पुरोहित दंपत्ति हत्याकांड में एकलौता चश्मदीद गवाह हो जाता “हनी ट्रैप” शिकार, वाराणसी पुलिस की मेहनत से षड़यंत्र हुआ फेल, जाने आरोप लगाने वाली महिला के सम्बन्ध में बड़ा खुलासा
तारिक़ आज़मी के संग कानपुर से आदिल अहमद, उन्नाव से मो0 कलीम और शुक्लागंज से मुशीर खान की रिपोर्ट
वाराणसी. 21 सितंबर 2019 की सुबह खून की होली खेली गई थी। एक भाई ने संपत्ति की लालच में ही अपने भाई भाभी की हत्या कर दिया था। कर्मकांड करवाने वाले पुरोहित और समाज सेवक तथा पुर्व कांग्रेस नेता के के उपाध्याय तथा उनकी पत्नी मामला की निर्मम हत्या खुद उनके छोटे भाई राजेंद्र और उसकी पत्नी पूजा ने अपने साथियों के साथ मिलकर किया था। इस निर्मम हत्या के पीछे सपत्ति पर कब्जेदारी मुख्य उद्देश्य निकल कर सामने आया था। पुलिस सूत्रों की माने तो पुरे परिवार को ही खत्म करने का षड़यंत्र था, मगर के के उपाध्याय की पत्नी ने अपने बेटो की जान खुद की आखरी साँस तक बचाई थी।
बहरहाल, मामले में कुल एक दर्जन गिरफ्तारियां हुई थी। इस मामले में कई आरोपी ज़मानत पर जेल से बाहर है वही मुख्य आरोपी अभी भी जेल में है। इस दरमियान इस हत्याकांड का एकलौता चश्मदीद गवाह के के उपाध्याय का बेटा सुमित खुद खतरे में है। उसकी जान को खतरा देखते हुवे उसको पुलिस सुरक्षा मिली हुई है। संगीनों के साए में ज़िन्दगी बसर करने वाले सुमित पर सुलह का ज़बरदस्त दबाव भी उसके चाचा चाची के द्वारा बनाया जा रहा है। वही के के उपाध्याय के पुत्र सुमित उपाध्याय के खिलाफ षड़यंत्र भी जेल में बैठ कर रचा जा रहा है।
क्या था आरोप
इसी क्रम में कल रविवार को अचानक एक महिला खुद को उन्नाव निवासी बताते हुवे चेतगंज थाने पहुचती है और खुद के साथ रेप की घटना का ज़िक्र करते हुवे तहरीर देती है। वह महिला आरोप लगाते कि वह उन्नाव की रहने वाली है। महिला ने आरोप लगाया कि वह तीन सितंबर को अपने पूर्वजों के पितृ विसर्जन के लिए पिशाचमोचन कुंड पर आई थी। उसी दौरान उसे तीर्थ पुरोहित सुमित मिले और पूजापाठ के बाद रहने के लिए एक कमरा दिलाकर भोजन में नशीला पदार्थ देकर दुष्कर्म किया।
क्या निकला निष्कर्ष
इसके बाद इंस्पेक्टर चेतगंज प्रवीण कुमार ने प्रकरण से एसएसपी को अवगत कराया तो उन्होंने सुमित के मां-बाप की हत्या और उससे जुड़े लंबित मुकदमे को ध्यान में रखकर एसपी सिटी विकास चंद्र त्रिपाठी और सीओ चेतगंज अनिल कुमार को प्रकरण की जांच गंभीरता से करने के लिए कहा। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जांच में सामने आया कि सारे आरोप गलत हैं और सुमित को मां-बाप की हत्या व उसके हत्या के प्रयास के मामले में दर्ज मुकदमे में समझौते के लिए बाध्य करने को दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराने की साजिश रची गई थी।
क्या रहे शक पैदा करने वाले सवाल
कथित पीडिता के आरोप शक के दायरे में तभी आ गए थे जब मामले की जानकारी में शुरूआती तफ्तीश जारी हुई, पीडिता ने आरोप जिस घर में घटना का लगाया था उस घर में ही पुलिस सुरक्षा रहती है। पीडिता खुद मल्टीमीडिया सेट प्रयोग करती है, मगर घटना के दिन पीडिता खुद का मोबाइल नही लेकर आने की बात कह रही थी। पीडिता पुलिस सुरक्षा के सामने से होकर वापस जाती है, मगर उसके साथ हुई घटना के सम्बन्ध में पुलिस को कुछ भी नही बताती है। इसी तरीके के कई अन्य सवालों ने पुलिस के दिमाग में इस घटना के सम्बन्ध में शक पैदा किया। चैट हिस्ट्री का अवलोकन पुलिस ने किया तो मामला “हनी ट्रैप” जैसा पहले मिनट में ही आ गया। जिसके बाद पुलिस ने अपने लम्बे हाथो का कमाल दिखाया। चेतगंज पुलिस ने मामले में साबित कर दिया कि पुलिस के लम्बे हाथ आम के पेड़ से फल तोड़ने के लिए नहीं है। बल्कि जुर्म की तह तक जाने के लिए है।
क्या है कथित पीडिता की असली हिस्ट्री
