क्राइम पेट्रोल के तर्ज पर पुलिस ने बारीकी से किया अपहरण का खुलासा – पठानी सूट पहनकर, सर पर टोपी लगा अपहरण किशोरी का अपहरण किया था रिंकू ने
यश कुमार
आगरा। आप अक्सर हंसी मजाक में कहते होंगे कि क्राइम पेट्रोल दस्तक जैसे पुलिस बारीकी से काम क्या टीवी पर करती है। भले ही आप इसको हंसी में ले मगर हकीकत के ज़मीन पर भी पुलिस इतना बारीक काम करती है। अपराधी अपने वारदात को अंजाम देते समय भूल जाता है कि वो अपराधी है और आज नही कल पकड़ा जायेगा।
पुलिस ने आगरा से अपहृत एक किशोरी को दिल्ली से फ़िल्मी अंदाज़ में बारीक सुरागो के साथ बरामद कर अपहरण में शामिल युवक को गिरफ्तार कर लिया है। युवको ने अपने मनसूबो को कामयाब करने के लिए जो षड़यंत्र खेला था उसमे भले ही किशोरी के परिजन फंस गए हो और अपहरण करने वाले युवक की शिनाख्त महताब के रूप में कर लिया हो। मगर पुलिस ने बारीकी से मामले की जांच किया और प्रकरण में असली दोषियों को गिरफ्तार कर अपहरण की गई किशोरी को बरामद कर लिया।
घटना में मिले समाचारों और पुलिस की तफ्तीश के अनुसार मामला कुछ इस तरह था कि ताजगंज क्षेत्र की रहने वाली 16 वर्षीय किशोरी का 23 फरवरी का जो बुआ के घर न्यू आगरा क्षेत्र स्थित अस्पताल में दवा लेने आई थी, उसे अस्पताल से ही अगवा कर लिया गया था। पुलिस के शुरूआती जाँच में मामला जब सामने आया तो सीसीटीवी फुटेज में पठानी सूट और सिर पर टोपी लगाए युवक उसे बुर्का में ले जाता हुआ नजर आया था। किशोरी के पिता ने सीसीटीवी फुटेज में दिखे युवक की पहचान मेरठ निवासी मेहताब राणा के रूप में की थी। उसी के खिलाफ थाना न्यू आगरा में अपहरण का मुकदमा भी दर्ज कराया था। बताया था कि इसके पहले वर्ष 2018 में भी वह किशोरी को अगवा कर चुका था। पुलिस ने मेहताब की पत्नी भूरी, भाभी सन्नो और रेशमा को इस प्रकरण में जेल भी भेजा था।
इस नामज़द मुक़दमे के बाद पुलिस ने मामले में मेहताब पर शिकंजा कस दिया। उससे लम्बी पूछताछ होती है मगर, किशोरी बरामद नहीं हो पा रही थी। साथ ही साथ महताब की इस प्रकरण में संलिप्तता नही दिखाई दे रही थी। पुलिस एक डेड एंड के तरफ बढ़ने लगी थी। फिर पुलिस ने मामले में और भी बारीकी से तफ्तीश जारी किया। इस तफ्तीश की कड़ी में पुलिस ने आगे की फुटेज खंगालनी शुरू कर डी। चार दिन बाद एक सीसीटीवी फुटेज और सामने आया। इसमें किशोरी को युवक एक ऑटो में बैठाकर ले जा रहा था। अब पुलिस ने उस ऑटो की तलाश जारी कर दिया। जल्द ही पुलिस ने ऑटो को खोज लिया। ऑटो चालक को लाकर उससे पूछताछ हुई तो पता चला कि चालक ने किशोरी को भगवान टाकीज पर उतारा था। वहां से एक कार में बैठ वह गई थी।
अब पुलिस ने कार की तलाश जारी किया और फुटेज के आधार पर पुलिस को जल्द ही कार का नम्बर मिल गया। पुलिस ने कार के नंबर से कार के मालिक का पता चला लिया। मालिक से पूछताछ के दरमियान कार चालक से पुलिस ने पूछताछ किया तो पता चला कि उसने किशोरी को दिल्ली के तिलक नगर में छोड़ा था। अब इस प्रकार से पुलिस को कार बुक कराने वाले युवक के बारे में भी जानकारी हो गई थी। मामला अब उस युवक तक पहुचने का था। जो आसान काम नही था। इस कड़ी में सोमवार रात को पुलिस दिल्ली के तिलक नगर पहुंची। इतने बड़े तिलकनगर में एक युवक को तलाश करने का काम भूसे में सुई तलाशने जैसा था। मगर पुलिस ने पूरी बारीकी से इसकी तफ्तीश किया और वहां प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में लगे युवाओं के पीजी हाउस में रुकने की जानकारी इकठ्ठा किया। एक दरमियान पिछले सप्ताह का रिकॉर्ड चेक किया। जिसके बाद शिनाख्त हो गई कि आरोपी युवक और अगवा की गई किशोरी किस पीजी में है। इसके बाद पुलिस ने उस पीजी पर छापा मार कर अगवा किशोरी को बरामद कर लिया और उसको लेकर वापस आगरा आ गई।
पुलिस की पूछताछ में किशोरी ने बताया कि ग्वालियर निवासी दिव्यांशु चौहान से एक साल पहले उसकी मुलाकात हुई थी। वह परिवार की शादी में आया था। उससे फोन पर बातचीत होने लगी। वही अपने साथी दिल्ली निवासी रिंकू के साथ दिल्ली से कार किराये पर लेकर आया था। रिंकू पठानी शूट पहनकर अस्पताल में पहुंचा। ताकि कोई उसको पहचान न सके और सबका शक एक धर्म विशेष के तरफ जाए। इसके बाद उसे बुर्का पहनाकर रिंकू ले गया। इसके बाद दोनों दिल्ली में पीजी में उसको छोड़कर चले गए।
इस दरमियान जानकारी मिली कि सोमवार को ग्वालियर पुलिस ने साइबर ठगी के एक मामले में दिव्यांशु को जेल भेजा है, जबकि रिंकू को थाना न्यू आगरा पुलिस ले आई है। दिव्यांशु के बारे में पुलिस ने ग्वालियर में जानकारी ली। पुलिस ने पीड़िता के कोर्ट में बयान दर्ज कराया हैं। अब पुलिस के बयान के आधार पर विधिक राय ले रही है। इसमें दिव्यांशु और रिंकू को मुकदमे में नामजद करने पर विचार होगा। कानूनी सलाह के अनुसार ही दिव्यांशु और रिंकु पर पुलिस मामला दर्ज करेगी। इस मामले का इतनी बारीकी से खुलासा करने वाली पुलिस टीम को वैसे तो अधिकारियो द्वारा अभी तक कोई इनाम की घोषणा नही किया गया है। मगर प्रकरण में पुलिस की मेहनत सोशल मीडिया से लेकर आम जन तक चर्चा का विषय है।