वाराणसी के लोहता थाना क्षेत्र में पांच बच्चो की माँ ने किया कथित ख़ुदकुशी, दहकते सवालातो में घिरी क्षेत्रीय चौकी इंचार्ज की पूछताछ

"ढेर पढ़े लिखे" लोग को शायद मालूम नही है कि थानाध्यक्ष विश्वनाथ प्रताप सिंह वही पुलिस अधिकारी है जिन्होंने पुलिसिंग की नजीर कायम किया है, दस साल पहले हुवे एक अज्ञात हत्या का खुलासा किया था

तारिक आज़मी

वाराणसी। वाराणसी के लोहता थाना क्षेत्र के धमरिया स्थित गुलज़ार नगर कालोनी में एक पांच बच्चो की माँ ने की आज उसके घर में पुलिस को लाश मिली। क्षेत्रीय नागरिको का कहना था कि महिला ने फांसी लगा लिया है। वही जब पुलिस मौके पर पहुची तो क्षेत्र के कुछ “ढेर समझदार” लोग महिला को लाश को उतार कर ज़मीन पर लिटाये हुवे थे। सब मिला कर अगर समाचार के भाषा में शब्द लिखा जाए तो संदिग्ध परिस्थितियों में महिला की लाश उसके घर में पुलिस को मिली। मौके पर सुचना पाकर पहुचे अनुभवी थानाध्यक्ष ने मामले में संदिग्धता को देखते हुवे लाश का पंचनामा भरकर लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

मौके पर हमको कुछ प्रत्यक्षा दर्शी मिले जिन्होंने हमको कुछ बयान भी दिए है। बयान हमारे पास वीडियो पर सुरक्षित है। पहले हम आपको समाचार के सम्बन्ध में बताते चलते है। मिली जानकारी के अनुसार मृतक महिला का नाम सोनी बताया गया है। महिला के पति का नाम मुबारक बताया गया है। क्षेत्रीय नागरिको का कहना था कि सोनी का अपने पति मुबारक से काफी समय से विवाद चल रहा था। कल बीती रात को भी मुबारक द्वारा सोनी से मारपीट की आवाज़े आई थी। आज सुबह लगभग 11 बजे सोनी के संदिग्ध मौत से क्षेत्र में हडकंप मच गया। खुद को “ढेर पढ़ा लिखा” बताने वाले क्षेत्र के एक सज्जन ने लाश को नीचे उतारा अथवा किसने लाश को फंदे से नीचे उतारा अथवा लाश नीचे ही थी और फंदा ऐसे ही था इसकी जानकारी किसी को नही है। क्योकि पुलिस ने जब पूछताछ शुरू किया तो सबने ये कहा कि हम तो अभी आये है हमको नही मालूम है।

बहरहाल, मामला कुछ इस तरीके से समझ में अभी तक आया है कि सोनी इस जगह पर रहती थी। जिसका उसके पति मुबारक से विवाद अक्सर हुआ करता था और मारपीट भी होती रहती थी। इस दरमियान कल यानी बृहस्पतिवार की रात को भी सोनी और मुबारक में मारपीट हुई थी। ऐसा हम नही बल्कि एक प्रत्यक्षदर्शी ने हमको बताया। आज जिस समय मृतका के फांसी लगा लेने का शोर आसपास उठा उस समय सोनी के पति मुबारक को चारदिवारी कूद कर भागते हुवे भी प्रत्यक्षदर्शी ने देखा है जिसका बयान हमारे पास सुरक्षित है। सुरक्षा की दृष्टि से हम उस बयान और प्रत्यक्षदर्शी का नाम ज़ाहिर नही कर रहे है।

पुलिस ने पंचनामा करके लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। शाम को पोस्टमार्टम के बाद लाश परिजनों के हवाले किया गया। जिसको इस्लामी रीति रिवाज़ के अनुसार दफीन आज शुक्रवार की रात को ही कर दिया गया। इस दौरान पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतज़ार कर रही है। वही इलाके के कुछ “ढेर पढ़े लिखे” लोग और दिमागदार अपना अपना विशेष दिमाग लगाना शुरू कर चुके है। सूत्र बताते है कि क्षेत्रीय चौकी इंचार्ज क़स्बा, जिनको अक्सर एक स्थानीय अधिवक्ता के व्यक्तिगत चेंबर में ही देखा जाता के द्वारा यहाँ बैठ कर बयान और बयानों का बयान दर्ज किया जा रहा था।

पहले भी मृतका कर चुकी है आत्महत्या के प्रयास

मृतका सोनी पहले भी कई बार आत्महत्या का प्रयास कर चुकी है। इसके सम्बन्ध में जानकारी हमको क्षेत्र के लोगो से मिली तो हमने तफ्तीश किया। इस मामले में दो बार आत्महत्या के प्रयास से सम्बन्धित जानकारी हमको मिली। 27-28 मई 2021 को मृतका सोनी के द्वारा विषाक्त पदार्थ खाने के कारण उसकी हालात बिगड़ गई थी। जिसके बाद क्षेत्र के एक परिचित रमजान अली ने उसको लोहता के सैनिक सेवा सदन नामक एक अस्पताल में भर्ती करवाया था। जहा से स्वास्थ्य लाभ होने के बाद चिकित्सको ने उसको छुट्टी दे दिया था और वह अपने घर आ गई थी। दूसरी जानकारी के अनुसार मृतका ने 8 जून 2021 को भी आत्महत्या का प्रयास करते हुवे कुछ विषाक्त पदार्थ दुबारा खा लिया था। इस बार उसको उसके पति मुबारक ने कोरोता चौराहे के पास स्थित एक निजी चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया था।

जारी है पुलिस की तफ्तीश

बहरहाल, मामले में पुलिस अपनी तफ्तीश को किस तरफ ले जारी है ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। मगर शायद इस क्षेत्र एक “ढेर पढ़े लिखे लोग” को एक बात नही मालूम है कि लोहता थानाध्यक्ष विश्वनाथ प्रताप सिंह एक अनुभवी व्यक्ति है। बतौर चौकी इंचार्ज नाटी इमली रहते हुवे उन्होंने एक ऐसे केस का खुलासा किया था जिसमे न तो मृतक के बारे में कोई जानकारी थी और न ही मारने वाले के सम्बन्ध में। न गुमशुदगी थी और न ही कोई मुकदमा दर्ज था। सिर्फ अगर विश्वनाथ प्रताप सिंह के पास जानकारी थी तो ये थी कि अमुक ऑटो चालक के साथ एक युवती रहती थी जो कई सालो से दिखाई नहीं दे रही थी। इस केस के अन्दर जाते जाते विश्वनाथ प्रताप सिंह ने एक दस साल पहले हुई ऐसी हत्या का खुलासा किया था जिसने पोलिसिंग के लिए नजीर कायम किया है। उस हत्या की कोई पुलिस में शिकायत दर्ज नही थी। कोई गुमशुदगी दर्ज नही थी। दस साल के बाद उस हत्या का खुलासा करने वाले विश्वनाथ प्रताप सिंह को तत्कालीन एसपी (सिटी) ने खूब सराहा था।

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