दुधवा टाइगर रिज़र्व में अब जल्द ही ले सकेगे बोट सफारी का आनन्द
फारुख हुसैन
पलियाकलां-खीरी। दुधवा टाइगर रिजर्व क्षेत्र में अब बोट सफारी की भी तैयारी शुरू हो गई है। हाल ही में कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने इसकी संभावनाओं को देखते हुए पार्क अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है। बनबसा डैम से किशनपुर तक करीब ढाई सौ किलोमीटर लंबी नहर में बोट सफारी की रणनीति परवान चढ़ सकती है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो 2021 में ही दुधवा पहुंचने वाले सैलानी नौका विहार का भी आनंद उठा सकेंगे। इसके अलावा दुधवा टाइगर रिजर्व के जंगल के बीच से निकलने वाली नदियों और नहरों में भी बोट सफारी चलाने पर विचार किया जा रहा है।
प्रदेश के इकलौता दुधवा टाइगर रिजर्व अपनी हरी-भरी वन संपदा व उसमें वास करने वाले दुर्लभ वन्यजीवों के लिए देश से लेकर विदेशों में अपनी चर्चा बनाए हुए है। हर साल दुर्लभ वन्यजीवों के दीदार करने के लिए देशी-विदेशी सैलानियों की भीड़ उमड़ती है। देश-विदेश से आने वाले सैलानी हाथियों की पीठ व जिप्सी पर सवार होकर दुधवा जंगल में विचरण करने वाले दुर्लभ वन्यजीवों के दीदार कर खुशी से झूम उठते हैं।
इतना ही नहीं उन्हें दुधवा का शांत वातावरण भी खासा प्रभावित करता है जिसके चलते हर साल दुधवा में सैलानियों की संख्या बढ़ती रहती है। हाल ही में दुधवा पहुंचे मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने पार्क अधिकारियों से वार्ता कर दुधवा में बोट सफारी की सिफारिश पर अपनी सहमति जताई थी। वन मंत्री ने नौका विहार को लेकर अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है। उम्मीद जताई जा रही है। बनबसा डैम से किशनपुर तक ढाई सौ किलोमीटर लंबी नहर में नौका विहार का आगाज किया जाएगा। इसके साथ ही दुधवा जंगल के बीच से निकली नदियों व नेहरों में भी बोट सफारी शुरू की जाएगी जिस पर सवार होकर सैलानी जंगल की सुंदरता को निहार सकेंगे।
बोट सफारी शुरू होने से मिलेगा पर्यटन को बढ़ावा
अगर सब कुछ ठीक रहा तो 2021 में दुधवा पहुंचने वाले पर्यटक बोट सफारी भी आनंद ले सकेंगे। अभी तक दुधवा पहुंचने वाले सैलानी जंगल सफारी व हाथी की पीठ पर सवार होकर जंगल का लुफ्त उठाते थे। लेकिन बोट सफारी शुरू होने से सैलानियों का खिंचाव दुधवा की ओर और बढ़ेगा जिससे दुधवा में और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
नदियों और नहरों में भी बोट सफारी की सुविधा
दुधवा टाइगर रिजर्व जंगल क्षेत्र से सटकर शारदा व सुहेली नदी के अलावा नकउआ नाला सहित कुछ नहरें भी निकलती हैं। पार्क प्रशासन जंगल से सटकर व बीच से निकलने वाली इन नदियों व नेहरों में भी बोट सफारी चलाने पर विचार कर रहा है। नहर के अंदर छोटी, बड़ी नौका और स्टीमर चलाए जाएंगे। जिनका किराया भी पार्क प्रशासन वसूल करेगा।