मुर्री बंद – जाने शासन से क्या मिला आश्वासन, जिसने खत्म किया बुनकरों की हड़ताल, जाने दिन भर की गतिविधियाँ
मो0 सलीम/अरशद रज़ा/फुल मुहम्मद “लड्डू”/इदुल अमीन
वाराणसी। उत्तर प्रदेश में चल रही बुनकरों की हद्ताद “मुर्री बंद” आज शासन से हुई बुनकरों की बैठक के बाद मिले आश्वासन पर खत्म हुई। वाराणसी के बुनकर बिरादरान की तंजीम चौदहों के सरदार मकबूल हसन ने पत्र जारी करके “मुर्री बंद” समाप्त करने की घोषणा किया। उन्होंने हमसे फोन पर हुई बातचीत में बताया कि बुनकर प्रतिनिधि के तौर पर अब्दुल्लाह अंसारी और अब्दुल हफीज अंसारी की वार्ता आज कपडा मंत्रलाय के सचिव से हुई। उन्होंने कहा है कि 31 जुलाई तक की सभी बिजली की बिल पुराने दरो के अनुसार लिया जायेगा, वही अगले 15 दिनों में नया प्रस्ताव लाया जायेगा, जो वर्त्तमान दर से भी बेहतर स्कीम होगी।
सरदार मकबूल हसन ने कहा कि इसके बाद हमने “मुर्री बंद” समाप्त करने की घोषणा किया है। कल से सभी बुनकर समाज अपने कामो पर वापस लौट जायेगे और कारखाने शुरू हो जायेगे। इस क्रम में हमारे द्वारा पत्र जारी किया जा चूका है। बताते चले कि प्रदेश सरकार ने बुनकरों को फ्लैट रेट में बिजली मिलने के प्रावधान को खत्म करके प्रति यूनिट बिजली का नियम लागू कर दिया था। जिसके विरोध में बुनकर समिति ने हड़ताल का निर्णय लिया था। इसके बाद इस हड़ताल को बुनकर बिरादरान की तंजीम का समर्थन भी मिला और सभी सरदारों ने “मुर्री बंद” की घोषणा किया था।
क्या हुआ आज दिन भर
कल बुनकर समाज के ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शनों के बाद आज का दिन अधिकतर बुनकरो ने रोज़ा (उपवास) के तौर पर बिता कर विरोध दर्ज करवाया। शहर के लगभग हर एक इलाके में ही लोगो ने घरो में रहकर उपवास का कार्यक्रम किया। इस दरमियान लोहता से लेकर बजरडीहा, तो अलईपूरा से लेकर कोयला बाज़ार तक हर एक बुनकर बाहुल्य इलाको में उपवास किया गया।
आर्थिक बदहाली की मार सहता बुनकर कहा से जमा करेगा इतनी बिजली की बिल – इन्तियाज़ फारुकी
लोहता की ग्राम प्रधान शबीना फारुकी के पति इम्तेयाज़ फारुकी ने आज अपने समर्थको के साथ अपने घर में ही उपवास रखा। सोशल डिस्टेंस का पूरा पालन करते हुवे इम्तेयाज़ फारुकी और उनके समर्थको ने इस उपवास को किया। हमसे बात करते हुवे इम्तेयाज़ फारुकी ने बताया कि मैं खुद बुनकर बाहुल्य क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता हु। यहाँ लगभग 70% लोगो का मुख्य व्यवसाय बिनकारी है। बुनकर इस समय आर्थिक तंगी की हालत से गुज़र रहे है। उनके ऊपर ये बढे हुवे बिजली के भार से पूरा व्यवसाय ही खत्म हो जायेगा।
उन्होंने कहा कि बनारस की गंगा जमुनी तहजीब का मुख्य केंद्र बिंदु यह बुनकर समाज है। हमारे देश में गंगा जमुनी तहजीब का मरकज़ अगर कोई शहर है तो वह है शहर बनारस। आप देखे हमारे यहाँ इस रिश्ते को तानी बाने का रिश्ता कहा जाता है। बिनकारी अथवा साडी व्यवसाय से बनारस की अधिकतर अर्थव्यवस्था चलती है। सरकार के द्वारा एक गलत निर्णय ले लेने से शहर की पूरी अर्थव्यवस्था ही जर्जर हो जाएगी। सरकार को अपना निर्णय वापस लेना चाहिए और पुराने नियम फ्लैट रेट पर बुनकरों को बिजली उपलब्ध करवाया जाना चाहिए।
बुनकर अपना पॉवरलूम बेचकर भी बिजली का बकाया नही दे पायेगा – पार्षद रमजान अली
