वाराणसी – इन्स्पेक्टर दशाश्वमेघ के नाम पर युवक द्वारा कथित वसूली के काल रेकार्डिंग का ऑडियो हुआ वायरल, ऑडियो में युवक ने किया पुलिस के लिए भी अभद्र शब्द का प्रयोग
ए जावेद
वाराणसी। वाराणसी के दशाश्वमेघ थाना क्षेत्र से सम्बन्धित एक कथित रूप से काल रेकार्डिंग का ऑडियो आज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वायरल ऑडियो में दो लोगो के बीच टेलीफोन पर बात होने का दावा किया जा रहा है। वायरल ऑडियो क्लिप में एक युवक जो दशाश्वमेघ थाने का पुराना हिस्ट्रीशीटर सरताज अहमद है और एक अन्य थाने पर अच्छी पकड़ रखने का दावा करने वाले जिम संचालक हाजी हारुन के बीच बातचीत का ऑडियो है।
ऑडियो खुद युवक सरताज अहमद के द्वारा वायरल किया जा रहा है। इस सम्बन्ध में मिली जानकारी के अनुसार सरताज अहमद उर्फ़ सरताज लम्बू जो थाना दशाश्वमेघ से सम्बन्धित एक पुराना हिस्ट्रीशीटर रहा है और पिछले एक दशक के लगभग से सामान्य ज़िन्दगी जी रहा है का एसएसपी कार्यालय से वेरिफिकेशन सम्बन्धित थाना दशाश्वमेघ पर आया है।
सरताज अहमद का दावा है कि वह थाने पर अक्सर जाता रहा है और उसको एक प्रकरण छोड़ कर अन्य सभी मामलो में न्यायालय द्वारा पाया गया है और बाइज्ज़त बरी है। सरताज अहमद का कहना है कि इसके पूर्व भी वेरिफिकेशन आने के बाद सम्बन्धित चौकी इंचार्ज के द्वारा क्षेत्र में संज्ञान लेकर और फिर उसका बयान लेकर रिपोर्ट लगाईं जाती रही है।
सरताज अहमद का कहना है कि इस बार वेरिफिकेशन में उसने स्थानीय चौकी इंचार्ज से मुलाकात भी किया। विगत लगभग दस वर्षो से वह बिजली सजावट का काम कर अपने परिवार में पत्नी और तीन बेटियों का खर्च चलाता है। सरताज का आरोप है कि स्थानीय एक युवक हाजी हारून का थाना दशाश्वमेघ में इस दरमियान काफी आना जाना और अच्छी पकड़ हो चुकी है। सरताज अहमद का आरोप है कि इसके बावजूद हाजी हारून द्वारा उससे इस्पेक्टर के पास पैसे लेकर चलने के लिए कई बार कहा गया और बार बार दबाव बनाया जा रहा है। सरताज अहमद ने आरोप लगाया है कि हाजी हारुन ने उसको कहा है कि यदि इस्पेक्टर साहब से मिलकर उनकी “सेवा” नही करोगे तो इस्पेक्टर साहब किसी मामले में तुमको जेल भेज देंगे।
सरताज अहमद ने कहा कि रोज़ रोज़ के इस मानसिक दबाव के बाद आज उसने हाजी हारुन से हुई बातचीत का ऑडियो वायरल कर दिया है। उसने बताया कि हाजी हारुन के द्वारा मुझसे इस्पेक्टर को देने के लिए दस-बीस हज़ार रुपयों की मांग किया गया है। लॉक डाउन के बाद काम की कमी के कारण खुद के बच्चो का पेट पालना मुश्किल हो रहा है, फिर इतना पैसा कहा से मैं लाऊंगा। अगर पुलिस मुझे किसी मामले में फंसा कर जेल भेज देती है तो मेरे बच्चो का क्या होगा ? उनका पालन पोषण कैसे होगा ?
वायरल ऑडियो से खड़े हुवे बड़े सवाल
वायरल ऑडियो को अगर गौर से सुने तो कथित रूप से हाजी हारून ये शब्द कह रहे है कि वरिफिकेशन वर्ष २०१८ का है जो अभी तक नही हुआ था। इसी ऑडियो में एक स्थानीय नेता से पत्रकार की भूमिका में आये एक अन्य व्यक्ति की बात हो रही है कि “साजिद क्यों पीछे हट रहे है ?” वही ऑडियो में बड़े ही अभद्र तरीके से “हड्डी” देने की बात भी कथित रूप से हाजी हारून के द्वारा कही जा रही है। यहाँ सबसे बड़ा सवाल इस बात का भी है कि फाइल को इस्पेक्टर ने हाजी हारुन को खुद दिखाया। अब सवाल उठता है कि कथित रूप से हाजी हारुन को अगर फाइल दिखाई गई है तो फिर हाजी हारुन है क्या ? क्योकि वह एक मात्र जिम संचालक है जिनके पारिवारिक संपत्ति के विवाद अक्सर थाने की दहलीज़ के अन्दर दिखाई देते है। वह न कोई अफसर है, न विभाग के कर्मी और न ही कोई समाजसेवक अथवा जनप्रतिनिधि और न ही सरताज अहमद के कोई रिश्तेदार।
क्या कहते है इस्पेक्टर दशाश्वमेघ
इस प्रकरण में जब हमने इस्पेक्टर दशाश्वमेघ से बात किया तो इस प्रकार के किसी मामले की जानकारी से उन्होंने इनका करते हुवे कहा कि यदि कोई उनके नाम से किसी से धन उगाही करता है तो यह सरासर अनैतिक है और सम्बधित व्यक्ति अगर उनसे शिकायत करेगा तो वह निश्चित सख्त कदम सही साक्ष्य होने पर उठायेगे।