आखिर दुधवा की खुली वादियों में आ ही गया मिट्ठू
फारुख हुसैन
पलियाकलां। लंबे इंतजार के बाद आखिरकार एक व्यक्ति की हत्या के आरोप में बनारस के रामनगर में जंजीरों में जकड़े मिथुन उर्फ मिट्ठू को अब खुली वादियों में सांस नसीब हो पाई है। बताते चले कि मिट्ठू एक हाथी का नाम है। हाथी को सकुशल दुधवा टाइगर रिजर्व ले आया गया। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर मिथुन उर्फ मिट्ठू हाथी को पार्क प्रशासन ने सोनारीपुर रेंज में ले जाकर आइसोलेट किया है। डॉक्टरों की टीम ने हाथी का स्वास्थ्य परीक्षण किया जिसमें वह पूरी तरह से फिट निकला। मिथुन उर्फ मिट्ठू हाथी के दुधवा आने के बाद अब दुधवा में पालतू हाथियों की संख्या बढ़कर 25 हो गई है।
एक व्यक्ति की हत्या के आरोप में रामनगर में जंजीरों में कैद मिट्ठू हाथी को दुधवा टाइगर रिजर्व में ले आया गया है। हत्या के आरोप में पिछले दो सालों से रामनगर में कैद इस हाथी को लाने के लिए दुधवा टाइगर रिजर्व से डॉक्टर के साथ महावतों की टीम दो दिन पूर्व रवाना हुई थी जो कि सोमवार की दोपहर को मिथुन उर्फ मिठ्ठू नामक हाथी को लेकर दुधवा पहुंच गई। कोरोना काल के मद्देनजर चंदौली से आए मिथुन उर्फ मिट्ठू हाथी को सोनारीपुर रेंज में आइसोलेट किया गया है।हाथी की उम्र लगभग 45 वर्ष बताई गई है। मिथुन उर्फ मिट्ठ हाथी लगभग 5 से 6 महीने तक चिकित्सीय प्रशिक्षण में अन्य हाथियों से अलग रहेगा।
पशु चिकित्सक डॉक्टर दयाशंकर व डा। राहुल राजपूत की टीम द्वारा हाथी का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। जिसमें मिथुन उर्फ मिट्ठू नामक हाथी पूरी तरह से स्वस्थ निकला। लेकिन नई जगह आने के चलते मिथुन उर्फ मिट्ठू हाथी कुछ विचलित दिखा। इस दौरान उप प्रभागीय वनाधिकारी डा। सीपी सिंह, क्षेत्रीय वनाधिकारी सोनाली पुर रेंज गिरधारी लाल, काशी वन्यजीव प्रभाग के क्षेत्रिय वनाधिकारी तारा शंकर यादव आदि वन कर्मी मौजूद रहे।