सशक्त राष्ट्र निर्माण के लिए बचपन स्वस्थ होना बेहद जरूरी : जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह
रोबिन कपूर
फर्रुखाबाद , सबल एवं सशक्त राष्ट्र निर्माण के लिये बचपन का स्वस्थ होना बहुत जरूरी है। कुपोषण किसी भी राष्ट्र के लिये अभिशाप के समान है।जब तक हम कुपोषण नामक राक्षस को अपने जिले, प्रदेश और देश से भगा नहीं देंगे तब तक हम सभी को चैन से नहीं बैठना होगा। यह बात जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह ने जिलाधिकारी कार्यालय से सोमवार को राष्ट्रीय पोषण माह का शुभारम्भ करते हुए कहीं।
मुख्य विकास अधिकारी राजेन्द्र पैंसिया ने इस दौरान कहा कि हम कुपोषण के साथ एक स्वस्थ देश और स्वस्थ भविष्य की कल्पना नहीं सकते हैं| इसके लिए हम सबको जागरूक होना पड़ेगा और साथ मिलकर इस समस्या का समाधान निकालना होगा तभी हम स्वस्थ कल का निर्माण कर पाएंगे।
जिला कार्यक्रम अधिकारी भारत प्रसाद ने बताया हर वर्ष सितम्बर माह को पोषण माह के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष भी पोषण माह का आयोजन आज से शुरू हो गया है, लेकिन कोविड के चलते परिस्थितियां बदली हुई हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गृह भ्रमण के दौरान माता-पिता को कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य सुधार के लिए परामर्श देंगी और उन्हें व्यवहार परिवर्तन के बारे में बताएंगी। उन्हें बताया जाएगा कि किस तरह से बच्चों की देखभाल करनी है और उन्हें पुष्टाहार देना है।
उन्होंने बताया जनपद में इस समय शून्य से पांच वर्ष तक के करीब 2,03,723 बच्चे हैं। इनमें अति कुपोषित बच्चों की संख्या 696 है। 4,825 बच्चे कुपोषित चिह्नित किये गये हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय विकास एजेण्डे में पोषण को केन्द्र में लाने के लिये पोषण अभियान की शुरूआत की गयी। इसका लक्ष्य अल्प वजन, कम वजन के शिशु एवं एनीमिया की दर में कमी लाने के साथ ही 6 वर्ष तक के बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं की पोषण सम्बन्धी स्थिति सुधारना है। पोषण अभियान कार्यक्रम न होकर एक जन आन्दोलन और भागीदारी है। इस अभियान में अन्तर्विभागीय समन्वय की अहम भूमिका है। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां, आशा, एएनएम समेत बेसिक शिक्षा, पंचायतीराज, वन विभाग, उद्यान विभाग, स्वास्थ्य विभाग मिलकर अभियान को मूर्त रूप प्रदान करेंगे।
डीपीओ ने बताया कि इस वर्ष पोषण माह-2020 दो मुख्य उद्देश्यों पर आधारित है। पहला अति कुपोषित बच्चों को चिह्नित और उनकी मॉनिटरिंग करना, दूसरा किचन गार्डन को बढ़ावा देना। इस माह के दौरान धात्री माताओं को सुपोषण के प्रति जागरूक और उत्साहित किया जाएगा।
इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वंदना सिंह ने कहा कि जब हमारी किशोरी स्वस्थ होगी तभी हम स्वस्थ भारत का निर्माण कर पाएंगे। साथ ही कहा कि जब एक किशोरी किसी के घर की रौनक बनकर जाती है, तो उस घर का भविष्य गढ़ रही होती है| यही भविष्य जब माँ के गर्भ में आता है, उस समय माँ की देखभाल अधिक आवश्यक हो जाती है| अगर माँ स्वस्थ रहेगी तो खूबसूरत कल को जन्म देगी।
साथ ही कहा इस दौरान प्रसव से पहले कम से कम चार ए.एन.सी. जांच ए.एन.एम. दीदी या डॉक्टर से ज़रूर करवायें। नज़दीकी अस्पताल या चिकित्सा केन्द्र पर ही अपना प्रसव करायें। नवजात शिशु को जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान शुरू करायें तथा शिशु को अपना पहला पीला गाढ़ा दूध पिलायें। मां का पहला पीला गाढ़ा दूध बच्चे का पहला टीका होता है। इस दौरान सभी विभागों के अधिकारी, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग से सीडीपीओ और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियाँ मौजूद रहीं।