हाथरस कांड (देखे वीडियो) –पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे टीएमसी सांसदों उत्तर प्रदेश पुलिस ने रोका, किया धक्का मुक्की, महिला सांसदों से बल प्रयोग का आरोप
आदिल अहमद
हाथरस : राहुल गाँधी के साथ पुलिसिया बल प्रयोग के मामले के बाद से आज एक और मामला सामने आया है जिसमे टीएमसी सांसदों के साथ पुलिस ने धक्का मुक्की किया। इस दरमियान तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरिक ओब्रायन ज़मीन पर गिर पड़े। सांसदों का आरोप है कि इस दौरान महिला सांसदों से पुलिस ने बल प्रयोग भी किया है। सभी सांसद हाथरस कांड के पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे थे। इस दौरान बताया जा रहा है कि वह लोग अलग अलग यात्रा भी कर रहे थे। अब विपक्ष इस मुद्दे को लेकर बुरी तरह हमलावर हो गया है। कई विपक्षी पार्टियां मामले में उत्तर प्रदेश की सरकार और यूपी पुलिस के रवैये को लेकर सवाल उठा रही हैं।
#WATCH: TMC delegation being roughed up by Uttar Pradesh Police at #Hathras border. The delegation, including Derek O'Brien, was on the way to meet the family of the victim of Hathras incident. pic.twitter.com/94QcSMiB2k
— ANI (@ANI) October 2, 2020
एक 32 सेकेंड का वीडियो सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि सफेद शर्ट पहने और हेलमेट लगाए एक शख्स टीएमसी की सांसद प्रतिमा मंडल को कंधों से पकड़े हुए हैं और उन्हें गांव में घुसने नहीं दे रहा है। डेरेक ओ’ब्रायन उन्हें बचाने के लिए आगे बढ़ते हैं तो वो व्यक्ति उन्हें धक्का दे देता है। वहां कुछ पुलिसकर्मी भी टीएमसी के सांसदों के खिलाफ बलप्रयोग करते दिखाई दे रहे हैं।
तृणमूल ने एक बयान जारी कर बताया है कि उसके कुछ सांसदों को यूपी पुलिस ने पीड़िता के गांव से डेढ़ किलोमीटर पहले ही रोक लिया। पार्टी ने बताया है कि ये सांसद अलग-अलग यात्रा कर रहे थे। तृणमूल सांसदों का यह समूह 200 किमी दूर दिल्ली से आया था। इनमें डेरेक ओ’ब्रायन, काकोली घोष दस्तीदार, प्रतिमा मंडल और (पूर्व सांसद) ममता ठाकुर हैं। ये नेता दिल्ली से हाथरस के पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे थे।
रोके गए सांसदों में से एक सांसद ने कहा, ‘हम शांति से हाथरस की ओर बढ़ रहे हैं पीड़ित परिवार से मिलकर अपनी सांत्वना देने जा रहे हैं। हम अलग-अलग यात्रा कर रहे हैं और सभी प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं। हमने कोई हथियार नहीं लिए हैं। हमें रोका क्यों गया है? कैसा जंगलराज है कि यहां निर्वाचित सांसदों को एक पीड़ित परिवार से मिलने नहीं दिया जा रहा है। अभी हम पीड़िता के घर से बस 1।5 किलोमीटर की दूरी पर हैं। हम पुलिस अधिकारियों को समझा रहे हैं कि हम ये दूरी पैदल भी तय कर सकते हैं।’ कुछ विजुअल्स भी सामने आए हैं, जिनमें टीएमसी के सांसदों को पुलिस अधिकारियों को समझाने-बुझाने की कोशिश करते हुए देखा जा सकता है।