राज्यसभा के उपसभापति ने राष्ट्रपति को लिख खत, कहा “बहुत दुखी हु, रात भर सो नही पाया,” प्रधानमन्त्री ने पत्र साझा कर कहा सभी देशवासियों को ये खत ज़रूर पढना चाहिये
तारिक़ खान
नई दिल्ली: एक तरफ कृषि विधेयक पर विरोध के दौरान निलंबित सांसद संसद में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने इस पूरे प्रकरण को देखते हुए 24 घंटे उपवास पर रहने का फैसला किया है। उन्होंने उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू को पत्र लिख पूरे मामले पर अपनी वेदना व्यक्त करते हुए कहा कि वह अगले 24 घंटे उपवास पर रहेंगे। उपवास आज सुबह से शुरू होकर कल सुबह तक जारी रहेगा। इस दौरान वह संसद का कामकाज जारी रखेंगे।
Rajya Sabha Deputy Chairman Harivansh to observe one-day fast against the unruly behaviour with him in the House by Opposition MPs during the passing of agriculture Bills on 20th September pic.twitter.com/cphCDVHrqM
— ANI (@ANI) September 22, 2020
अपने पत्र में उपसभापति ने लिखा कि राज्यसभा में जो कुछ हुआ उससे बहुत पीड़ा में हूं, वेदना के कारण रात भर सो नहीं पाया। तीन पन्ने की चिट्ठी में उन्होंने लिखा कि उच्च सदन की मर्य़ादिट पीठ पर मेरे साथ जो अपमानजनक व्यवहार हुआ, उसके लिए मुझे एक दिन का उपवास करना चाहिए। शायद मेरे उपवास से इस तरह का आचरण करने वाले माननीय सदस्यों के अंदर आत्मशुद्धी का भाव जागृत हो।
वहीं इससे पहले आज सुबह राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश प्रदर्शन कर रहे निलंबित सांसदों के लिए चाय लेकर पहुंचे थे लेकिन निलंबित सांसदों ने उप-सभापति की चाय पीने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि हम यहां किसानों के लिए बैठे हैं। उन्होंने कहा कि नियमों को ताक पर रखकर किसान विरोधी बिल पास कराया गया जबकि बीजेपी के पास बहुमत नहीं था। आपने कोशिश नहीं की। हम संसद परिसर में बैठे हैं क्योंकि किसानों के साथ धोखा हुआ है।
माननीय राष्ट्रपति जी को माननीय हरिवंश जी ने जो पत्र लिखा, उसे मैंने पढ़ा। पत्र के एक-एक शब्द ने लोकतंत्र के प्रति हमारी आस्था को नया विश्वास दिया है। यह पत्र प्रेरक भी है और प्रशंसनीय भी। इसमें सच्चाई भी है और संवेदनाएं भी। मेरा आग्रह है, सभी देशवासी इसे जरूर पढ़ें। pic.twitter.com/K9uLy53xIB
— Narendra Modi (@narendramodi) September 22, 2020
दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस पत्र को ट्वीट करते हुवे लिखा है कि सभी देशवासियों को ये पत्र ज़रूर पढना चाहिये। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि “माननीय राष्ट्रपति जी को माननीय हरिवंश जी ने जो पत्र लिखा, उसे मैंने पढ़ा। पत्र के एक-एक शब्द ने लोकतंत्र के प्रति हमारी आस्था को नया विश्वास दिया है। यह पत्र प्रेरक भी है और प्रशंसनीय भी। इसमें सच्चाई भी है और संवेदनाएं भी। मेरा आग्रह है, सभी देशवासी इसे जरूर पढ़ें।