प्रयागराज – कटान और तेज़ बारिश से रेत ने खोले अपने सीने में दफन और राज़, फाफामऊ घाट पर मिले रेत में दफन 11 और शव, प्रशासन ने किया विधि विधान से अंतिम संस्कार
तारिक खान
प्रयागराज। बढती बारिश और गंगा में जारी कटान के बाद अब गंगा किनारे की रेट ने अपने सीने में दफन राज़ को खोलना शुरू कर रखा है। इस क्रम में आज सोमवार को कटान का दायरा और बढ़ गया। इससे रेत में दबे कई और शव बाहर दिखने लगे। गंगा तट से कुछ फीट की दूरी पर ही कई शवों के मिलने के बाद नगर निगम प्रशासन की चिंता भी गंगा में बढ़ते पानी के तरह बढ़ गई। दोपहर से शाम तक फाफामऊ घाट पर मजदूरों की मदद से रेती से तलाश तलाश कर कुल 11 शव निकलवाए गए। जिसके बाद उन शवो का हिन्दू रीतिरिवाज़ के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
माना जा रहा है कि ये सभी शव कोरोना काल में दफनाए गए होंगे। सोमवार को फाफामऊ घाट पर बारिश और कटान से रेत में दफनाए गए 11 शवों के निकलने से लोग सकते में आ गए। बेशक ये वाकई अचम्भे की बात है कि अपने ही अपनों को इस तरह छोड़ जाए। अंतिम संस्कार की रीतिरिवाज़ न पूरा करे। शवो को ऐसे ही रेत पर दगन करके चले जाए। बताते चले कि शवो के ऐसे मिलने की यह अब तक की सबसे अधिक संख्या है। देर रात समाचार लिखे जाने तक हिंदू रीति से इन शवों का अंतिम संस्कार कराया जा रहा था। इसी के साथ अब तक रेत से निकलने वाले शवों की संख्या बढ़कर 41 हो गई है।
जोनल अधिकारी नीरज कुमार सिंह ने कर्मियों की मदद से सभी शवों पर गंगा जल डलवाया गया। इसके बाद एक साथ चिताएं लगवाईं। कफन और रामनामी के अलावा घी और राल मंगाकर सभी शवों का देर रात तक अंतिम संस्कार कराया जा रहा है। जोनल अधिकारी ने ही सभी शवों का श्राद्ध किया और मुखाग्नि दी। इस घाट पर अभी और शवों के दबे होने की आशंका व्यक्त किया जा रहा है। उधर, प्रशासन हर कोशिश कर रहा है कि एक भी शव कटान की वजह से गंगा में बहने न पाएं। समय रहते शवों को रेत से बाहर निकाल कर विधिवत अंतिम संस्कार कराया जाए, ताकि प्रदूषण फैलने से रोका जा सके।