सुनसान रोड़ देख पत्रकार को घेर कर किया हमला, मारपीट कर किया घायल

फारुख हुसैन

पलियाकलां-खीरी। उत्तर प्रदेश के जिला लखीमपुर खीरी तहसील पलिया कलां में पत्रकार पर हुआ जानलेवा हमला पुलिस महकमे पर सवाल हुए खड़े। पलिया निवासी रूपेश गुप्ता उर्फ बाबा जो कि पलिया का निवासी है जिसको तथाकथित तस्करों ने रंगरेजा नई टंकी के समीप सुनसान रोड़ पर रोक कर करीब आधा दर्जन लोगों ने धाराधार चीज से हमला कर दिया इसी बीच चीख-पुकार सुनकर मौके पर कुछ लोगों की आने की गडगड़गड़ट से तथाकथित  तस्करों ने पत्रकार को अधमरा कर छोड़कर फरार हो गए।

वही मौके पर पहुंचे लोगों ने किसी तरीके से घायल पत्रकार की खबर थाने में दी और नगर के पत्रकारों को भी सूचना मिली वहीं थाने पहुंचकर सभी पत्रकारों ने घायल पत्रकार को पुलिस की मदद से सीएससी पहुंचाया जहां पर इलाज में गंभीर चोटे आई हुई है जिस की मेडिकल रिपोर्ट पलिया थाने में देते हुए लिखित शिकायत पत्र भी थाने में देकर सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की। इसी बीच पत्रकार संघ के लोगों ने लगातार तथाकथित तस्करों द्वारा हो रहे हमले की निंदा करते हुए सभी उच्च अधिकारियों को फोन कर अवगत कराया वही रात के करीब 11:00 बजे सभी पत्रकारों ने आपात बैठक रखी और जिन तथा कथित तस्करों ने हमला करवाया या किया है उनपर सख्त से सख्त प्रशासन की तरफ से कार्रवाई की जाए‌।

वहीं घायल रूपेश गुप्ता उर्फ बाबा ने कई तथाकथित तस्करों के नामों को उजागर करते हुए लोगों की पहचान बताई जिस पर पलिया के क्राइम में स्पेक्टर ने आश्वासन दिया कि जिस किसी ने भी पत्रकार के साथ इस कृत्य हरकत को अंजाम दिया है उसको कतई भी बख्शा नहीं जाएगा। वही हम बात करते हैं बॉर्डर पर बैठे कथाकथि तस्करों के साथ कुछ फर्जी पत्रकारों कि जो तस्करों को बचाने के लिए नगर के सम्मानित पत्रकारों पर षड्यंत्र रचने तथा फर्जी मुकदमों में फंसाने की धमकी दी जाती है यही नहीं कई बार तस्करों के समर्थन वाले तथाकथित पत्रकारों ने झूठी मूठी व्हाट्सएप ग्रुप पर अफवाह फैला कर सीधे-साधे पत्रकारों को कुछ कथाकथि पत्रकारों की मदद से फसाया भी जा चुका और झूठी मूठी व्हाट्सएप ग्रुपों पर एप्लीकेशन व अधिकारियों पर फर्जी दबाव बनाकर एवं फर्जी अफवाह फैलाकर नगर के सम्मानित पत्रकारों की छवि को धूमिल किया जा रहा है ऐसा नहीं है कि संबंधित अधिकारियों को इस चीज के बारे में जानकारी ना हो जबकि सभी अधिकारी तमाम ग्रुप में जुड़े होने के बावजूद तस्कर व तथाकथित फर्जी पत्रकारों पर कार्यवाही करना उचित नहीं समझते हैं

