सरकारी दस्तावेज़ पेश कर “आप” और “सपा” ने लगाया राम मन्दिर ट्रस्ट पर ज़मीन खरीदने में करोडो के घोटाले का आरोप
हर्मेश भाटिया
अयोध्या: राम जन्मभूमि ट्रस्ट पर राम मंदिर के लिए जमीन खरीदने में भारी भ्रष्टाचार का बड़ा आरोप आज समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी ने आज अलग अलग प्रेस कांफ्रेंस कर लगाया है। इस आरोप से सम्बंधित प्रेस कांफ्रेंस समाजवादी पार्टी ने जहा अयोध्या में आयोजित किया वही दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया है। आरोपों में कहा गया है कि ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने, जो जमीन कुछ समय पहले सिर्फ दो करोड़ रुपये में बिकी थी, उसी जमीन को कुछ वक्त बाद 18।5 करोड़ रुपये में खरीद कर बड़ा घोटाला किया है। इस आरोप पर चंपत राय ने मीडिया से बात करते हुवे कहा है कि हम इन आरोपों की कोई चिंता नहीं करते। हम पर महात्मा गांधी की हत्या का भी आरोप लगा था।
समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री पवन पांडेय ने अयोध्या में मीडिया के सामने रजिस्ट्री के दस्तावेज पेश कर आरोप लगाया कि रामजन्मभूमि की जमीन से लगी एक जमीन पुजारी हरीश पाठक और उनकी पत्नी ने 18 मार्च की शाम सुल्तान अंसारी और रवि मोहन को दो करोड़ में बेची थी। वही जमीन सिर्फ चंद मिनट बाद चंपत राय ने राम जन्मभूमि ट्रस्ट की तरफ से 18।5 करोड़ रुपये में खरीद ली। अखिलेश यादव सरकार में मंत्री रहे पवन पांडेय ने कहा, ‘मैं भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहा हूं। ऐसी कौन सी वजह थी। उस जमीन ने 10 मिनट के अंदर कौन सा सोना उगल दिया कि जिस जमीन का बैनामा दो करोड़ में हुआ था, 10 मिनट बाद वह जमीन 18।5 करोड़ रुपये की हो गई।’
यही आरोप उसी वक्त आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लगाए। उन्होंने कहा कि 5 मिनट में जमीन 16।5 करोड़ रुपये महंगी हो गई, जो विश्व रिकॉर्ड है। संजय सिंह ने कहा, ‘रविमोहन तिवारी और सुल्तान अंसारी से 18।5 करोड़ में खरीदी दो करोड़ की जमीन। लगभग 5।5 लाख रुपये प्रति सेकेंड जमीन का दाम बढ़ गया। हिंदुस्तान क्या दुनिया में कहीं कोई जमीन एक सेकेंड में इतनी महंगी नहीं हुई होगी।’
इस खरीद में ट्रस्ट पर घोटाले का आरोप इसलिए भी है कि जो जमीन रविमोहन और एक मुस्लिम शख्स सुल्तान अंसारी ने खरीदी, उसकी रजिस्ट्री में ट्रस्ट के ट्रस्टी अनिल मिश्रा और संघ से ताल्लुक रखने वाले अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय गवाह हैं और यही दोनों लोग चंद मिनट बाद 16।5 करोड़ रुपये महंगी खरीदी गई रामजन्मभूमि ट्रस्ट की डील में भी गवाह हैं। पवन पांडेय ने कहा, ‘इसका मतलब है कि जब बैनामा हुआ तब ट्रस्टी गवाह थे, जब रजिस्टर्ड एग्रीमेंट हुआ, तब ट्रस्टी गवाह थे। इसका मतलब है कि ट्रस्ट भ्रष्टाचार में लिप्त है।’
वहीं रामजन्मभूमि ट्रस्ट के सचिव चंपत राय इन आरोपों की परवाह नहीं करते। उन्होंने कहा, ‘हम पर आरोप लगते ही रहते हैं। 100 साल से आरोप ही देख रहे हैं हम लोग। हम पर महात्मा गांधी की हत्या के आरोप लगे। आरोप की हम चिंता नहीं करते, आप भी चिंता मत करिए। आप खूब लगाइए। आप अपना काम करिए, हम अपना काम करेंगे।’
इस मामले में सरकारी दस्तावेज पेश कर यह आरोप लगाने वाले दल दोषियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई चाहते हैं। संजय सिंह ने कहा, ‘मैं मांग करता हूं, इस देश की सरकार से कि तत्काल ईडी और सीबीआई से इस मामले की जांच कराई जाए और जो इसमें भ्रष्टाचारी हैं, उनको पकड़ कर जेल में डाला जाए।’