अरे गज़ब – शिक्षिका ने मुकदमा दर्ज करवा लगाया अधिवक्ता पर बड़ा आरोप, एक फ़्लैट की बिक्री दिखा कर बेच दिया 7 फ़्लैट
ए जावेद
वाराणसी। वाराणसी के भेलूपुर थाने पर आईजी रेंज के निर्देश के बाद आज एक मुकदमा दर्ज हुआ है। इस मुक़दमे में पीडिता शिक्षिका ने एक अधिवक्ता पर बड़ा आरोप लगाते हुवे कहा है कि अधिवक्ता ने एक फ़्लैट बेचने को कहकर 7 फ़्लैट बेच दिए है। पुलिस ने मामले में अधिवक्ता अरविंद सिंह, गंगासागर, प्रशांत सिंह कौशिक, शत्रुघन मिश्रा, अनिल गुप्ता, विजय कुमार गुप्ता, राकेश कुमार गुप्ता और अशोक कुमार यादव के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओें में मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दिया है।
प्रकरण में शिक्षिका के आरोपों को आधार माने तो पिछले दस दिनों से एक शिक्षिका मुकदमा दर्ज कराने के लिए आईजी कार्यालय से लेकर भेलूपुर थाने की चक्कर लगा रही थी। तुलसीपुर निवासिनी शिक्षिका जानकी पटेल का आरोप है कि उसकी बरेका के पास संत गोपाल नगर में पैतृक जमीन है। इस जमीन पर फ्लैट बनाने के लिए बिल्डर जितेंद्र सिंह से एग्रीमेंट हुआ था। जिसमे ये तय हुआ कि 40 फीसदी फ्लैट भू स्वामी और 60 फीसदी फ्लैट बिल्डर का होगा। पिछले साल फ्लैट तैयार हुए और इस जमीन पर 64 फ्लैट बने।
शिक्षिका द्वारा लगाए जा रहे आरोपों के अनुसार 40 फीसदी के हिसाब से हिस्से में 24 फ्लैट आए। फ्लैट को तीन भागों में बांटा गया। आठ फ्लैट मेरे भाई सतीश और आठ फ्लैट दूसरे भाई रमेश को मिले। बाकी आठ फ्लैट मेरी मां रामकला देवी के नाम थे। बाद में मेरी मां ने आठों फ्लैट का वसीयतनामा उसके नाम कर दिया। शिक्षिका का कहना है कि इसी दरमियान उसका और भाइयों में विवाद हो गया। जिसके बाद उसकी मां की मुलाकात एक अधिवक्ता अरविंद सिंह से हुई। अधिवक्ता ने धोखे में रखकर एक फ्लैट की रजिस्ट्री 35 लाख में कराई और बाद में पता चला कि मेरे अन्य सात अन्य फ्लैट में भी दूसरे का कब्जा हो गया है। दस्तावेज में हेरफेर कर अधिवक्ता ने एक फ्लैट की रजिस्ट्री पर सात अन्य प्लैट की रजिस्ट्री करा ली।