विकास दुबे की गिरफ़्तारी और उठते सवाल, देखे मौके के वीडियो कैसे चिल्ला कर बोला “मैं विकास दुबे हु कानपुर वाला” फिर कौन बोला शर्मा जी मरवाओगे क्या अकल ले लो
देखे वीडियो - उठा बड़ा सवाल, आखिर थाने तक विकास दुबे को पैदल क्यों ले जाया गया ?
तारिक आज़मी
उज्जैन: उत्तर प्रदेश का सबसे हाईटेक केस, कानपुर बिकरु में पुलिस वालो की हत्या। वह भी पुरे 8 बहादुर पुलिस वालो की हत्या। आरोपी कुख्यात अपराधी विकास दुबे। सियासत अपने परचम लहरा रही थी। सियासत के बीच मीडिया ने काफी समय के बाद अपनी भूमिका बढ़िया निभाई और मामले को हाईलाइट रखा। मुद्दे को दबने नही दिया। इधर अपने 8 साथियों की हत्या से उदासी और गुस्से से भरी उत्तर प्रदेश पुलिस ने मामले में अपनी कार्यवाही जारी रखा। विकास आगे आगे तो पुलिस पीछे पीछे। फिर आखिर वो हुआ जिसका शायद किसी को अंदाजा नही था। विकास दुबे उज्जैन में महाकाल मंदिर जाकर दर्शन करता है और बड़े ही नाटकीय ढंग से वहा के सुरक्षाकर्मियों के हत्थे चढ़ जाता है। जिसको पुलिस गिरफ्तार कर लेती है।
एमपी गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का बयान जारी होता है। बयान आप वीडियो में देख सकते है कि कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे की गिरफ्तारी पर उन्होंने क्या बयान दिया है। उन्होंने साफ़ कहा अभी मध्यप्रदेश पुलिस की कस्टडी में है विकास दुबे। गिरफ़्तारी कैसे हुई इसके बारे में कुछ भी कहना ठीक नही होगा। मंदिर के अन्दर से गिरफ़्तारी हुई ये कहना ठीक नही होगा। उन्होंने कहा कि इंटेलीजेंस की बात है ज्यादा कुछ भी कहना सही नहीं होगा। वारदात होने के बारे से ही हमने पूरी मप्र पुलिस को अलर्ट पर रखा था।
इसके बाद से विकास दुबे का मंदिर के पास का एक फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल होने लगता है। फोटो के साथ दावा किया जा रहा है कि विकास दुबे मंदिर के बाहर आ रहा था तब का ये फोटो है। बहरहाल, हम फोटो की सत्यता की पुष्टि नही करते है। मगर अगर फोटो को गौर से देखे तो लगता है कि बड़े ही आराम से विकास दुबे टहल रहा है।
#WATCH Madhya Pradesh: After arrest in Ujjain, Vikas Dubey confesses, "Main Vikas Dubey hoon, Kanpur wala." #KanpurEncounter pic.twitter.com/bIPaqy2r9d
— ANI (@ANI) July 9, 2020
वही समाचार एजेंसी ANI ने एक वीडियो ट्वीट किया है जिसमे विकास दुबे तेज़ आवाज़ में अपने आस पास कैमरों को देख कर कहता है कि “मैं विकास दुबे हु कानपुर वाला।” तभी एक थप्पड़ की आवाज़ आती है जो शायद एक कांस्टेबल विकास दुबे के सर पर पीछे से मारता है। एक आवाज़ और भी आती है। “अकल ले लो यार शर्मा जी मरवाओगे क्या?” पुरे इस वीडियो में ये बात समझ से परे नज़र आती है कि ये अकल देकर शर्मा जी को कौन क्या बताना चाहता है। और कौन सी अकल दे रहा है। विकास दुबे को लेकर इसके बाद स्थानिय पुलिस चली जाती है।
इसके अलावा सोशल मीडिया पर एक और वीडियो वायरल होता दिखाई दे रहा है। वीडियो में विकास दुबे बड़े ही शान से सीना ताने चल रहा है और उसके साथ कुल चार सिक्योरिटी गार्ड है एक कांस्टेबल है। किसी ने उसकी कलाई तक नही पकड़ी हुई है। जैसा कि दावा किया जा रहा था कि विकास दुबे लंगड़ा कर चल रहा है। इस वीडियो में कही से भी विकास दुबे लंगड़ा कर चलता नही दिखाई देता है। बल्कि सीना तान कर आराम से चल रहा है। इतना हाईटेक अपराधी और ऐसे आराम से टहलता हुआ चलता हुआ जा रहा है। सवाल ये उठा रहा है कि क्या विकास दुबे महाकाल के चरणों में प्रणाम करके खुद को सरेंडर करने के लिए गया हुआ था।
