कासगंज काण्ड – आखिर कहा गया मोती, आसमान खा गया या ज़मीन निगल गई, जो पुलिस की 8 टीमो के लगे होने के बाद भी नही मिल रहा है

तारिक आज़मी

आखिर मोती कहा गया। उसको आसमान निगल गया या फिर ज़मीन खा गई। आखिर कितना बड़ा उसका नेटवर्क है कि एक शराब माफिया को पकड़ने के लिए पुलिस की 8 टीम लगाईं गई है, सुचनातंत्र दिन रात काम कर रहा है। मगर वो शराब माफिया अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर है। आखिर कहा छुप कर बैठा है शराब माफिया मोती ?

कासगंज जिले में सिपाही की हत्या के मुख्य आरोपी माफिया मोती की तलाश में पुलिस की आठ टीमें लगी हुई हैं। दिन रात गिरफ्तारी के प्रयासों का दावा किया जा रहा है, लेकिन मोती है कि वह अभी भी गिरफ्त से दूर है और पुलिस खाली हाथ है। तलाश का दायरा पुलिस जितना बढ़ाती जा रही है उतना मोती पुलिस की पकड़ से दूर दिखाई दे रहा है। मुखबिरों का तंत्र सक्रिय करने के बाद अब उसकी तलाश गंगा के खादर वाले बदायूं और फर्रुखाबाद के कटरी इलाके में भी की जा रही है। पुलिस माफिया मोती पर 50 हजार का इनाम भी घोषित कर चुकी है। मगर मोती अभी तक पुलिस पकड़ से दूर है।

पटियाली सर्किल में काफी दबाव रखने वाली पुलिस को अंदाज़ था कि मोती बहुत दूर नहीं भाग पायेगा। मगर एडीजी, आईजी, एसपी, एएसपी सहित पीएसी के जवान काली नदी के कटरी इलाके में काफी कांबिंग कर चुके हैं, और मोती का अभी तक कोई सुराग नहीं लगा है।  पटियाली सर्किल में जगह-जगह पुलिस की पिकेट थी और चेकिंग भी की जा रही थी, मगर नतीजा सिर्फ सिफर रहा है। उसका पकड़ा जाना तो बहुत दूर की बात है उसका कोई सुराग तक पुलिस के हाथ अभी तक नहीं लगा है।

मोती की गिरफ़्तारी के लिए पहले पुलिस की तीन टीम काम कर रही थी। दिन रात की मेहनत का दावा करने वाली इस तीन टीम के साथ तीन और टीम बनी और फिर पुलिस अधीक्षक ने दो और टीम बढ़ा दिया। कुल मिला कर 8 टीम और उनके मुखबिर काम में लग गए। ये स्थिति तब है जब पटियाली के सीओ स्वयं मोती की गिरफ्तारी की रणनीति  बनाने और किए जा रहे प्रयासों की सीधे तौर पर निगरानी कर रहे हैं। एसपी और एएसपी पुलिस के प्रयासों पर नजर रखे हैं। पुलिस का खुफिया तंत्र भी सक्रिय है।

पुलिस अधीक्षक मनोज सोनकर ने बताया कि इनामी अपराधी मोती की तलाश में पुलिस की दबिश निरंतर जारी है। लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। सर्विलांस, क्राइम ब्रांच सहित पुलिस की 8 टीमें गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी हैं। शीघ्र ही मोती पुलिस की गिरफ्त में होगा, ऐसा दावा है।

मगर दावा कब तक सच होगा ये देखने वाली बात होगी। तगड़ी पुलिस व्यवस्था का दावा करने वाली कासगंज पुलिस के हाथ अभी तक तो खाली ही है। सभी पुलिस चेकिंग और पिकेड को चकमा देकर आखिर मोती कहा छिपकर बैठा है ये पुलिस के लिए आज भी रहस्य बना हुआ है। अब देखना होगा कि पुलिस को कामयाबी कब तक मिलती है।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *