गरीबों के थाली से दूर होती दिख रही हरी सब्जियां
बापू नंदन मिश्रा
फुटकर मंडियों में सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं दुकानदार मनमाने ढंग से सब्जियों का दाम ले रहे हैं। लोग विवश होकर अधिक दाम देकर सब्जी खरीद रहे है। आम आदमी महंगाई से वैसे ही त्रस्त है, ऊपर से फुटकर सब्जी विक्रेताओ की मनमानी से लोग सब्जी खरीदने से मुंह मोड़ते जा रह है। सब्जियां हर घर की जरूरत है, लिहाजा लोग मनमानी कीमत देकर खरीदने को मजबूर है। सब्जियों में सबसे महंगी हरी सब्जीया है।
सामान्य दिनों की अपेक्षा हरा मिर्च महंगा हुआ है बाजार में सब्जियों के भंटा रु० 60, टमाटर रु० 80, सरपोतिया 60, आलू 32, सूरन 40, धनिया 130, कोहड़ा 30, केला रु० 40 प्रति किलो के हिसाब से बाजार में बिक रहा हैं। इन सब्जियों के दाम आखिर क्यों महंगे है इसका कोई माकूल जवाब नही दे रहा है। वही थोक बाज़ार में इतनी अधिक दाम में उछाल न होने की बात सामने आ रही है। इससे ये ज़ाहिर होता है कि थोक से फुटकर मंडियों पर के बीच काफी बड़ा फासला कीमतों ने तय कर रखा है।
इस सम्बन्ध में हमसे बात करते हुवे एक महिला खरीदार नम्रता ने कहा कि पहले प्याज अपने कटने पर ही आंसू निकाल देती थी। मगर अब हर एक सब्जी अपने कीमतों पर ही आंसू गिरा दे रही है। इस तरह हालत होते जा रहे है कि आलू की कीमतों को इतना अधिक कभी पहले नही देखा था। अब तो हरी धनिया भी अपनी कीमत से आंसू निकलने को बेताब दिखाई दे रही है।