बिहार चुनाव – नितीश की वापसी, एनडीए ने पाया बहुमत, लालू के लाल के भी किया जमकर कमाल
तारिक आज़मी
पटना। बिहार के चुनावी नतीजे सामने आ चुके है। भाजपा नीत एनडीए को सफलता हाथ लगी है और मौजूदा हालत में 125 सीट जीतकर एनडीए ने बहुमत हासिल किया है। मगर लालू के लाल तेजस्वी यादव ने भी जमकर कमाल कर डाला। अभी तक के नतीजो और रुझानो के तहत आरजेडी सदन में सबसे बड़ी पार्टी निकल कर सामने आ रही है। इस दरमियान कई पार्टी ने बड़ी उपलब्धि हासिल किया है वही दूसरी तरफ कई बड़ी सियासत पर भी नवजवानों के कदमो की थाप सुनाई दे गई।
देखा जाए तो आरजेडी ने अपना परचम फहरा लिया है। आरजेडी सदन में अभी तक सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर कर सामने आती दिखाई दे रही है। मगर महागठबंधन के प्रदर्शन में सबसे बड़ा कांग्रेस को मिली सीट से काफी प्रभावित हुआ। कांग्रेस लाख दावे करे मगर जितनी सीट कांग्रेस के खाते में आई थी कई जगहों पर वह फाइट में कही नज़र नहीं आई। कांग्रेस केवल 20 सीट पर ही सिमट कर रह गई है। कई सीट पर तो कांग्रेस टक्कर में कही नज़र तक नहीं आई और धराशाही हो गई। अगर इन सीट को महागठबंधन के अन्य दलों में भी तकसीम किया जाता तो जानकार कहते है कि नतीजे कुछ और ही होते।
वही दूसरी तरफ हैदराबाद से चलकर आई एआईएमआईएम की बात करे तो 19 सीट पर लड़ने वाली ओवैसी की ये पार्टी अपनी 5 सीट लेकर सदन में नज़र आएगी। एलजेपी की बात करे तो सबसे अधिक नुकसान इस पार्टी ने नितीश कुमार को दिया है। वैसे सीट के लिहाज से देखे तो केवल एक सीट लेकर सदन में आती दिखाई देने वाली चराग पासवान ने अपनी बिहार की राजनीती में खुद का दम ज़रूर दिखा दिया है।
इस दरमियान चुनाव आयोग से आरजेडी ने चुनाव में हेरफेर का बड़ा आरोप लगाया है। मनोज झा ने बड़ा आरोप लगाते हुवे कहा है कि सीएम हाउस से अधिकारियो को फोन पर निर्देश देकर हेरफेर करवाए गए है। उन्होंने कहा कि 24 सीट पर हेरफेर स्थानीय प्रशासन ने किया है। हालाकि चुनाव आयोग ने एक प्रेस कांफ्रेस करके कहा है कि आरोप निराधार है ऐसा कोई भी मामला सामने नहीं आया है।
बहरहाल, भाजपा ने स्पष्ट किया है कि बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ही रहेगे। इसके साथ ही चौथी बार सुशासन बाबु की वापसी मुख्यमंत्री पद पर होगी। मामला अब भाजपा और जदयु के बीच एलजेपी को लेकर गहरा हो सकता है। मगर वर्त्तमान में नितीश कुमार मुख्यमंत्री तो बन ही रहे है। अभी तक भाजपा के द्वारा नितीश को मुख्यमंत्री बनाने की बात किया है। अब देखना होगा कि एनडीए में अब जब भाजपा बड़े भाई की भूमिका में रहेगी तो किस प्रकार से शासन चलता है।
सबसे अधिक अगर किसी पार्टी ने बढ़िया प्रदर्शन किया है तो वह है लेफ्ट पार्टी। कुल 30 सीट पर लड़ने वाली लेफ्ट पार्टी ने अब तक आये नतीजो और रुझानो के अनुसार 18 सीट जीतती दिखाई दे रही है। इस जीत को बिहार की सियासत में लेफ्ट पार्टी के लिए संजीवनी के तौर पर देखा जा सकता है।