दलालों के माध्यम से पास होती हैं लोन फाइलें
फारुख हुसैन
पलियाकलां-खीरी। नगर की लगभग एक दर्जन बैंकों में अगर किसान को खेती से सम्बंधित या जमीन पर लोन लेना है तो बैंक प्रबंधक द्वारा उसे लगातार टहलाया जाता है। परंतु वही काम बैंक में टहल रहा एक व्यक्ति (दलाल) आसानी से करा देता है। अब सवाल उठता है कैसे? जब इसकी पड़ताल की गई तो मामला खुल कर सामने आया।
बैंकों में किसानों को क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए भटकना पड़ता है। आरोप है कि बैंक अधिकारी सीधे तौर पर बात करना गवारा नहीं समझते। इसी मजबूरी का फायदा उठाते हुए दलाल उन्हें अपने चंगुल में फंसा लेते हैं। दलाल बैंक से सांठगांठ करके लोन में पंद्रह से बीस प्रतिशत का कमीशन तय करने के बाद लोन पास करा देते हैं। लोन कराने जाने वाले अधिकांश किसान बैंक दलालों के चंगुल में फंस हुए हैं। दरअसल किसानों को कम ब्याज पर लोन देने का सपना दिखाकर बैंक मैनेजर और फील्ड ऑफिसर स्वीकृत लोन का आधा-तिहाई पैसा ही किसानों को थमा रहे हैं। बैंको से लिए गए कर्ज की रकम का 25 से 30 फीसदी हिस्सा फाइल तैयार कराने और कमीशन खोरी की भेंट चढ जाता है। जब वसूली की गाज गिरती है, तब एक लाख के लोन की दो और तीन लाख की नोटिस देखकर किसान बुरी तरह घबरा जाते है।
किसानों से कमीशन खोरी के मामले में हाल ही में मझगईं स्थिति एक बैंक का नाम अखबारों की सुर्खियां बन चुका है जिसमें अभी भी दलाल बैंक शाखा में किसानों को लोन देने में 15 से 20 फीसदी कमीशन खोरी कर रहे हैं। जबकि कुछ किसानों का आरोप है कि बैंकों में तैनात बैंक मैनेजर लोन का पैसा कमीशन काटकर देते है। बताते चले बैंकों से लोन लेने वाले किसान फसली ऋण ज्यादातर लेते है। जो कि केसीसी के तहत लिया जाता है। जब किसान बैंक में लोन की जानकारी करने पहुंचता है तो वहाँ पर पहले से मौजूद दलाल उसको बरगलाने में लग जाता है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि अब इन दलालों ने जगह-जगह अपने ऑफिस खोल दिये हैं। जहाँ पर से बाकायदा किसानों के लोन सम्बन्धी फाइलों को तैयार किया जाता है। अगर एक माह के अंदर का सीसीटीवी डेटा निकलवाया जाए तो इन दलालों को आसानी से पहचाना जा सकता है।
कुछ भुक्तभोगी क्षेत्रीय किसानों ने बैक के आरएम, जीएम और जिलाधिकारी समेत कई जिम्मेदार अफसरों को शिकायती पत्र भेजकर कमीशन खोरी के खिलाफ आवाज उठाई है, किन्तु नतीजा वही ढाक के तीन पात। कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही। उल्टे कमीशन खोर बैंक मैनेजर इन किसानों को फर्जी मामलो में जेल भिजवानें की धमकी दे रहे हैं। जिसके चलते किसान आत्महत्या पर आमादा हो जाते हैं। वहीं मैनेजर की शह पर बैंक के दलाल किसानों से गुण्डागर्दी पर भी आमादा हो जाते हैं।