ताजिया के रास्ते मे दिवार उठाने से कसियापूर्व गाँव मे आक्रोश
तब्जील अहमद
कौशाम्बी। चायल तहसील अन्तर्गत ग्राम पंचायत कसियापूर्व मे सैकड़ो वर्ष पुराने ताजिए के रास्ते मे पूर्ब प्रधान द्वारा अवैध रूप से रास्ते मे दिवार उठाकर रास्ते बंद किये जाने से शिया और सुन्नी समुदाय के ताजियादारो मे आक्रोश पनप रहा है। रास्ते का विवाद पिछले वर्ष भी मोहर्रम पर्व पर हुआ था। परम्परागत सैकड़ो वर्ष पुराना ताजिए के रास्ते को बंद करने का प्रयास किया गया था। लेकिन तत्कालीन डीएम और तहसील प्रशासन के निष्पक्षता एवं कड़े रूख के कारण रास्ता बंद करने का प्रयास विफल हो गया था, और हर साल की तरह पिछले वर्ष मोहर्रम पर्व पर इसी रास्ते से जाना आना हुआ था।
बता दे कि 286 मि0 लगभग रक्बा 22 बीघा का तालाबी नम्बर था इसी नम्बर मे साढे सात बीघा तलाबी नम्बर है, और सुवर बाड़ा है। आबादी का है, और इसी 286 मे पूर्व प्रधान राजाराम आदि का सिघाढा लगाने का पटटा था। फिर भूमिधरी स्वामी हो गया। जिसमें की कुछ जमीनों का बगैर परमिशन के प्लॉटिंग कर बेच भी दिया। सैकड़ो वर्ष पुराने जमाने से शिया और सुन्नी समुदाय की ताजिए कसियापूर्व गाँव कि निकलती है, शुक्रवार को प्रधान परिवार सहित दर्जनो लोग पिछले कई वर्षों की भांति अपनी भूमि बताते हुए रास्ते मे दिवार उठाकर रास्ते को बंद कर दिया है।
इस प्रकरण की शिकायत ताजियादारो ने चौकी मूरतगंज मे दिया, तो पुलिस ने दोनो शिकायत कर्ताओ को ही बैठा लिया और पूर्व प्रधान राजाराम को भी बुलाकर बैठा लिया। दूसरे दिन शनिवार को 151 मे दोनों का चलान किया। इसके अलावा पुलिस के मना करने के बावजूद रास्ते मे निर्माण कार्य चल रहा था। सूचना पर 112 डायल पुलिस भी निर्माण न करने कि हिदायत देते हुए वापस चली गयी। लेकिन जब तक दिवार बनाकर रास्ता अवरुद्ध होने पर ही काम बंद हुआ। जिससे ताजियादारो मे आक्रोश पनप रहा है। लोगों का कहना है कि जो एप्लीकेशन लेकर चौकी में सूचना देने गए, उन्हीं को इंचार्ज ने बैठाकर 151 में चालान कर दिया। इस प्रकार तो कोई थाने और चौकी में जाने से डरेगा। फिर आखिर किससे लगाएं लोग न्याय की गुहार।
वही प्रकरण में ताजियादारो का कहना है कि हम लोग तलाबी नम्बर से साल मे दो दिन परम्परागत इसी रास्ते से निकलते थे। जबरन महौल खराब करने कि नियत से रास्ता बंद कर तहसील प्रशासन और स्थानीय प्रशासन को चुनौती दी गई है।