मरकज़ यौमुन्नबी में अंजुमन फारुकिया ने जीता सिरमौर, जाने दालमंडी-नई सड़क पर किस अंजुमन ने कहा जीता खिताब
मो0 साजिद/ अनुपम राज
वाराणसी। वाराणसी में ईद-ए-मिलादुन्नबी के शुभ अवसर पर पुरे शहर में ही नतिया कलाम अजुमानो ने पढ़ा था। इस दौरान हमेशा की तरफ दालमंडी नई सड़क इलाके की मंचो ने लोगो को आकर्षित किया। प्रतिष्ठित कमेटियो के द्वारा इस वर्ष भी विभिन्न स्थलों पर डाईज लगा कर अंजुमन के कलाम पढने के लिए आमंत्रित किया गया था। 12 रबीउलअव्वल के पूर्व संध्या पर आयोजित इस कम्पटीशन के रिज़ल्ट कल रात को जारी हुवे और जीती हुई अन्जुमनो को इनाम वितरित किया गया।
इस अवसर पर सदैव प्रतिष्ठित रहे मरकज़ योमून्नबी कमेटी की जानिब से आयोजित हुवे कार्यक्रम में कुल 30 से अधिक अंजुमन ने अपने कलाम पढ़े। इसके रिजल्ट को बताते हुवे मरकज़ के सेक्रेटरी जियाउद्दीन खान ने बताया कि नजदीकी मुकाबले में अंजुमन फरुकिया ने खिताब जीता है। वही दुसरे नंबर अंजुमन फदील-ए-अदब, तीसरे पर अंजुमन मुहिब्बाने अहले बैत, के साथ क्रमशः अंजुमन बज़्म-ए-अनवार-ए-सुफिया, अंजुमन बहार-ए-शरियत, अंजुमन फलाह-ए-दीं और अंजुमन दावत-ए-इस्लाम ने चौथा पांचवा और छठा स्थान पाया।
पैराडाईज़ क्लब में गुलशन-ए-तैबा बनी सिरमौर
पैराडाइज़ क्लब के द्वारा आयोजित हुवे अंजुमनो की प्रतियोगिता में अंजुमन गुलशन-ए-तैबा ने खिताब अपने नाम किया। वही कम्पटीशन में अंजुमन रजा-ए-मुस्तफा, अंजुमन तबलीग-ए-इस्लाम, अंजुमन शैदा-ए-मुस्तफा, अंजुमन गुलशन-ए-रसूल क्रमवार दुसरे से लेकर पांचवे स्थान को प्राप्त किया। इस दौरान जीती हुई अन्जुमानो को खिताबो से नवाज़ा गया।
शेरअली यूथ ब्रिगेड में अंजुमन फारुकिया का रहा जलवा कायम
शेर अली यूथ ब्रिगेड की जानिब से आयोजित कम्पटीशन में पहला खिताब अंजुमन फारुकिया ने अपने नाम किया। खिताबी जंग में अंजुमन गुलाम-ए-गौसिया, अंजुमन इलाहिया और अंजुमन नूर-ए-रिसालत ने क्रमशः दुसरे स्थान से लेकर चौथा स्थान ग्रहण किया। इस दरमियान समाज सेवक और बिल्डर मोहम्मद इमरान “सोनु” के द्वारा खिताब जीती अन्जुमानो को उनका पुरस्कार दिया गया।
जौहरी अटैची द्वारा आयोजित कार्यक्रम में अंजुमन फारुकिया ने जीता खिताब
हर वर्ष की भाति इस वर्ष भी जौहरी अटैची के द्वारा अंजुमन के पढने का एक कम्पटीशन आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम में अंजुमन फारुकिया ने खिताब अपने नाम किया। इसी क्रम में दुसरा स्थान अंजुमन आमद-ए-रसूल और तीसरा इनाम अंजुमन गुमान-ए-वारिस को प्राप्त हुआ।
तंजेब कमेटी पर अंजुमन-गुलामन-ए-वारिस बनी विजेता
दालमंडी के एक अन्य प्रतिष्टित क्लब तंजेब कमेटी द्वारा आयोजित हुवे कार्यक्रम में अंजुमन गुलामन-ए-वारिस ने खिताब अपने नाम किया। वही दुसरे नंबर पर अंजुमन फारुकिया और तीसरे नंबर पर अंजुमन फिरदौस-ए-अदब ने अपना स्थान सुनिश्चित किया। इस बात की जानकारी तंजेब कमेटी की जानिब से मो0 साजिद उर्फ़ गुड्डू मुरमुर ने हमको प्रदान किया। कार्यक्रम में पुरस्कार वितरण समाजवादी नेता किशन दीक्षित ने किया। इस अवसर पर आज पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्य रूप से फुरकान इलाही, आदिल अहमद, साजिद खान, इमरान सोनू, अशरफ खान आदि लोग उपस्थित रहे।
खिताब भले किसी ने जीता मगर दिल जीत लिया अंजुमन गुलाम-ए-गौस-पाक ने
अंजुमन गुलाम-ए-गौस-ए-पाक ने कही खिताब के लिया खुद को कम्पटीशन में इस बार नही उतारा था। केवल बतौर स्पेशल गेस्ट के ही इस अंजुमन ने हाजी इरफ़ान (बाबू) के नेतृत्व में हर मंच पर कलाम पढ़ा। मगर इसको जलवा ही कहेगे कि जिस मंच पर ये अंजुमन कलाम पढने के लिए पहुच रही थी, जायरीन खुद ब खुद आकर्षित होकर उस मंच के तरफ भीड़ लगा ले रहे थे।
अंजुमन जब अपना कलाम “मै भी देखू, तू भी देख” पढ़ती तो आम जनता इश्क-ए-रसूल में झूम उठती। हर एक जुबा पर “सुबहान अल्लाह” का नारा बुलंद हो जाता। कलाम के पहले शेर “आयत-ए-कुरआन में है जलवा, मैं भी देखू तू भी देख। रब ने कहा है यासीनो ताहा, मैं भी देखू तू भी देख।” लोगो को बरबस ही अपनी तरफ आकर्षित करता था। बज़्म उस वक्त रोशन खुद ब खुद हो गई जब हाजी इरफ़ान (बाबू) और एहतेशाम ने कलाम पढ़ा “मेरे नबी का दीद हो मुझको, या अल्लाह तौफीक दे। हासिल सच्ची ईद हो हमको या अल्लाह तौफीक दे। काश किसी दिन दिल के जहा में, ख्वाब के रस्ते वो आये,रुए नबी की दीद से मेरी आँखे ठंडी हो जाए। उनका निराला जलव-ए-ज़ेबा, मैं भी देखू तू भी देख।” नात के एक कलाम ने सबका दिल जीत लिया जब न्वात्खा ने पढ़ा “जब पैदा हुवे मौला अली हैदरे कर्रार, ये कह कर गले मिल गए फिर से दरो दिवार, अल्लाह के घर में अब कोई पैदा नही होगा।”