वाराणसी – पोस्टमार्टम हाउस पर शव बांधने के लिए पैसे मांगने का वीडियो हुआ वायरल, पूर्व आईपीएस ने किया वाराणसी के अधिकारियो से शिकायत
ईदुल अमीन
वाराणसी। पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर तथा उनकी पत्नी समाजसेविका डॉ नूतन ठाकुर ने वाराणसी के पोस्ट-मोर्टेम हाउस में निशुल्क पोस्ट-मोर्टेम की जगह उसके लिए पैसे मांगे जाने की शिकायत की है। वायरल वीडियो को बीएचयू अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस का बताया गया है। वीडियो में एक शव बांधने के एवज में मृतक के परिजनों को 1500 रुपये और बच्चे के शव को बांधने के लिए 750 रुपये देना पड़ता है। पोस्टमार्टम हाउस पर इस काम के लिए मौजूद व्यक्ति को पैसा खुद पुलिस मृतक के परिजनों से दिलवाती हैं। बृहस्पतिवार को वायरल एक वीडियो में एक पुलिसकर्मी खुद इस बात को पुष्टि करता नजर आ रहा है। पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने इस वीडियो को ट्वीट किया है।
UP की एक और जमीनी हकीकत !
दिनेश निवासी नेवादा थाना भेलूपुर की बच्ची उन्नति व नातिन की संभावित हत्या मामले में वाराणसी में पोस्ट मोर्टेम के लिए लगे रु० 1500 व 750, जबकि कथित रूप से पोस्ट मोर्टेम पूरी तरह निशुल्क है.
कृ संज्ञान @varanasipolice @dmvaranasi2016 @UPGovt @Uppolice pic.twitter.com/V50sXXzPeD
— AmitabhThakur (@Amitabhthakur) July 22, 2021
पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी डॉ नूतन ठाकुर ने डीएम वाराणसी सहित अन्य को भेजी अपनी शिकायत में कहा है कि उन्हें एक विडियो प्राप्त हुआ है जो आज वाराणसी के पोस्ट मोर्टेम हाउस का बताया गया है। यह विडियो नेवादा थाना भेलूपुर निवासी दिनेश की बच्ची उन्नति व उनकी नातिन की संभावित हत्या के मामले में पोस्ट मोर्टेम से संबंधित है। विडियो में पीड़ित पक्ष कह रहा है कि उन्हें बड़ी लड़की के लिए रु० 1500 व बच्ची के लिए रु० 750 देने पड़े। वीडियो से यह भी साफ है कि पोस्ट मोर्टेम हाउस पर रोज ऐसा ही होता है।
बताते चले कि आरोपो के अनुसार पोस्टमार्टम होने के बाद पैसा मिलने पर ही प्लास्टिक और कपड़े से शव को बांधकर परिजनों को दिया जाता है। इस दौरान शव बंधवाने के लिए रुपयों की मांग करने वाले दिनेश व वहां मौजूद अन्य लोगों से नोकझोंक भी हो गई। शव के साथ गए पुलिसकर्मी ने दिनेश से 2250 रुपये दिलवाया। इसके बाद वो शव बांधने के लिए गए। अमिताभ तथा नूतन ने कहा कि यह पूरी तरह आपत्तिजनक है क्योंकि सरकारी पोस्ट मोर्टेम पूरी तरह निशुल्क होता है। अतः उन्होंने इसका संज्ञान लेते हुए समुचित कार्यवाही की मांग की है ताकि पोस्ट मोर्टेम के दौरान किसी भी पीड़ित के साथ गलत न हो।