उर्दू-अरबी-फ़ारसी यूनिवर्सिटी के प्रभारी कुलपति बने प्रो0 मसूद आलम
डा0 एस0 अज़ीज़
लखनऊ :- राज्यपाल उत्तर प्रदेश ने प्रोफेसर मसूद आलम को ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती उर्दू, अरबी-फ़ारसी विश्वविद्यालय लखनऊ का कुलपति नियुक्त किया है। प्रो० मसूद आलम, विभागाध्यक्ष, अरबी विभाग, भाषा विश्वविद्यालय, लखनऊ को कुलपति, 25.10.2020 को माननीय राज्यपाल/कुलाधिपति ने विश्वविद्यालय के कुलपति का प्रभार एक महीने के लिए प्रो० मसूद आलम, अरबी विभाग के विभागाध्यक्ष को नियुक्ति किया गया, वह जब तक नए नियुक्त कुलपति की नियुक्ति या अग्रिम आदेश जो भी पहले हो, तक की अवधि तक कार्यभार सम्भालेंगे, वही कुलपति प्रो० महरूफ मिर्जा का कार्यकाल 25.10.2020 को समाप्त हो गया है, जिसके बाद प्रो० मसऊद आलम ने प्रभार, कुलपति का पद ग्रहण कर लिया है। प्रो० आलम को भारत सरकार द्वारा वर्ष 2019 में अरबी विषय में राष्ट्रपति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।
ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती उर्दू, अरबी-फ़ारसी विश्वविद्यालय लखनऊ के कुलपति प्रो0 मसूद आलम शिक्षाविद हैं। प्रोफेसर मसूद आलम फलाही वर्तमान में ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती भाषा, लखनऊ में अरबी विभाग में प्रोफेसर प्रमुख के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने दोहा, कतर के अलावा मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी, हैदराबाद, में भी पढ़ाया है। वह एक लेखक होने के साथ-साथ भारत में मुस्लिम, गैर-मुस्लिम गरीब लोगों के लिए काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं।
उन्होंने जमीयतुल फलाह, आज़मगढ़, कला में स्नातक और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय अलीगढ़ से शिक्षा प्राप्त की है, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से पोस्ट ग्रेजुएशन, एम.फिल और पीएच.डी. दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली, भारत में उन्हें छह भाषाओं का ज्ञान है। अरबी, अंग्रेजी, हिंदी, मैथिली, फारसी और उर्दू, उन्होंने साहित्य, इस्लामी अध्ययन, इतिहास, समाजशास्त्र, संस्कृति, सभ्यता, इस्लाम, मुस्लिम, विवाह, तलाक, जाति, महिला, उर्दू भाषा और मुसलमानों के हाशिएकरण जैसे विभिन्न विषयों और मुद्दों पर 13 किताबें और 129 शोध पत्र, लेख, साक्षात्कार लिखे। भारत में उर्दू, अरबी और अंग्रेजी में कम और अछूत मुस्लिम और गैर-मुस्लिम जातियों पर अत्याचार, भारत में 66 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार, संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए), तुर्की, ईरान, कतर और सऊदी अरब आदि में पत्र प्रस्तुत किए हैं।
वह शैक्षणिक संस्थानों, पत्रिकाओं और पत्रिकाओं के कई अकादमिक निकायों के सदस्य हैं। उन्हें उनके शैक्षणिक योगदान के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित और महर्षि बदरेयान व्यास सम्मान -2017 सहित कई पुरस्कार मिले। प्रो. आलम विश्वविद्यालय के प्रारम्भिक शिक्षकों में से एक हैं और विश्वविद्यालय में अरबी शिक्षण कार्य प्रारम्भ होने से लेकर अब तक लगातार अपनी सेवाएं दे रहे हैं। विषय प्रभारी के अतिरिक्त उन्होंने विश्वविद्यालय की अहम जिम्मेदारियों को बख़ूबी निभाया हैं। एक जानकारी के अनुसार प्रो०मसूद आलम फलाही ने विश्वविद्यालय में ऑफिसर, प्रवेश समिति, प्रास्पेक्टस कमेटी, पाठ्यचर्या समिति के साथ साथ विभिन्न सेमिनारों के समन्वयक एवं केन्द्रीय परीक्षा के केन्द्राध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। प्रो.आलम को कई संस्थानों द्वारा सम्मान व पुरस्कार से सम्मानित किया जा चूका है।
प्रो०मसूद आलम ने अनेक राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनारों व कान्फ्रेंसों में प्रतिभाग करने के साथ ही साथ एक दर्जन से अधिक पुस्तकों में लेख एवं सेमिनार में सम्मिलित हुए है और स्वयं कई ऐसी पुस्तकों के लेखक हैं जो भारत की विभिन्न विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में शामिल हैं। प्रो०मसूद आलम ने प्रभार कुलपति का पदभार ग्रहण करने पर विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मी ने उन्हें शुभकामनायें व्यक्त कीं है।