गरीबो के पेट पर डाका डाल रहे वाराणसी के कोटेदार, लगभग हर जगह है यही समस्या
ईदुल अमीन
वाराणसी। सरकार ने गरीबो के पेट को पालने के लिए चंद मुठ्ठी अनाज की मुफ्त व्यवस्था कर डाली है। मगर गरीबो के गले से ये अनाज भी न उतरे इसकी व्यवस्था भी कोटेदारो ने अपने तरफ से कर रखा है। आपने हर तरह के दरोगा सुने होने, मगर हलक के दरोगा बने ये कोटेदार गरीबो के हक़ का अनाज भी खा जा रहे है। वह भी कोई चोरी छुपे नही बल्कि खुल्लम खुल्ला। साथ में ताव ये रहता है कि जाकर जहा शिकायत करना हो कर डालो। सबको पता है नीचे से ऊपर तक कि ये अनियमितता हो रही है। जो कर सकते हो करो। वरना शांत बैठो और देखते रहो।
मामला दशाश्वमेध थानाक्षेत्र के अंतर्गत दैलुगली में विशाल बाबू जायसवाल की कोटे की दूकान का है। इस दूकान की दुकान संख्या है 60, वारणसी सीसी स्टोर्स राशन वितरण में धांधली का गोरखधंधा इनका मुख्या काम है। कोटेदार आँखों में धुल नही बल्कि धुल की पूरी सुनामी ही आम गरीब जनता को झोक दे रहे है। राशन वितरण में थोडा बहुत गड़बड़ी तो चलती है। मगर साहब ने नया हथकंडा अपना रखा है कि एक यूनिट राशन कम देंगे। उदहारण के तौर पर अगर आपके कार्ड पर कुल पांच यूनिट राशन है तो आपको केवल चार यूनिट का राशन मिलेगा। यानी आधा पेट खाओ, प्रभु के गुण गाओ। ढेर तीन पांच किया तो वो भी नही देंगे। जो करना हो कर डालो। सरकार के सभी अधिकारी मूकदर्शक रहेगे।
ऐसा हम नही बल्कि खुद कोटेदार कहते है। उनका कहना है कि हर एक अधिकारी को मालूम है कि मैं एक यूनिट राशन कम दे रहा हु। आज तक कोई अधिकारी बोलने वाला और आपत्ति करने वाला नही आया। मैं कम ही दूंगा। लेना हो जिसको ले और नही लेना हो तो न ले। लेता है तो एक यूनिट का राशन कम मिलेगा और नही लेगा तो पूरा राशन ही मेरा होगा। कोई अधिकारी मुझको कुछ नही कह सकता है। खुल्लम खुल्ला ब्लैक करूँगा। क्षेत्र की जनता ने बताया कि इसके पहले भी कोटेदार की शिकायत प्रशासन से की गई थी। मगर आज भी कोटेदार राशन वितरण में चोरी कर रहे है और ये राशन अन्य दुकानदारो में बेच मोटी रकम कमा रहे।
ऐसा नही है कि सिर्फ एक दूकान पर ऐसा कुछ गोरखधंधा चल रहा है। लगभग जनपद की हर एक दूकान पर ऐसी लूट मची हुई है। हां ये ज़रूर है कि इस कोटेदार ने खुल्लम खुल्ला चैलेन्ज के साथ लूट चालु रखा है। बकिया ने दूसरा सिस्टम अपना रखा है। हर एक कार्ड पर एक किलो राशन कम से लेकर एक यूनिट राशन कम का फार्मूला चलता है। कई तो ऐसे है जिनका अंगूठा लगवाया जाता है और कहा जाता है कि उनका अंगूठा नहीं आ रहा है। इस बार राशन नही मिलेगा। फिर जब वो काफी मान मनौवल करता है तो उसको आधा राशन अहसान जताते हुवे दे दिया जाता है। उसको लगता है कि कोटेदार ने उसके ऊपर अहसान किया है। जबकि कोटेदार उसके हक का आधा राशन खा जाता है। अब देखना होगा कि ज़िम्मेदार अधिकारी कब जागते है। जागते भी है या फिर अपनी आराम तलबी के साथ इस लूट को नज़रअंदाज़ करते रहते है।