घटना की जानकारी मिलने के बाद आरोप लगाने के वाली की पहचान बड़ी संदिग्ध थी। हमारे कानपुर प्रतिनिधि और उन्नाव प्रतिनिधि ने इस मामले में तफ्तीश करना शुरू किया तो मामला चौकाने वाला सामने आया। मामले में पहली जानकारी निकल कर सामने आई जो हैरान करने वाली थी। कथित पीडिता ने अपना जो पता दर्ज करवाया था वह उन्नाव जनपद कानपुर जनपद का बॉर्डर क्षेत्र है। कानपुर के हार्ट प्लेस माल रोड से महज़ 7-8 किलो मीटर दूर यह इलाका कभी कानपुर का ही हिस्सा हुआ करता था। गंगा पार नाम से इस इलाके को पहले जाना जाता था। शुक्लागंज नाम के मूल इलाके में शक्तिनगर की यह गली ख़ास बदनाम है। कभी टेलीफोन एक्सचेंज के कर्मचारियों के लिए बसा यह मोहल्ला अब कई अवैध कामो का अड्डा बन चुका है। पुलिस अक्सर इस पर कार्यवाही करती है। मगर तंग गलियों का फायदा अवैध कामो को करने वालो के लिए एक बड़ा सहारा बन जाता है।
बहरहाल, हमारे कानपुर और उन्नाव के प्रतिनिधियों ने काफी मेहनत किया और आखिर कथित पीडिता का असली घर तलाश कर डाला। इस कथित पीडिता ने अपना जो पता दर्ज करवाया था वह एक मलीन बस्ती जो पास में ही है का पता था। वही इसका मकान वहा से कुछ दुरी पर है। पड़ोस के रहने वाले एक लोगो ने अपना नाम ज़ाहिर न करने के शर्त पर बताया कि इस कथित पीडिता के दो भाई और यह दो बहने है। इसकी छोटी बहन का विवाह हो चूका है और वह अपने परिवार में राज़ी ख़ुशी रहते हुवे इन सबसे अपना कोई संपर्क नहीं रखती है। वही इसका छोटा भाई राजस्थान में कही नौकरी करता है और परिवार से विगत लगभग एक साल से कोई संपर्क नही रखता है।
संदिग्ध थी कथित पीडिता के पिता की मौत
दौरान बातचीत पड़ोसियों ने बताया कि इसके पिता की मौत भी बड़ी संदिग्ध थी। इस कथित पीडिता की माँ की मृत्यु हो जाने के बाद टेलीफोन एक्सचेंज में काम करने वाले इसके पिता जो काफी सम्भ्रांत व्यक्ति थे ने दूसरी शादी कर लिया था। दूसरी शादी का इन दो भाई बहनों ने ख़ासा विरोध किया था मगर परिवार का खर्च बाप के तनख्वाह से चलता था तो कोई दाल ख़ास गल नही पाई। इस दूसरी शादी के कुछ ही दिनों के बाद इसके पिता की अचानक मृत्यु संदिग्ध परिस्थितियों में हो जाती है। एक ने तो यहाँ तक बताया कि मौत के कुछ मिनट पहले वह अपने कार्यालय से वापस आये थे और चाय नाश्ता किया था। इस चाय नाश्ते के बाद अचानक उनकी मौत हो गई।
पड़ोसियों ने बताया कि आनन फानन में इन दोनों भाई बहनों ने उनका अंतिम संस्कार कर डाला था। मामले की जानकारी होने के बाद जब इसकी सौतेली माँ घर आती है तो इन दोनों भाई बहनों ने उसको घर से भगा दिया और बाप की नौकरी पाने के लिए काफी प्रयास किया। मगर इसी दौरान इसकी सौतेली माँ ने क्षेत्र के ही निवासी एक पंडित जी के सहयोग से अपने मृतक पति की पेंशन पा लिया और वह आज भी पेंशन पाती है तथा कही अन्यंत्र रहती है। पड़ोसियों ने बताया कि मृत्यु के समय इसके पिता की उम्र महज़ 40-42 वर्ष थी और वह पूरी तरह स्वस्थ थे।
सौतेली माँ का सहयोग करने वाले पर लगाया था छेड़खानी का आरोप
क्षेत्र के एक नागरिक ने इस सम्बन्ध में बताया कि इसकी सौतेली माँ का सहयोग करने वाले टेलीफोन एक्सचेंज कर्मी पर भी इसने छेड़खानी का आरोप लगभग तीन वर्ष पूर्व लगाया था। मामले में पुलिस जाँच कर रही थी कि उक्त कर्मी ने अपनी इज्ज़त बचाने के लिए इससे समझौता किया और सार्वजनिक माफ़ी भी मांगी। इस सम्बन्ध में क्षेत्र में चर्चाओं के अनुसार टेलीफोन कर्मी ने समझौते के एवज में कुछ रकम भी दिया था। मगर जब उस कर्मी से हमने इस सम्बन्ध में बात करने का प्रयास किया तो उसने खुद को मामले से दूर रखने की बात कहते हुवे कोई बात नही किया और कहा कि गुजरे कल की बात हो चुकी है इस सम्बन्ध में अब कोई भी बात नही करना चाहता हु।
नही रहते है दोनों भाई बहन घर पर
इलाके के रहने वाले लोगो ने बताया कि ये घर अक्सर बंद ही रहता है। दो तीन महीने पर हफ्ते दस दिन के लिए दोनों भाई बहन आते है उसके बाद फिर कही चले जाते है। इस दरमियान पिछले कुछ दिनों से इसका भाई यहाँ रहता था और एक गैस सिलेंडर सप्लाई करने वाले के साथ गैस की सप्लाई करता था। पिछले सप्ताह पडोसी से कहकर निकला है कि इलाहबाद जा रहा हु कुछ काम से। उसके बाद से इसको तलाशने पोनी रोड शुक्लागंज के कुछ लोग और दो बार स्थानीय पुलिस भी आ चुकी है। इस बारे में स्थानीय थाने से कोई जानकारी नही मिल सकी है।