मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सख्त टिप्पणी, कहा तो फिर हम अपनी शक्तियों का प्रयोग कर मुकदमा दर्ज करेगे

ए जावेद

वाराणसी. वाराणसी के थाना चौक क्षेत्र से अपहृत हुई युवती को बिना न्यायिक व प्रशासनिक आदेश के न्यायिक संरक्षण गृह में दाखिल किये जाने का मामला अब और भी तुल पकड़ चूका है. इस क्रम में आज वाराणसी के विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने घोर लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई न किए जाने पर सख्त रुख अख्तियार किया है।

प्रकरण में तत्कालीन एसआई चौक और वर्तमान काल भैरव चौकी इंचार्ज सुरेंद्र यादव विवेचक थे. विवेचक व चौक थाना प्रभारी आशुतोष तिवारी पर एसएसपी द्वारा कार्रवाई न किए जाने पर अदालत ने सख्त रुख अख्तियार करते हुवे कहा है कि पुलिस अधिकारियों के खिलाफ समुचित धाराओं में मुकदमा नहीं दर्ज किया गया। नियमों का पालन न किए जाने पर न्यायालय अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए बाध्य होगी।

अदालत ने इस आदेश को प्रमुख सचिव गृह, पुलिस महानिदेशक लखनऊ और पुलिस महानिरीक्षक को भेजने का आदेश दिया है। इस मामले में सुनवाई के लिए 10 मार्च की तिथि नियत की गई है। वादी के अधिवक्ता विवेक शंकर तिवारी के आवेदन के बाद कोर्ट ने पिछली तिथि को एसएसपी के लिए आदेश जारी किया था। आदेश में कहा था कि चौक थाने के अपहरण के इस मामले में विवेचना में विवेचक द्वारा बरती गई लापरवाही और थानाध्यक्ष द्वारा अपने अधीनस्थ विवेचक पर प्रभावी नियंत्रण न होने के संबंध में विशेष जांच करवाकर 15 फरवरी तक कोर्ट में आख्या प्रस्तुत करें, ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके। इस पर पुलिस उपाधीक्षक सुरक्षा द्वारा जांच कराई गई। जांच में दोनों पुलिस अधिकारी दोषी पाए गए। इसकी रिपोर्ट न्यायालय में दाखिल की गई। इसके बाद कोर्ट ने पत्रावली के अवलोकन के बाद आदेश दिया।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *