मऊ के लाल को शहीद गणेश यादव का पार्थिव शरीर पंहुचा पैत्रिक गाव, गाव में उमड़ पडा दुःख का सैलाब

बापू नंदन

रतनपुरा (मऊ): लेह में देश की सुरक्षा के लिए तैनात 285 मीडियम रेजीमेंट के शहीद जवान चकरा निवासी गणेश यादव के पार्थिव शरीर  के आज शहीद के पैत्रिक गाव पहुंचने की सूचना पर आसपास के गांव के लोग सुबह से ही गणेश के गांव चकरा में जमा होने लगे. सभी शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए आये हुवे थे. हजारों की संख्या में स्त्री-पुरुष, युवा, बूढ़े, बच्चे देश सेवा में अपनी जान गवा चुके शहादत को प्राप्त गणेश यादव को अंतिम विदाई देने के लिए उनके घर उमड़ पड़े।

आने वाले लोग पल-पल की खबर लेते रहे कि कब उनके वीर लाल का शव घर पहुंचता है। विदाई देने वालों की भीड़ का आलम यह था। कि उनके घर से लगभग 6 किलोमीटर दूर पहसा बाजार पहुंचते-पहुंचते शव के पीछे सैकड़ों की संख्या में युवा जो सेना में तैयारी कर रहे हैं और ग्रामवासी काफिले की शक्ल में उनके पीछे-पीछे हो लिए। लगभग 1 किलोमीटर लंबे तिरंगे के तले भारत माता की जय, वंदे मातरम, गणेश यादव अमर रहें की आवाज करते हुए आगे बढ रहे थे। शव घर पहुंचा, पुलिस एवं सेना ने जवानों ने गारद, सलामी दिया। प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि के रुप में पहुँचे वन मंत्री दारा सिंह चौहान, सुधाकर सिंह पू.वि., जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक, बसपा प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर, सहित अल्ताफ अंसारी, सपा जिला अध्यक्ष धर्म प्रकाश यादव, बसपा जिला अध्यक्ष राजीव कुमार, ने तिरंगे में लिपटे शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र रख कर श्रद्धासुमन अर्पित किए। हजारों की संख्या में मौजूद लोगों ने नम आँखों से पुष्प चढ़ाकर शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित किया। इस दौरान माहौल पूरी तरह गमगीन हो गया था।

बेटी आसमा पिता का शव देख हुई बेहोश

विगत 3 दिनो से  पिता की शहीद होने की खबर से रोते-रोते शहीद की पत्नी तारा तो अपनी सुधबुध ही खो चुकी थी। भाई अजय पिता विश्वनाथ का भी बुरा हाल था शहीद के मामा देवेंद्र यादव जो घटना की सूचना मिलने के बाद से ही शहीद के परिजनों को संभालने हेतु उनके घर पर ही रुके हुए हैं पूरी तरह बेहाल थे।

शहीद की पत्नी को प्रदान किया पचास लाख का चेक

वन मंत्री ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा घोषित 50 लाख रुपए की सहायता राशि का चेक लेकर विधवा के समीप पहुंचे विधवा चौक उठी ।यह देख सबकी आंखें नम हो गई। बगल में खड़े पिता को चेक देते वन मंत्री की आँखे खुद नम हो गई। उन्होने परिवार के एक सद्स्य को सरकारी नौकरी व गाँव की सड़क का नाम शहीद के नाम पर रखने तथा हर तरह की मदद की भी बात कही।

सेना भर्ती की तैयारी में लगे युवाओं का उमड़ा हुजूम

अलीनगर गांव के युवा यशवंत चौहान व बलवंत सिंह जो सेना की भर्ती की तैयारी करते हैं बताया कि उनके साथ में तैयारी में लगे साठ से सत्तर की संख्या में युवा पहसा से ही पैदल शहीद के शव वाहन के पीछे लगभग छः किमी दूर चकरा पहुँचे। क्षेत्र के तमाम गाँवों के युवा जो सेना भर्ती की तैयारी में लगे है। अपने आदर्श गणेश की शहादत को नमन करने पहुँचे।

पिता के कंधे पर युवा जवान बेटे की अर्थी देख लोग रो पड़े. शहीद के मामा देवेंद्र नाथ यादव ने बताया कि शहीद का अंतिम संस्कार दोहरीघाट मुक्तिधाम पर किया जाएगा। जहाँ शहीद के पिता विश्वनाथ अपने बेटे को मुखाग्नि देंगे। जवान बेटे का शव पिता के कंधों पर रखते ही लोगों की आँखे एक बार पुनः डबडबा गई। और लोग यह दृश्य देखकर अपने आंसुओं को नहीं रोक पा रहे थे। हजारों संख्या में लोग शहीद की शहादत को नमन कर रहे थे और ईश्वर से प्रार्थना कर रहे थे कि उनके बच्चों को इस असीम कष्ट को सहने की सामर्थ्य प्रदान करे।

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