वही कांग्रेस पार्षद एवं बुनकर नेता रमजान अली ने आज अपने समर्थको और क्षेत्र के संभ्रांत नागरिको के साथ सामूहिक उपवास रखा। स्वयं उनके घर पर इस सामूहिक उपवास के तहत सभी उनके साथी और काफी बुनकर उपवास पर बैठे। इस दरमियान उपवास पर बैठे बुनकरों ने फ्लैट रेट खत्म किये जाने के सरकार के फैसले को अविवेकपूर्ण फैसला बताया और सरकार के सद्बुद्धि हेतु दुआ भी किया गया।
हमसे बात करते हुवे कांग्रेस पार्षद रमजान अली ने बताया कि सरकार ने 1 जनवरी से फ्लैट रेट खत्म कर दिया है। इससे हर एक बुनकर के ऊपर लाखो रुपया बिजली की बिल बकाया हो गई है। बुनकर लॉक डाउन के कारण भुखमरी के कगार पर पहुच गया है। वह अपनी सभी मशीने बेच कर भी इस बिल का भुगतान नहीं कर पायेगा। सरकार के इस फैसले से बुनकरों की परम्परागत कला लुप्त हो जायेगी। बुनकर जो पहले ही सड़क पर आने के कगार पर आ चूका है। सडको पर ही आ जायेगा। सरकार को फ़्लैट रेट वापस बुनकरों को देना चाहिए ताकि ये कला बची रहे।
इस सामूहिक उपवास में मुख्य रूप से मौलाना वसीम मजहरी, एखलाक महतो, मजीद खान, फ़िरोज़ खान, मो0 हाशिम, इरशाद अली, रमजान अली इत्यादि बुनकर और बुनकर नेता उपस्थित थे। इस दरमियान वाराणसी वस्त्र बुनकर संघ के मीडिया प्रभारी रमजान अली ने संघ के जानिब से एक पत्रकार वार्ता कल रखा है। जिसमे अब आशा किया जा रहा है कि वाराणसी वस्त्र बुनकर संघ अपने हड़ताल को वापस ले लेगा।
खाली पेट बुनकर कहा से देंगे इतना बिजली का बिल – फरजाना अंसारी
फ्लैट रेट बिजली की मांग को लेकर सपा नेता और पूर्व पार्षद फरजाना अंसारी ने महिलाओं सहित अपने आवास पर सामूहिक उपवास रखा। इस दरमियान महिलाओं ने दुआ किया कि सरकार उनकी मज़बूरी समझे और बिजली के फ्लैट रेट की व्यवस्था दुबारा लागू करे। इस दरमियान हमसे बात करते हुवे फरजाना अंसारी ने बताया कि बुनकर समाज का पेट पहले से ही खाली है। उस पर जनवरी माह से ही फ़्लैट रेट को खत्म करके अचानक यूनिट के अनुसार बिजली देने का सरकार का निर्णय आ गया। तब तक लॉकडाउन लग गया। अब बुनकरों की बिल लाख के ऊपर बकाया हो गई है। इस बकाया बिल का भुगतान आखिर खाली पेट बुनकर करेगा कहा से ? उन्होंने सरकार से मांग किया है कि वह अपने निर्णय पर विचार करे और बुनकरों के हित में फ्लैट रेट का नियम वापस लागू करे।
सरकार शायद बुनकरों को बहुत अमीर समझती है, जबकि हकीकत ये नहीं है – कांग्रेस नेता शम्भू नाथ बाटुल
इस सम्बन्ध में हमारी बातचीत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शम्भुनाथ बाटुल से हुई। उन्होंने कहा कि मैं बुनकर समाज के इस हड़ताल यानी “मुर्री बंद” का समर्थक हु। प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार शायद बुनकरों को बहुत अमीर समझती है। जबकि हकीकत ये नहीं है। मैं खुद बुनकर बाहुल्य इलाके का प्रतिनिधित्व करता हु। सरकार की सोच और नीतियाँ गलत है। बुनकर वर्ग काफी गरीब है। मगर खुद्दार है। वह अपने लिए हाथ नही फैलाता है। सरकार को सोचना चाहिए कि इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी मुद्दे पर पुरे प्रदेश में “मुर्री बंद” एक साथ हुई है। बुनकरों को फ्लैट रेट से बिजली न देना उनके साथ अत्याचार होगा और बनारस की बिनकारी कला विलुप्त हो जाएगी।