गोंडा में हैवानियत की इन्तेहा, घर में सो रही तीन दलित नाबालिग बहनों पर फेका गया तेज़ाब
तारिक़ खान
गोंडा: वो गरीब अपनी गरीबी में एक पेड़ के नीचे लोगो के कपडे प्रेस करके खुद का और परिवार का भरण पोषण करता है। बेटी इश्वर की सौगात होती है, इश्वर ने उसको तीन बेटियाँ दिया है। परिवार हंसी ख़ुशी रहता है। बड़ी बेटी के हाथ पीले करने की तैयारी भी उसने करनी शुरू कर दिया मगर इतने में एक रात और आई जिसने उसके इस हस्ते खेलते परिवार पर कहर नाजिल कर डाला। किसी अज्ञात ने देर रात घर में घुस कर उसकी बेटियों पर तेज़ाब फेक दिया। तीनो बेटियाँ तेज़ाब से जल गई। तीनो का सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
मामला उत्तर प्रदेश के गोंडा जनपद का है। जहा कमरे में सो रही तीन नाबालिग दलित बहनों पर किसी ने तेज़ाब फेक कर जला दिया। इनमे बड़ी बहन जिसकी उम्र क़रीब 17 साल है वो क़रीब 30 फीसद जल गयी है। मंझली लड़की की उम्र 12 साल है जो क़रीब 20 फीसद जल गई है और छोटी लड़की की उम्र 8 साल है जो 5-7 फीसद जली है। तीनों बहने अपने घर में एक ही कमरे में सो रही थीं। देर रात करीब 2 बजे तेज़ाब फेंकने वाला शख्स बाहर से छत के रास्ते घर में घुसा और तेज़ाब फेंक कर भाग गया। लड़कियों की चीख सुन कर उनके पिता उनके कमरे में पहुंचे तब उन्हें इसकी जानकारी हुई। The HIndu और India Today ने इस खबर को प्रमुखता से उठाया है।
लड़कियों के पिता राम अवतार गांव में एक पेड़ के नीचे कपड़े प्रेस कर गुज़र-बसर करते हैं। उनका कहना है कि “बड़ी लड़की जो ज़्यादा जल गई है, उसकी शादी तय हो गयी थी और जल्दी ही शादी होने वाली थी। तेज़ाब के हमले से उसका चेहरा जल गया है। अब पता नहीं उसकी शादी कैसे होगी?” मौके पर पहुंची पुलिस ने आस-पड़ोस के लोगों के बयान दर्ज किए। पुलिस की फॉरेन्सिक टीम और डॉग स्क्वाड भी मौके पर छानबीन कर रहा है। गोंडा के एसपी शैलेन्द्र कुमार पांडेय ने मीडिया को जारी बयान में कहा है कि घर वालों ने तेज़ाब फेंकने के लिए किसी पर शक ज़ाहिर नहीं किया है। इसलिए अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है लेकिन शक है कि इसमें किसी जानने वाले का हाथ हो सकता है।