हत्या के अनसुलझे केस क्या कभी हल हो पायेगे (भाग -2) – हत्या कर फेकी गई अज्ञात लाश को 5 माह बाद भी नही मिली शिनाख्त

मगर प्रकरण में अभी तक लाश की शिनाख्त न होने के कारण जाँच भी आगे नही बढ़ पा रही है। जिम्मेदारो की बात करे तो थाना प्रभारी फोन ही नही उठाते है तो फिर सवाल का जवाब मिलना मुश्किल ही बात है।

तारिक आज़मी

वाराणसी। वाराणसी के लंका थाना क्षेत्र में हुई चाय विक्रेता बुज़ुर्ग रामू चाचा हत्याकांड की बिना हल हुई घटना आपने पिछले अंक में पढ़ी। लगभग दो साल से दिन हफ्तों में और हफ्ते महीनो में बदलते जा रहे है मगर स्वर्ग में बैठे रामू चाचा की आत्मा को इन्साफ अभी तक नही मिला है। उनके हत्यारे आज भी शायद कही खुले घूम रहे होंगे। ये एक एकलौती घटना नही है। लंका थाना क्षेत्र में एक और हत्या के प्रकरण की गुत्थी आज लगभग 5 माह गुज़र जाने के बाद भी नही सुलझी है।

7 फरवरी 2021 को सुबह जब लोग सोकर उठे तो सामने घाट पुल के पास बोर में बंद एक लाश दिखाई दी जिसका पैर बोर से बाहर निकला हुआ था। लाश की खबर जंगल में आग के तरह फ़ैल गई और मौके पर भीड़ इकठ्ठा हो गई। इसमें से किसी ने लाश की सुचना स्थानीय लंका पुलिस को दिया। मौके पर पहुची लंका पुलिस ने बोरा खुलवा कर देखा तो एक महिला की लाश थी। लाश को देख कर लगता था कि कही अन्यंत्र हत्या करके लाश यहाँ ठिकाने लगाया गया है। पुलिस ने महिला की शिनाख्त करवाने की कोशिश किया मगर सफलता हाथ नही लगी। जिसके बाद पंचनामा भरकर लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।

हत्या के अनसुलझे केस क्या कभी हल हो पायेगे (भाग -1) : थाना लंका में रामू चाचा की आत्मा करे पुकार, मेरी मौत का भी करवा दे साहब इन्साफ

इसके बाद कई दिनों तक लंका पुलिस ने लाश के शिनंख्त हो जाने का इंतज़ार किया मगर कोई शिनाख्त न होने के बाद आखिर लाश को सबसे पहले देखने वाले बब्बू की तहरीर के आधार पर 25 फरवरी 2021 को अपराध संख्या 176/21 दर्ज कर विवेचना शुरू कर दिया गया। प्रकरण हत्या का था। मगर सूत्रों की माने तो पुलिस को जिस गंभीरता से इसको हल करने का प्रयास करना चाहिए था वह नही हो पाया। आज जब इस घटना को 5 माह गुज़र चुके है, तब तक इस केस का खुलास तो दूर की बात रही, पुलिस अभी तक मामले में मृतक की शिनाख्त तक नही करवा सकी है।

इस घटना के पांच माह से अधिक समय बीत चूका है। मगर पुलिस के हाथ खाली है। पुलिस मामले में कितनी गंभीरता से काम कर रही है यह तो विवेचक ही बता सकते है। मगर प्रकरण में अभी तक लाश की शिनाख्त न होने के कारण जाँच भी आगे नही बढ़ पा रही है। जिम्मेदारो की बात करे तो थाना प्रभारी फोन ही नही उठाते है तो फिर सवाल का जवाब मिलना मुश्किल ही बात है। वैसे घटना के सम्बन्ध में एसीपी भेलूपुर चक्रपणि त्रिपति से हमारी बात हुई। मृदु भाषा शैली और कोआपरेटिव नेचर के लिए मशहूर एसीपी भेलूपुर अस्वस्थ थे मगर एक ही बार में फोन उन्होंने उठाया। प्रकरण में उन्होंने कहा कि हम प्रयास कर रहे है और जल्द ही घटना का खुलासा करेगे। हमारा प्रयास है कि लाश की शिनाख्त हो जाए तो प्रकरण हल हो जाएगा। हम मृतक के शिनाख्त का प्रयास कर रहे है। जल्द ही सफलता मिलने की आशा है।   

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