सीएम से मिलने पैदल ही जा रहे थे संजीत के परिजन, पुलिस ने रोका तो हुई धक्का मुक्की, संजीत की बहन और माँ ने किया ख़ुदकुशी का प्रयास
मो0 कुमैल
कानपुर. बर्रा के संजीत अपहरण तथा हत्याकांड में पुलिस की सुस्त जांच से खफा परिजन हाथों में तख्तियां लेकर मुख्यमंत्री से मिलने के लिए पैदल ही लखनऊ के लिए निकल पड़े। इस दरमियान पुलिस से परिजनों की धक्कामुक्की और झड़प भी हुई। संजीत की मां कुसुमा, बहन रुचि ने ट्रक के सामने लेटकर जान देने की कोशिश भी किया। यही नहीं नौबस्ता चौराहे पर झड़प के दौरान किसी ने सीओ विकास पांडेय की नेमप्लेट और बांहों में लगे बिल्ले भी नोच लिए। फोर्स उन्हें बचा कर किनारे ले आई। इसके चलते करीब दो घंटे हाईवे पर चारों तरफ से जाम लगा रहा।
कल यानी गुरुवार सुबह करीब 9:20 बजे संजीत के पिता चमन सिंह, मां व बहन करीब 50 लोगों के साथ मुख्यमंत्री से मिलने लखनऊ जाने लगे। बर्रा बाईपास पर पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। सूचना पर एसपी साउथ दीपक भूकर तीन थानों की फोर्स के साथ नौबस्ता चौराहे पर डट गए। नौबस्ता बाईपास पर भीड़ को पुलिस ने चारों तरफ से घेर लिया। लखनऊ जाने को लेकर पुलिस से झड़प हुई। इससे खफा परिजन चौराहे पर ही मांगों को लेकर धरने पर बैठ गए। संजीत की मां व बहन ने ट्रक के आगे कूदकर जान देने का प्रयास किया।
जानकारी पाकर मौके पर एसीएम प्रथम आरपी वर्मा भी पहुंच गए। एसीएम व एसपी ने परिजनों को 15 अगस्त के बाद सीएम से मिलवाने का आश्वासन देकर शांत कराया। परिजनों ने संजीत अपहरणकांड में सीबीआई जांच में हो रही देरी पर रोष जताया। करीब ढाई घंटे के बाद परिजन शांत हुए। एसपी ने दोपहर करीब 12:30 बजे परिजनों को घर भिजवाया। हंगामे के दौरान संजीत के पिता चमन सिंह ने मुख्यमंत्री को प्रेषित ज्ञापन एसीएम को सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने पूर्व थाना प्रभारी रणजीत राय व पूर्व जनतानगर चौकी प्रभारी राजेश कुमार पर अपर्ह्ताओं के साथ मिलीभगत का आरोप लगा उनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। इसके अलावा मामले की निष्पक्ष सीबीआई जांच की मांग की।