कूटरचित प्रेस कार्ड लेकर रौब गाठता फर्जी पत्रकार चढ़ा नोनहरा पुलिस के हत्थे
शाहनवाज़ अहमद
गाजीपुर। कूटरचित प्रेस कार्ड लेकर फर्जी पत्रकार द्वारा इलाके के दुकानदारों पर रौब गाठने वाले एक युवक का सामना नोनहरा के अनुभवी और तेज़ तर्रार इस्पेक्टर शैलेन्द्र प्रताप सिंह से हो गया। शुरू में तो युवक ने पुलिस पर भी रौब गाठते हुवे खुद को पत्रकार बता कर पुलिस को हडदब में लेने की कोशिश किया गया। मगर उसका सामना अनुभवी इस्पेक्टर शैलेन्द्र प्रताप सिंह से हुआ था शायद युवक को मालूम नही था। महज़ चंद मिनट में ही इस्पेक्टर नोनहरा ने पकड़ लिया कि युवक फर्जी है और उसका प्रेस कार्ड भी फर्जी है।
हुआ कुछ इस प्रकार कि इस्पेक्टर शैलेन्द्र प्रताप सिंह को जानकारी मिली कि एक युवक काफी वक्त से खुद को पत्रकार बता कर स्थानीय दुकानदारो पर गलत रौब गाठता है। मगर सिंपल व्यवसाई इसकी शिकायत पुलिस से नहीं करते है। इस दरमियान इस्पेक्टर का सामना इस फर्जी पत्रकार से हो गया। शुरू में तो युवक ने खुद को पत्रकार बताते हुवे इस्पेक्टर नोनहरा शैलेन्द्र प्रताप सिंह से भी रौब गाठने का प्रयास किया। मगर अनुभवी इस्पेक्टर ने भी इतने वर्ष सफलता पूर्वक ऐसे ही पुलिस विभाग में नहीं बिताये है।
इस्पेक्टर शैलेन्द्र प्रताप सिंह को तुरंत अंदाजा हो गया कि दाल में कुछ काला तो ज़रूर है। उन्होंने युवक से उसका प्रेस कार्ड माँगा। युवक ने जो प्रेस कार्ड दिखाया वह पहली ही नज़र में कूटरचित प्रेस कार्ड समझ में आ गया। फिर भी मामले की गहराई से जांच करने के उद्देश्य से उन्होंने और भी तफ्तीश शुरू किया। फर्जी युवक शैलेन्द्र के प्रताप में पिघलने लगा। इस्पेक्टर ने उससे सम्पादक का नाम पूछा। युवक संपादक का नाम भी सही नही बता सका। जबकि उस कूटरचित प्रेस कार्ड के असली संस्थान के सम्पादक को इस्पेक्टर नोनहरा भली भांति जानते और पहचानते थे।
इसके बावजूद भी इस्पेक्टर ने आगे की तफ्तीश के लिए कूटरचित प्रेस कार्ड के असली सम्पादक से इस मामले में बातचीत किया और पूछा। तो उधर से उत्तर मिला कि नोनहरा और आसपास के क्षेत्र में उस संस्थान का कोई भी प्रतिनिधि नही है। फिर क्या था शैलेन्द्र के प्रताप के आगे चालबाज़ युवक पिघल पड़ा और हकीकत बयान करते हुवे बताया कि कूटरचना के द्वारा उसने ये प्रेस कार्ड बनवाया था। प्रेस कार्ड भले ही फर्जी था मगर पिछले चार सालो से रौब असली गठती रह रही थी। जिसका वह नाजायज़ फायदा भी जमकर उठाता था। आज से पहले उसको किसी ने नहीं पकड़ा और इस प्रकार से उसकी असलियत को खोलने की तफ्तीश किसी ने नहीं किया तो उसका गोरखधंधा चल रहा था और वह मौज काट रहा था।
प्रकरण की पूरी जानकारी होने के बाद संस्थान ने मामले में लिखित शिकायत पुलिस में दर्ज करवाई। नोनहरा थाने में उस युवक के खिलाफ शिकायत दर्ज होने के पश्चात युवक दिनेश कुमार को धोखाधड़ी और अन्य सम्बंधित धाराओं में पुलिस ने गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया जहा से कोर्ट ने उसको न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। क्षेत्र में इस्पेक्टर शैलेन्द्र प्रताप सिंह की पारखी नजरो की आम जनता प्रशंसा करती दिखाई दी। साथ ही आम दुकानदारो ने इस फर्जी पत्रकार के कुकृत्यो से छुटकारा मिलने पर राहत की सांस लिया।