लखनऊ – मुस्लिम सम्मलेन में हुआ फैसला कि इस्लाम से खारिज है वसीम रिज़वी, न मिलेगी कही दफ्न होने को जगह और न पढ़ायेगा कोई नमाज़-ए-जनाज़ा
आफताब फारुकी
लखनऊ: उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिज़वी की मुश्किलें बढती ही जा रही है। एक तरफ जहा वो देश के क्या बल्कि दुनिया के सभी मुसलमानों के गुस्से का शिकार हो रहे है वही दूसरी तरफ उनके खुद के सगे भाई ने अपना वीडियो बयान जारी कर कहा है कि वसीम रिज़वी से न हमारा न हमारे परिवार का और न ही हमारे भाई, बहन और माँ का कोई सम्बन्ध है।
वही दूसरी तरफ वसीम रिज़वी के मुखालफत में लखनऊ में मुसलमानों ने सख्त रुख अपनाते हुए उन्हें इस्लाम से बाहर करने का एलान किया है। आज रविवार को हुए सम्मेलन में यह भी एलान किया गया कि मुल्क के किसी भी क़ब्रिस्तान में न तो उन्हें दफ्न होने दिया जायेगा और न ही मुल्क का कोई मौलाना उनके जनाज़े की नमाज़ पढ़ायेगा। यहा तक कि कोई उनकी मय्यत को कन्धा भी नही देगा। बताते चले ये सम्मलेन शिया समुदाय के सबसे बड़े आलिम कल्ब-ए-जव्वाद के आह्वान पर आयोजित हुआ था।
Waseem Rizwi's brother dissociates himself from his heresies; says he, his mother and sisters have kept no relations with this badnseeb for the last three years. pic.twitter.com/QLoWFYOhdB
— Zafarul-Islam Khan (@khan_zafarul) March 14, 2021
लखनऊ में आज मौलाना कल्बे जव्वाद के आह्वान पर हुए सम्मेलन में शिया और सुन्नी दोनों फ़िरक़ों के मौलाना और आलिमो ने शिरकत किया था। एक लम्बे समय के बाद किसी मुद्दे पर दोनों फिरके के आलिम एक साथ मंच पर थे। इसमें शिया, बरेलवी, देवबंदी सभी मसलक के आलिम शामिल थे। सम्मेलन का आयोजन आसफी इमामबाड़े के सामने हुआ जो कई घंटे चला। सम्मेलन में कहा गया कि वसीम रिज़वी का क़ुरआन के बारे में ऐसी याचिका दाखिल करने का मक़सद हिन्दू लोगों की नज़रों में मुसलमानों को घृणा का पात्र बनाना है। ताकि समाज में हिन्दू-मुस्लिम नफरत और बड़ी हो सके। आरोप लगाया गया कि वसीम रिज़वी इस ध्रुवीकरण से अपने राजनीतिक आकाओं को चुनावी फायदा पहुंचना चाहते हैं।
सम्मेलन में शिया मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि वसीम शिया मुसलमान हैं लेकिन इस मुद्दे पर देश का हर शिया मुसलमान उनके खिलाफ खड़ा है। उन्होंने कहा कि वो दुनिया के दो सबसे बड़े शिया मौलानाओं , इराक़ में मौलाना अयातोल्लाह सीस्तानी और ईरान में मौलाना अयातोल्लाह ख़ामेनेई तक वसीम की बात पहुंचाएंगे और कुरान से 26 आयतें निकालने की मांग पर उनसे फतवा ले आयेगे, ताकि वसीम को यह पता चल जाए कि दुनिया में शियाओं का सबसे बड़ा धार्मिक नेतृत्व इस बेवकूफी भरे मांग पर क्या राय रखता है।
मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि वसीम मुस्लिम विरोधी बातें प्रचार पाने के लिए करते हैं, जिसे नज़रंदाज़ करना चाहिए लेकिन एक शिया मौलाना होने के नाते उनका इस मसले पर आवाज़ उठाना इसलिए भी ज़रूरी है ताकि सुन्नी भाइयों को यकीन हो सके कि कोई शिया वसीम के साथ नहीं है।
गौरतलब हो कि विवादो से घिरे रहने वाले वसीम रिज़वी पर सीबीआई ने दो ऍफ़आईआर घोटालो से सम्बन्धित किया है। इसमें एक लखनऊ में और दूसरी प्रयागराज में हुई थी। वसीम रिज़वी गुजिश्ता सालो से कई विवादित बयानों के केंद्र में रहे है और उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा है। इसी कड़ी में वसीम रिज़वी ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर मांग किया है कि कुरआन मजीद की 26 आयतें आतंकवाद सिखाती हैं, इसलिए उन्हें क़ुरआन से निकाल दिया जाए।