छत्तीसगढ़ नक्सली हमले में 22 जवान शहीद, अब तक 15 नक्सलियों का बरामद हुआ शव, 2 दर्जन जवानों के नक्सलियों ने लुटे हथियार, जाने क्या है लेटेस्ट अपडेट

आदिल अहमद/तारिक खान/हर्मेश भाटिया

डेस्क। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर और सुकमा जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में शनिवार को सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ के दौरान 22 जवान शहीद हो गए जबकि एक जवान अभी भी लापता है। वहीं करीब एक दर्जन जवान जख्मी हैं। बस्तर रेंज के बीजापुर जिले के तारेम इलाके में यह मुठभेड़ हुई है।  मिल रही जानकारी के अनुसार दो दर्जन जवानों के असलहे नक्सलियों ने लूट लिए है। छत्तीसगढ़ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस मुठभेड़ में कई नक्सली भी मारे गए हैं। खबरों के मुताबिक, सीआरपीएफ की कोबरा कमांडो टीम, डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड और स्पेशल टास्क फोर्स की टीम इलाके में माओवादियों के खिलाफ अभियान चला रही थी, तभी यह मुठभेड़ शुरू हो गई।

बताते चले कि छत्तीसगढ़ में 10 दिन के अंदर यह दूसरा नक्सली हमला है। इससे पहले 23 मार्च को हुए हमले में भी पांच जवान शहीद हुए थे। यह हमला नक्सलियों ने नारायणपुर में आईईडी ब्लास्ट के जरिये किया था। तर्रेम थाने से सीआरपीएफ, डीआरजी, जिला पुलिस बल और कोबरा बटालियन के जवान संयुक्त रूप से सर्चिंग पर निकले थे। इसी दौरान दोपहर में सिलगेर के जंगल में घात लगाए नक्सलियों ने हमला कर दिया। इस पर जवानों की ओर से भी जवाबी कार्रवाई की गई।

क्या और कैसे हुआ घटनाक्रम

सुरक्षाबलों को जोनागुड़ा की पहाड़ियों पर नक्सलियों के डेरा जमाने की सूचना मिली थी। छत्तीसगढ़ के नक्सल विरोधी अभियान के पुलिस उप महानिरीक्षक ओपी पाल ने बताया शुक्रवार की रात बीजापुर और सुकमा जिले से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कोबरा बटालियन, डीआरजी और एसटीएफ के संयुक्त दल को नक्सल विरोधी अभियान के तहत दो हजार जवानों को रवाना किया गया था। लेकिन शनिवार को नक्सलियों ने 700 जवानों को तर्रेम इलाके में जोनागुड़ा पहाड़ियों के पास घेरकर तीन ओर से फायरिंग की थी। तीन घंटे चली मुठभेड़ में 15 नक्सली ढेर हो गए। सुरक्षा बलों ने घटनास्थल से एक महिला नक्सली का शव बरामद किया है। मुठभेड़ में नक्सलियों को भी काफी नुकसान होने की खबर है। हमले में 22 जवान शहीद हो गए। वहीं 31 से अधिक घायल जवानों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।

क्या है मुठभेड़ स्थल की स्थिति

बीजापुर-सुकमा जिले का सरहदी इलाका जोनागुड़ा नक्सलियों का मुख्य इलाका है। यहां नक्सलियों की पूरी एक बटालियन और कई प्लाटून हमेशा तैनात रहती हैं। इस पूरे इलाके की कमान महिला नक्सली सुजाता के हाथों में है। माना जा रहा है कि अफसरों को पहले से ही इस बात का अंदेशा था कि जवानों पर नक्सलियों का बड़ा हमला हो सकता है। यही कारण था कि पूरे इलाके में दो हजार से ज्यादा जवानों को उतारा गया था। नक्सलियों की ओर से की गई गोलीबारी में घिरने के बाद भी जवानों ने हौसला नहीं खोया और नक्सलियों का घेरा तोड़ते हुए तीन से ज्यादा नक्सलियों को ढेर कर दिया है। घायल जवानों और शहीदों के शव को घेरे से बाहर भी निकाल लिया।

सीआरपीएफ के एडीडीपी ऑपरेशंस जुल्फिकार हंसमुख, केंद्र के वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार व सीआरपीएफ के पूर्व डीजीपी के विजय कुमार और मौजूदा आईजी ऑपरेशंस पिछले 20 दिनों से जगदलपुर, रायपुर व बीजापुर के क्षेत्रों खुद मौजूद हैं। इसके बावजूद इतनी बड़ी संख्या में जवानों का शहीद होना पूरी ऑपरेशनल प्लानिंग पर सवाल खड़े कर रहा है।

शान्ति और प्रगति के दुश्मनों के खिलाफ जारी रहेगी लड़ाई – अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में सुरक्षाकर्मियों के शहीद होने पर रविवार को दुख व्यक्त किया और कहा कि उनके शौर्य को कभी भुलाया नहीं जाएगा। शाह ने कहा कि शांति और प्रगति के दुश्मनों के खिलाफ सरकार अपनी लड़ाई जारी रखेगी।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘मैं छत्तीसगढ़ में माओवादियों से लड़ते हुए शहीद हुए हमारे वीर सुरक्षाकर्मियों के बलिदान को नमन करता हूं। राष्ट्र उनके शौर्य को कभी नहीं भूलेगा। मैं उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। हम शांति और प्रगति के इन दुश्मनों (नक्सलियों) के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’

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