्बन्ध में मीडिया को अपना बयान दिया और बयान सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा तो अब भी इस्पेक्टर रणजीत राय ने अपने तेवर ऐसे ही रखे और आफ द कैमरा कहा कि क्या हो जायेगा, ज्यादा से ज्यादा ट्रांसफर ही होगा।
अपहृत युवक की बहन के बयानों को आधार माने तो अपहरण के एक मामले में पुलिस टीम के सामने से अपहरणकर्ता ने 30 लाख रुपए की फिरौती की रकम लिया भी और लेकर उड़ भी गया। मगर पुलिस के हाथ खाली के खाली ही रहे। पीड़ित परिजनों की माने तो पुलिस ने अपहरणकर्ताओं को भागने से रोकने के लिए कोई प्रयास भी नहीं किया। जिसके बावजूद अभी तक अपहरणकर्ताओं ने अपहृत युवक को छोड़ा भी नहीं है। अब इस मामले में कानपुर पुलिस अपनी शान बचाने के लिए जाँच का आदेश देकर जाँच प्रकरण की करवा रही है।
घटना के सम्बन्ध में मिली जानकारी के अनुसार कानपुर में एक पैथालॉजी कर्मी 29 वर्षीय शख्स को 22 जून को फिरौती के लिए कथित तौर पर अपहरण कर लिया गया था, जिसके बाद जांच का आदेश दिया गया था। इसी मामले को लेकर कल मंगलवार को कानपुर के पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी के कार्यालय के बाहर 2 घंटे लंबे धरना भी हुआ। वीडियो में आप देख सकते है कि धरने पर बैठे परिजनों ने पुलिस पर क्या गंभीर आरोप लगाये है। धरने के दौरान मीडिया से बात करते वक्त परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि कानपुर के बर्रा पुलिस स्टेशन के पुलिसकर्मियों ने उन्हें आश्वासन दिया था कि वे जिस स्थान पर पैसे के लिए बुलाएंगे, वहां पर अपहरणकर्ता को रंगे हाथ पकड़ने के लिए बड़ी टीम के साथ मौजूद होंगे और कैश सौंपते ही अपहरणकर्ताओं को पकड़ लेंगे। लेकिन सोमवार को जब पैसे देने के लिए परिवार पहुंचा तो मामला उल्टा हो गया। अपहरणकर्ताओं ने पैसे सड़क पर फिकवाए और फिर पैसो को लेकर फरार भी हो गए।
यही नही, पीड़ित परिजनों की माने तो पुलिस ने पैसो के बैग में सुरक्षा की दृष्टि से कोई जीपीएस चिप भी नहीं लगवाई थी ताकि लोकेशन ट्रैक कर सके। अपहरण शख्स की बहन ने बताया कि पुलिस लगातार कह रही थी कि हम उससे पैसे वापस ले लेंगे, लेकिन पहली प्राथमिकता आपके परिवार के सदस्य को वापस छुड़ाने की है। हमारे साथ एक पुलिस टीम पूरे समय थी। फिरौती के पहले कथित अपहरणकर्ता से मेरे पिता ने करीब 30 मिनट तक फोन पर बातचीत की। उसने मेरे पिता को पैसों का बैग फ्लाईओवर से नीचे की सड़क पर फेकने के लिए कहा। क्या पुलिस को इस सब चीजों का अनुमान नहीं था?
वही इस प्रकरण के मीडिया में आने के बाद कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार पी ने मीडिया को जारी बयान में कहा है कि “मैंने मामले का संज्ञान लिया है। मैं परिवार से बात कर रहा हूं। अगर हमारी तरफ से कोई गलती हुई है तो हम उन लोगों को सजा देंगे। यदि किसी तरह का पैसे का लेनदेन हुआ है तो वह राशि बरामद की जाएगी।”
वही इस सम्बन्ध में बर्रा इस्पेक्टर ने कोई भी बयान देने से मना कर दिया। उनके अलफ़ाज़ आफ द कैमरा भी अजीब रहा। उन्होंने कहा कि क्या होगा ? ज्यादा से ज्यादा ट्रांसफर हो जायेगा। मगर हकीकत के सरजमींन पर देखे तो यदि परिजनों के आरोप सही है तो उनकी ज़िन्दगी भर की कमाई चली गई। बेटा किस हाल में कहा है इसकी भी जानकारी नही है। इतना कुछ खोकर अगर परिवार सडको पर रो रहा है तो उन आसुओ को पुलिस देख पाती है अथवा नही ये देखने वाली बात होगी।