देश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले, एक दिन में मिले 77 हज़ार से अधिक नए संक्रमण के मामले, मृतकों की संख्या हुई 61 हज़ार पार
तारिक़ आज़मी
नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस का कहर बढ़ता जा रहा है। इस बीच देश में कोरोना वायरस का मामला 33.87 लाख के करीब पहुच गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से आज शुक्रवार को सुबह जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारत में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 33,87,500 हो गई है।
पिछले 24 घंटों में कोरोना के 77,266 नए मामले सामने आए हैं। इसके अलावा आज 1,057 लोगों की मौत हुई है। वहीं, देश में कोरोना से अब तक 61,529 लोगों की मौत हो चुकी है, हालांकि राहत की बात यह है कि 25,83,948 मरीज इस बीमारी को हराने में कामयाब भी हुए हैं। इसके बावजूद भी देश में अभी तक के आकड़ो के अनुसार 7.42 लाख से अधिक एक्टिव केस मौजूद है। देश में अभी कोरोना का पॉजिटिविटी रेट 8.57% पर चल रहा है। यानी कि जितने सैंपलों की जांच हो रही है, उनमें से 8.57 फीसदी मामले कोरोना से संक्रमित निकल रहे हैं। देश में 26 अगस्त को 9,24,998 कोरोना सैंपल टेस्ट किए गए. अभी तक 3,85,76,510 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं। देश के लगभग सभी राज्यों से कोरोना मरीज सामने आ रहे हैं। कई राज्य ऐसे भी हैं, जो इस महामारी से मुक्त हो चुके थे लेकिन प्रवासियों के राज्य में दाखिल होने से वह फिर से इस संक्रमण की जद में आ गए।
बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पिछले दो दिनों से कोरोना मामलों के बढ़ने से केजरीवाल सरकार की चिंता एक बार फिर बढ़ गई है। सरकार ने टेस्टिंग बढ़ाने पर जोर देने की बात कही लेकिन केंद्र सरकार पर टेस्टिंग रोकने का आरोप भी लगाया। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने गृह सचिव अजय भल्ला को पत्र लिख टेस्टिंग नहीं बढ़ाने को लेकर अधिकारियों पर दबाव डाले जाने का आरोप लगाया है। जैन ने गृह मंत्रालय पर दिल्ली में टेस्टिंग बढ़ाने से रोकने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘कुछ अधिकारियों ने बताया कि गृह मंत्रालय द्वारा दिल्ली के अधिकारियों पर दबाव डाला जा रहा है कि दिल्ली में टेस्टिंग और नहीं बढ़ानी हैं।’
बताते चलें कि शोधकर्ताओं की एक टीम ने सर्जरी के दौरान मरीजों की नाक से निकाले गए टिश्यू का अध्ययन किया। उन्होंने पाया कि कोरोना से संक्रमित होने से मरीज सूंघने की क्षमता खो देता है, भले ही उन्हें कोई अन्य लक्षण न हों। शोधकर्ताओं ने पाया कि नाक का जो हिस्सा सूंघने में मदद करता है, वहां angiotensin-converting enzyme II (ACE-2) का स्तर काफी ज्यादा था। इस एंजाइम को कोरोना संक्रमण के लिए प्रवेश बिंदु माना जाता है। जहां से कोरोनावायरस शरीर की कोशिकाओं में प्रवेश करता है और संक्रमण फैलता है।
इस शोध का अध्ययन करने वाले प्रोफेसर लेन ने कहा, ‘मैं नाक और साइनस की समस्याओं का विशेषज्ञ हूं, इसलिए कोरोना में सूंघने की क्षमता पर असर होना, मेरे लिए अध्ययन का विषय बना। जबकि अन्य श्वसन वायरस आमतौर पर वायुप्रवाह में बाधा के माध्यम से सूंघने की क्षमता को नुकसान पहुंचाते हैं, कोरोनावायरस कभी-कभी अन्य लक्षणों की अनुपस्थिति में सूंघ न सकने का कारण बनता है।’