बुज़ुर्ग तांत्रिक की दाढ़ी काटने का प्रकरण –  पुलिस ने दिया पोल खोल, तांत्रिक रहा था झूठ बोल, चार और आरोपियों की गिरफ़्तारी, कुल 8 हिरासत में, 2 फरार

आदिल अहमद

डेस्क. गाज़ियाबाद के लोनी में एक मुस्लिम तांत्रिक के साथ मारपीट और दाढ़ी काटने के प्रकरण में पुलिस ने चार अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. अब तक गिरफ्तार आरोपियों के नाम पहले बताते चले, उनके नाम है आदिल, मुशाहिद, शावेज़, अनस, इंतज़ार, सद्दाम, हिमांशु और अभय उर्फ़ गुज्जर. इसके अलावा प्रवेश गुज्जर पहले से ही रंगदारी के एक मामले में 12 जून को गिरफ्तार है और जेल में बंद है. मामले में मज़हब का चश्मा पहने लोग अब नामो में मज़हब की तलाश कर शायद थोडा ठंडा पानी पी सकते है. बार बार हम यही कहते है कि किसी विवाद को सम्प्रदाय के नाम पर देखना सही नही होता है.

बहरहाल, गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में जो सच उगला है वह तांत्रिक समद के बातो को उल्टा साबित कर रहा है. तांत्रिक समद के द्वारा आरोप तो काफी बड़े बड़े लगाये गए थे. मगर हकीकत में आरोप की कहानी एकदम उलटी है. बुलंदशहर के अनूपशहर निवासी 72 वर्षीय तांत्रिक अब्दुल समद के अनुसार वह गत पांच जून को बेहटा हाजीपुर आए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली गोल चक्कर से वह एक ऑटो में बैठ गए। रास्ते में ऑटो चालक के साथी भी आ गए, जिसके बाद ऑटो सवार अज्ञात लोग उन्हें सुनसान इलाके में ले गए। वहां तीन घंटे बंधक बनाकर यातनाएं दीं और फिर कैंची से उनकी दाढ़ी काटी।

इसके बाद तांत्रिक समद की तहरीर जो 6 जून के दिन पड़ी थी पर पर लोनी बॉर्डर पुलिस ने 7 जून को अज्ञात ऑटो सवारों के खिलाफ बंधक बनाकर मारपीट करने का केस दर्ज कर लिया गया था। घटना के 9 दिन बाद 14 जून को घटना की वीडियो वायरल हो गई. जिसके बाद देखते देखते जंगल की आग के तरह वीडियो सोशल मीडिया पर फ़ैल गई और मामले में बात का बतंगड़ बन गया। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस के भी हाथ पाँव फुल गए और मामला सांप्रदायिक दिखाई देने लगा. इसको असल में व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी के लोगो ने सांप्रदायिक रूप देते हुवे वायरल करना शुरू कर दिया था.

पुलिस ने धार्मिक भावना आहत करने की धारा बढ़ाकर शिनाख्त के बाद दो आरोपियों आदिल व अभय उर्फ गुर्जर को गिरफ्तार कर लिया। जबकि मुख्य आरोपी प्रवेश गुर्जर 12 जून से ही रंगदारी मांगने के मामले में जेल में बंद है। वहीं, बुधवार को बेहटा हाजीपुर निवासी इंतजार व उसके साले सद्दाम को गिरफ्तार किया। पुलिस ने गुरुवार को चार और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इनकी पहचान मुशाहिद व शावेज निवासीगण बेहटा हाजीपुर, अनस निवासी अमित विहार कॉलोनी और हिमांशु निवासी राम विहार कॉलोनी के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार मामले की जांच में दो अन्य आरोपी गुलशन उर्फ पोली और आवेश चौधरी फरार हैं। गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में जो कुछ बताया वह तांत्रिक समद के शिकायत में झोल दिखाने के लिए काफी है.

आरोपी आदिल और अभय उर्फ कल्लू गुर्जर ने पुलिस पूछताछ में बताया कि 5 जून को प्रवेश का फोन आने पर हम उसके घर बंथला गए थे। वहां तांत्रिक अब्दुल समद पहले से मौजूद था। उसके साथ घटना के दौरान हम मौजूद थे। आरोपी इंतजार ने बताया कि मैंने ही करीब तीन माह पहले तांत्रिक समद से प्रवेश को मिलवाया था। उसके लिए समद ने तंत्र-मंत्र व ताबीज की व्यवस्था की थी। समद ने 5 जून को आने के लिए कहा था। 5 जून को समद पहले सद्दाम के घर गए। प्रवेश का फोन आने पर मैंने ही सद्दाम के द्वारा समद को प्रवेश के घर भिजवाया था। वहां उनका आपस में कुछ विवाद हो गया। घटना के वक्त मैं मौके पर मौजूद था।

एक अन्य आरोपी सद्दाम ने बताया कि 1 जून को मैंने समद से बेटे की परेशानी के मुताल्लिक बात किया था। उन्होंने 5 जून को आने के लिए कहा। समद पहले मेरे घर आए। उसके बाद इंतजार के कहने पर मैं समद को प्रवेश के घर लेकर गया, जिसके बाद वहां पर विवाद हो गया। घटना के वक्त मैं वहां मौजूद था। इसी तरह मुशाहिद, शावेज, अनस और हिमांशु ने भी बताया कि हम आदिल के जिम में कसरत करते हैं। 5 जून को प्रवेश ने आदिल को फोन किया था। आदिल के साथ हम लोग प्रवेश के घर पहुंचे। वहां तांत्रिक समद के साथ विवाद हो गया था। घटना के दौरान हम मौके पर मौजूद थे।

इन बयानों को अगर ध्यान दे तो तांत्रिक समद और आरोपी दोनों एक दुसरे को पहले से जानते थे। गोल चक्कर और ऑटो का चक्कर के अलावा अज्ञात ऑटो चालक की कहानी पूरी तरह निराधार है। दाढ़ी तो काटी गई थी, जिसको वायरल वीडियो में भी देखा जा सकता है। मगर जो कहानी तांत्रिक समद ने बताया है वह कहानी पूरी तरह से गलत निकल कर सामने आई। वही जो व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी के क्रांतिकारी लोग मामले को धर्म विशेष से जोड़ कर प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहे थे अब हकीकत सामने आने के बाद ख़ामोशी दफ्तर के इंचार्ज बन बैठे है। गिरफ्तार आरोपियों के नाम पढ़कर उनके मुह बंद हो चके है।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *