अब विश्व हिन्दू सेना के अरुण पाठक ने सोशल मीडिया से किया पोस्टरवार, अखबारों में पम्पलेट रखवा कही ये बात
अनुराग पाण्डेय
वाराणसी: वाराणसी के सांसद व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रस्तावित वाराणसी आगमन की पूर्व संध्या पर अपने पोस्टरवार को जारी रखते हुये विश्व हिन्दू सेना के अरुण पाठक ने सोशल मीडिया पर एक पोस्टर जारी किया है और प्रधानमन्त्री तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ संघ को निशाना बनाया है। पोस्टर में आरएसएस और भाजपा से कई सवाल किया गया है।
अरुण पाठक ने अपने सोशल मीडिया पर जारी पोस्टर वार में संघ प्रमुख मोहन भागवत के लिए लिखा है कि “गो मांस खाने वाले और गौ माता की पूजा करने वाले का डीएनए कैसे एक हो सकता है।” क्या आप सठिया गये है मोहन भागवत।” बताते चले कि केंद्र व प्रदेश सरकार विरोधी बनारस में पोस्टर लगवाने के लिए अरुण पाठक लगातार सुर्खियों में और बनारस की तीन थानों में प्रशासन द्वारा उनके ऊपर मुकदमा दर्ज कराया गया है। हिन्दूवादी नेता के तौर पर सियासत करने वाले अरुण पाठक विगत एक वर्ष से फरार है और पुलिस उनकी गिरफ़्तारी के लिए प्रयासरत है। इस दरमियान अरुण पाठक ने हाईकोर्ट की शरण लिया हुआ है।
इस दरमियान जहा एक तरफ वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट लगातार अरुण पाठक के सम्भावित ठिकानों पर छापेमारी की बात करती है और गिरफ़्तारी का प्रयास करने की बात करती है। वही अरुण पाठक लगातार सोशल मीडिया पर एक्टिव है। अगर अरुण पाठक के फेसबुक और ट्विटर एकाउंट को देख जाये तो सरकार के विरोध का एक नया ही रूप देखने को मिलेगा। अरुण ने हैंडबिल बनवाकर अखबारों के माध्यम से इसको घरो में भेजा है।
इस हैण्ड बिल में लिखा है कि “विश्व हिन्दू सेना (एक अपील) करती है
- भाजपा अब हिन्दुओं को ही प्रताड़ित करने लगी है, कमलेश की हत्या ये साबित करती है कि इन्होंने उनकी सुरक्षा हटवाकर जिहादियों को कमलेश की हत्या करवाने का न्योता दे दिया। इससे यह साबित होता है कि इन्हें हिन्दुओं की नहीं कुर्सी की चिंता है।
- नेपाली प्रधानमंत्री ओली ने प्रभु श्रीराम और माता सीता का अपमान किया तब भी मोदी-योगी चुप्पी साधे रहे। मैंने इसके खिलाफ नाटक मंचन करवाकर आवाज उठाई तो भाजपा सरकार को इतना बुरा लगा कि उन्होंने मेरे खिलाफ ही मुकदमा करवाकर मुझे व मेरे परिवार को प्रताड़ित करवाना शुरू कर दिया। मेरे कार्यकर्ताओं को भी जेल भेजा गया।
- जिस राममंदिर के नाम पर भाजपा के लोग मजे ले रहे हैं उसके लिए मैंने भी लाठियाँ खाई जेल गया। मेरा कितना सम्मान हुआ ? राममंदिर के लिए संघर्ष करनेवाले कोठारी बंधुओं जैसे न जाने कितने लोग गुमनाम हैं ? इन भाजपाइयों ने राममंदिर ट्रस्ट में भी जमीन के नाम पर करोड़ों रुपये का घोटाला कर दिया। विदेशों से चंदे के नाम पर आ रहे रुपयों का मजा ले रहे हैं।
- इन भाजपाइयों के अलावा कोई हिन्दुवादी नेता शीर्ष तक न पहुँचे इसीलिए वे कमलेश की तरह मेरी भी हत्या करवाना चाहते हैं। मेरी गिरफ्तारी के लिए अब मेरे परिवार को भी प्रताड़ित किया जा रहा है।
- ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा देने वाली सरकार के राज में पुलिसकर्मियों ने मेरी नाबालिग बेटी का मोबाइल छिन लिया। मोबाइल देने के लिए थाने पर बुलाकर घंटों इंतजार करवाया। बूढ़ी माताजी और मेरी पत्नी को भी अनाप-शनाब बोला गया।
- मेरे उस भाई को जेल भेजा गया जिनकी किडनी खराब है और उनका मुझसे, मेरे संगठन से और किसी भी कार्यक्रम से कोई लेना-देना नहीं है। मेरे घर की सुरक्षा के लिए लगाए गए कैमरे, डीबीआर पुलिस इसलिए उठा ले गई कि जेहादी आसानी से मेरे परिवार को मार सके।
- बाबा काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के नाम पर भी भाजपा का खेल रही है । ये भाजपा के लोग मुगल शासन से भी गिरे हुए साबित हो रहे हैं।
- आरएसएस प्रमुख कहते हैं कि उनका और मेरा डीएनए एक है । गोमांस खाने वालों और गोकसी करने वालों का डीएनए एक कैसे हो सकता है।
- योगी सरकार को पाँच वर्ष पूरे होने जा रहे हैं, उनसे मेरा सिर्फ एक सवाल है, उनके कार्यकाल में अब तक गोकसी के कितने अड्डे बंद हुए ? देश को जवाब चाहिए। क्या ये ढोंग नहीं है?
इस हैण्ड बिल के वितरण के बाद से प्रशासन में खलबली मची हुई है। पहले से ही शिथिलता का आरोप झेल रही भेलूपुर पुलिस द्वारा अभी तक अरुण पाठक की गिरफ़्तारी न होने से और भी किरकिरी हो रही है। एक हाईटेक और चर्चित चहरे वाले अरुण पाठक के द्वारा लगातार सोशल मीडिया का प्रयोग किया जा रहा है वही भेलूपुर पुलिस के द्वारा प्रयास जैसे शब्द से काम एक वर्ष से चलाया जा रहा है। गिरफ़्तारी के प्रयास के नाम पर परिजनों से पूछताछ के अलावा भेलूपुर पुलिस के हाथ आज भी खाली है।
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