आपातकाल एक गलती थी और मेरी दादी ने भी ऐसा ही कहा था – राहुल गाँधी

आदिल अहमद

नई दिल्ली: भारत के पूर्व आर्थिक सलाहकार और कार्नेल यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर कौशिक बासु के साथ आज कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड के सांसद राहुल गाँधी ने कई गंभीर मुद्दु पर आन लाइन चर्चा किया और अपनी बेबाकी के साथ राय रखा। ऑनलाइन हुई इस चर्चा को आज एनडीटीवी ने अपने शो में प्रसारित भी किया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड के सांसद राहुल गाँधी ने इस चर्चा के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के आपातकाल के फैसले को एक “गलती” करार दिया है।

उन्होंने कहा कि उस दौरान जो भी हुआ, वह “गलत” था। आपातकाल पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि वह एक गलती थी। बिलकुल, वह एक गलती थी। और मेरी दादी (इंदिरा गांधी) ने भी ऐसा कहा था।” उन्होंने कहा कि हालांकि वर्तमान परिप्रेक्ष्य से बिलकुल अलग था, क्योंकि कांग्रेस ने कभी भी देश के संस्थागत ढांचे पर कब्जा करने का प्रयास नहीं किया और आज जो हो रहा है, वो उससे भी बुरा है। राहुल गांधी ने कहा कि वह कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र के पक्षधर हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी, देश को उसका संविधान दिया और समानता के लिए खड़ी हुई है।

चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने बेबाकी के साथ कहा कि इमरजेंसी के दौरान जब संवैधानिक अधिकार और नागरिक स्वतंत्रता पर अंकुश लगा दिया गया था और मीडिया पर भी कड़े प्रतिबंध लगाए गए थे और बहुत सारे विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया गया था, वह बुनियादी तौर पर आज की परिस्थितियों से अलग था। लेकिन कांग्रेस ने कभी भारत के संस्थागत ढांचे पर नियंत्रण का प्रयास नहीं किया और स्पष्ट तौर पर कहें तो कांग्रेस के पास ऐसी क्षमता ही नहीं है। कांग्रेस की यह शैली ही नहीं है कि वह उसे ऐसा करने की इजाजत दे।

राहुल गांधी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कुछ ऐसा कर रहा है, जो अपने मौलिक रूप में भिन्न है। उन्होंने कहा कि देश के संस्थानों में अपने लोगों की भर्ती कर रहा है। उन्होंने कहा, “अगर हम भाजपा को चुनाव में हरा भी दें, तब भी हम संस्थागत ढांचे में उनके लोगों से छुटकारा नहीं पा सकेंगे।” इस चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ हुई बातचीत को याद करते हुए कहा कि कमल नाथ ने उन्हें बताया कि मध्य प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उनकी बात नहीं सुनते थे क्योंकि वे आरएसएस के लोग थे और उन्हें जैसा कहा जाता था, वैसा वह नहीं करते थे। उन्होंने कहा, “इसलिए, यह जो कुछ भी हो रहा है, बिलकुल अलग हो रहा है।”

समस्त इनपुट साभार NDTV

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