आखिर इतना खूंखार और दुर्दान्त अपराधी ऐसे पुलिस के हत्थे आराम से चढ़ गया सोच कर भी अचम्भा होता है। शायद अदालत में उसके वकील इस बात पर जिरह करेगे कि विकास दुबे उस हत्याकांड में शामिल होता तो ऐसे कैसे पकड़ा जाता। आखिर ये सभी वीडियो किसने बनाये ये भी एक बड़ा सवाल है। क्या विकास दुबे समाज और आम जनता के साथ साथ मीडिया को खुद का सरेंडर अथवा गिरफ़्तारी दिखाना चाहता था।
बताते चले कि कानपुर के चौबेपुर में घटना को अंजाम देकर फरार विकास पहले दिल्ली-एनसीआर पहुंचा, लेकिन पुलिस के दबिश को देखते हुवे वह दिल्ली से सटे हरियाणा के फरीदाबाद जा पहुचता है। फरीदाबाद में हुई पुलिस दबिश में मिले फुटेज इस बात को ज़ाहिर और साबित करते है कि विकास दुबे फरीदाबाद में मंगलवार को था। इसके बाद उसकी लोकेशन ट्रेसिंग होना शुरू रही। इस दौरान फरीदाबाद से गिरफ्तार उसका एक साथी आज अहले सुबह जब ट्रांजिट रिमांड में कानपुर लाया जा रहा था तो भागने की कोशिश में मारा जाता है।
इसके बाद बताया जाता है कि विकास दुबे मध्य प्रदेश की तरफ भाग निकलता है। इस दौरान मध्य प्रदेश के उज्जैन में विकास दुबे महाकाल के दर्शन के बाद गिरफ्तार हो जाता है। फरीदाबाद से उज्जैन कुल लगभग 800 किलोमीटर का सफ़र है और सही तरीके से अगर लगातार ड्राइविंग किया जाए तो लगभग 16 घंटे लग जायेगे। इतनी दूर तक क्या विकास दुबे बस से गया था। या फिर अपने साधन से गया था। ये जानकारी अभी उपलब्ध नही है। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार विकास दुबे फरीदाबाद से कोटा आता है। जो लगभग 500 किलोमीटर है। इसके बाद वहा से वह उज्जैन जाता है जो लगभग 300 किलोमीटर है।
अब सवाल ये उठता है कि इतना बड़ा अपराधी, इतना बड़ा मामला कि पुरे देश की मीडिया हर कोने कोने में इसकी फोटो दिखा रहा है। हर एक व्यक्ति शायद उसको पहचानता है। वो इंसान 800 किलो मीटर सफ़र करता है। पुलिस पीछे है उसके बाद भी आसानी से वह उज्जैन पहुच जाता है। बड़ा सवाल पैदा करता है कि हर एक रास्ते का टोल नाका से लेकर हर एक पिकेट जिसको हाई अलर्ट पर रखे जाने की बात कही गई थी। वो आखिर कहा थी? क्या इसको ऐसे कहा जा सकता है कि सोती रही पुलिस और एक प्रदेश से दुसरे प्रदेश तक घूमता रहा विकास दुबे?
वही सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आज शाम 4 बजे जब आप ये लेख पढ़ रहे होंगे तब तक विकास दुबे को उज्जैन कोर्ट में पेश किया जायेगा। सूत्र बताते है कि इसके बाद उसको स्पेशल चार्टर्ड प्लेन से कानपुर लाया जायेगा। आखिर विकास दुबे के लिए इतना सब कुछ क्यों? सवाल काफी बड़ा है। सूत्र तो ये भी बताते है कि स्थानीय मीडिया को उसने जानकारी भी दिया अपने सरेंडर करने के लिए। इसके बाद वो मंदिर जाता है और फिर सरेंडर अथवा फिर गिरफ्तार।
शुरू में दावा किया गया कि विकास दुबे जब पूजा करके वो बाहर निकला तो सिक्योरिटी वाले उसे लेकर आये। आईडी दिखाने को कहा जो किसी और के नाम से बनी थी। जब सिक्योरिटी ने ज्यादा पूछा तो वो मारपीट करने लगे। थाने लेकर आये तो उसने कबूल कर लिया। मगर समय के साथ वायरल होते वीडियो ने बहुत से सवाल खड़े कर डाले है। गिरफ़्तारी के बाद के दो फोटो वायरल हो रहे है। विकास दुबे एक दबंग और माफिया के तरह कुर्सी पर बैठा हुआ है। टांग पर टांग चढ़ा कर बैठे विकास दुबे की फोटो देख कर लगता है कि उसके चेहरे पर एक कुटिल मुस्कान है।
बहरहाल, उत्तर प्रदेश पुलिस की किरकिरी हुई है। पुरे प्रकरण में उत्तर प्रदेश पुलिस सिर्फ अपने यहाँ के विभीषण को तलाशती रह गई। पुलिस की किरकिरी की क्या हद होगी कि क्षेत्राधिकारी के कार्यालय तक से कागज़ात गायब होने के समाचार तक वायरल हुवे। मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस सिर्फ हाथ मलती रह गई है।