1984 से विलुप्तप्राय गैंडों का घर है दुधवा, दुधवा टाइगर रिजर्व में मनाया गया वर्ल्ड राइनो डे
फारुख हुसैन
पलियाकलां-खीरी। पूरे विश्व में 22 सितम्बर वर्ल्ड राइनो डे के रूप में मनाया जाता है। धरती पर गैंडे विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुके हैं। समूचे विश्व में गैंडों के संरक्षण के लिये कई उपाय किये जा रहे हैं, जिसके फलस्वरूप दुनिया में कुछ जगहों पर गैंडों की आबादी संतोषजनक स्थिति में हो गई है। गैंडों के संरक्षण में भारत के उत्तर प्रदेश के जिला लखीमपुर खीरी का महत्वपूर्ण योगदान है।
वर्ष 1984 में दुधवा में गैंडा पुनर्वास परियोजना पांच गैंडों से शुरू की गई थी। जहां पूरे विश्व में गैंडों की संख्या विलुप्त होती जा रही है वहीं उत्तर प्रदेश के दुधवा में गैंडों का परिवार तेजी के साथ फलफूल रहा है।दुधवा में मौजूद हैं 31 गैंडेदुधवा टाइगर रिजर्व में दो स्थानों पर गैंडा पुनर्वास परियोजना चलाई जा रही है। वर्तमान में दुधवा में 31 गैंडे विचरण करते हैं। जिसमें से 27 गैंडे गैंडा पुनर्वास परियोजना आरआर वन रेंज सोनारीपुर के ककराहा क्षेत्र में और अप्रैल 2018 में स्थापित की गई गैंडा पुनार्वास परियोजना फेज टू में 04 गैंडे विचरण कर रहे हैं। यह परियोजना बेलरायां रेंज के छंगा नाला के स्थापित की गई है। फेज वन परियोजना 27 वर्ग किलो मीटर व फेज टू परियोजना 14 वर्ग किलो मीटर क्षेत्र में फैला है।
बेहतर कार्य करने वाले कर्मचारी हुए पुरस्कृत
दुधवा टाइगर रिजर्व के पर्यटन परिसर में 22 सितम्बर को हर साल की तरह इस बार भी विश्व गैंडा दिवस मनाया गया। इस दौरान मानिटरिंग में बेहतर कार्य करने वाले कर्मचारियों को दुधवा के डिप्टी डायरेक्टर मनोज कुमार सोनकर ने पुरस्कृत भी किया।
इस दौरान विशेषज्ञों ने मौजूद कर्मचारियों को गैंडों से सम्बंधित विभिन्न महत्वपूर्ण जानकारियां दीं। मंगलवार को दुधवा टाइगर रिजर्व के सलूकापुर में विश्व गैंडा दिवस मनाया गया। कोरोना काल के चलते इस बार किसी प्रकार की कोई प्रतियोगिताएं नहीं हो सकी लेकिन मानिटरिंग में बेहतर कार्य करने वाले कर्मचारियों को दुधवा टाइगर के डिप्टी डायरेक्टर मनोज कुमार सोनकर ने पुरस्कार देकर सम्मानित किया। इस दौरान कार्यक्रम में शामिल विशेषज्ञों ने कर्मचारियों को गैंडों से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारियां दीं। इस अवसर पर एसडीओ सीपी सिंह सहित विभिन्न कर्मचारी मौजूद रहे।