इसी पर एक संदेश या भी जताया जा रहा है कि बॉर्डर पर बैठे तथाकथित तस्कर पत्रकार तस्करो से तो सांठगांठ रखते ही हैं बल्कि नेपाल के अराजक तत्वों के साथ भी इनकी गहरी बैठक बनी हुई है जबकि भारत नेपाल के बीच में जो राजनीतिक और सुरक्षा संबंधित जितनी भी खुफिया जानकारी होती है वह भी इन्हीं तथाकथित तस्कर व पत्रकारों द्वार नेपाल और नेपाल में बैठे कई अराजक तत्व के संगठनों को पहुंचाने का काम भी किया करते हैं जबकि इसी तरह की खबरें पलिया के तमाम अखबारों में लगातार छपती है इसी पर बौखलाए तथाकथित तस्कर पत्रकार व अराजक तत्व के लोग नगर के सम्मानित पत्रकारों पर जानलेवा हमला व अनावश्यक आरोप लगाकर अधिकारियों को गुमराह करते हुए कार्रवाई करवाने की जुगत में लगे रहते हैं इसी तरीके से कई सम्मानित पत्रकारों पर भी फर्जी तरीके से आरोप लगाकर फंसाया जाता है।

वहीं कई सम्मानित पत्रकारों की जब जांच की गई तो जांच में f.i.r. फर्जी निकली इसी पर अगर बात करें अधिकारियों की तो उनको पत्रकारों पर षड्यंत्र रचने वाले और तथाकथित तस्कर पत्रकारों से मिलने वाली मोटी रकम ज्यादा पसंद आने लगी है तभी सम्मानित पत्रकारों की छवि को चाहे अधिकारी हो या कोई तथाकथितक तस्कर पत्रकार हो सभी छवि को धूमिल करने के लिए एक साथ मुहिम चलाते हैं जबकि उनकी यह मुहिम कुछ ही दिनों से चलकर फ्लॉप साबित होती है कई बार ऐसा हुआ है कि अधिकारी भी इन तथाकथित तस्कर पत्रकारों के निशाने पर आकर अपनी नौकरी को दांव पर लगा चुके हैं जबकि इन्हीं तथाकथित तस्कर पत्रकारों की बात की जाए तो बॉर्डर पर बैठकर भी पलिया के कई उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों को भी नहीं छोड़ते हैं अभी हाल ही में कई अधिकारियों को इन्हीं पत्रकारों के द्वारा षड्यंत्र रचते हुए फर्जी तरीके से फंसा कर कार्यवाही करवा चुके हैं जबकि यह षड्यंत्र रचने वाले तस्कर पत्रकार किसी से छुपे नहीं है सभी अधिकारियों को इन फर्जी तस्कर पत्रकार व तस्करों के बारे में बखूबी जानकारी होने के बाद भी इन पर कार्रवाई करने में असमर्थ साबित होते हैं। जिसका खामियाजा सम्मानित पत्रकारों को भुगतना पड़ता है

आए दिन पत्रकारों पर हो रहे हमले से एस.एस.बी, कस्टम, वन विभाग, और पुलिस महकमे पर सवाल इसलिए खड़े हो रहे हैं कि बॉर्डर पर तमाम सुरक्षा एजेंसियां हैं जो अपने भारत देश की सुरक्षा के लिए तैनात की गई हैं लेकिन जब इन्हीं के आड़ में बैठकर तथाकथित तस्कर पत्रकार अपने मकसद में कामयाब होता रहेगा तो एक दिन वह भी आएगा जब अधिकारियों के ऊपर भी इसी तथाकथित तस्कर पत्रकार के षड्यंत्र का असर भारी पड़ जाएगा तब इनको पता चलेगा की तमाम सम्मानित पत्रकार पत्रकारों पर षड्यंत्र आखिर कौन रच रहा है और कौन अधिकारियों को फंसाने का ठेका लेता है अगर जल्द से जल्द ऐसे तथाकथित तस्कर पत्रकार पर कार्रवाई नहीं की गई तो आगे की रणनीति बनाकर पत्रकार संघ के लोग जिम्मा उठा लेंगे।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *