देवरिया में सरजू तो हस्तिनापुर में गंगा उफान पर, हस्तिनापुर में बाढ़ जैसे हुवे हालात तो देवरिया में सरजू पहुची खतरे के निशान तक
संजय ठाकुर
डेस्क. एक तरफ जहा प्रदेश में मानसून ने दस्तक दे दिया है वही दूसरी तरफ रुक रुक कर होती झमाझम बारिश ने नदियों में उफान बढ़ा दिए है। देवरिया जिले सरयू नदी खतरे के निशान पर बहने लगी है। वही राप्ती और गोर्रा भी खतरे के निशान की ओर तेजी से बढ़ रही हैं। शनिवार को सरयू नदी में 12 घंटे में 40 सेंटीमीटर की बढ़त दर्ज की गई। जलस्तर में निरंतर हो रहे इजाफा से तटवर्ती गांवों में हड़कंप है। अधिकारियों ने बाढ़ क्षेत्र का दौरा करते हुए चौकियों को अलर्ट कर दिया है।
सरयू नदी में करीब एक सप्ताह से सैलाब उमड़ रहा है। नदी का पानी सीढ़ियों पर पहुंच गया है। जलस्तर खतरे के निशान 66।50 पर पहुंच गया है। नदी इन दिनों तेजी से खेतों के रास्ते गांवों की ओर बढ़ रही है। कटइलवा से कपरवार संगम तट पर बन रहे ड्रीम प्रोजेक्ट पर नदी दबाव बनाने लगी है। जबकि राप्ती में उफान के कारण भदिला प्रथम गांव मैरुंड हो गया है। जिससे गांव के लोगों का सड़क मार्ग से संपर्क टूट गया है।
गंगा में जारी है उफान
इस दरमियान मेरठ से सटे हस्तिनापुर में रविवार सुबह बिजनौर बैराज से छोड़े गए 4 लाख 25 हजार क्यूसेक पानी से खादर क्षेत्र के हालात लगातार नाजुक बनते जा रहे हैं। खादर क्षेत्र के फतेहपुर प्रेम गांव के आसपास तीन स्थानों पर गंगा का पानी कच्चे तटबंध को तहस-नहस कर बाहर निकल गया है। गंगा का जलस्तर लगातार जंगल और आबादी में फैल रहा है।
जानकारी के अनुसार खादर क्षेत्र के फतेहपुर प्रेम, हरिपुर, रठौरा कला, सिर्जोपुर, हसापुर, परसापुर, आदि गांव के चारों ओर पानी पहुंच चुका है। अब यह जल धीरे-धीरे गांव की ओर बढ़ रहा है। वहीं जंगल जलमग्न हैं, इन गांव के संपर्क मार्ग भी पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं और गांवों से संपर्क टूटने की संभावना जताई जा रही है। इसके चलते इन गांव के ग्रामीण पूरी तरह दहशत में हैं। क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात नजर आ रहे हैं। शासन-प्रशासन की कोई व्यवस्था यहां नजर नहीं आ रही है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा, तो खादर क्षेत्र की बड़ी आबादी प्रभावित होगी।