सम्मान समारोह में शामिल होने जा रहें गृह राज्य मंत्री के काफिले को किसानों ने दिखाये काले झंडे, नारेबाजी कर जताया विरोध
फारुख हुसैन
लखीमपुर खीरी= लखीमपुर खीरी जिले के पलिया तहसील के संपूर्णानगर क्षेत्र में एक सम्मान समारोह में शामिल होने जा रहे केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र के काफिले को किसानों ने रास्ते में काले झंडे दिखाकर व नारेबाजी कर उनका विरोध जताया. हालांकि पुलिस ने किसानों को सड़क किनारे रस्से की बैरेकेडिंग बनाकर रोक दिया था। पर काफिले के वाहन निकलते ही किसानों ने नारे लगाने और झंडे दिखाने शुरू कर दिए।
मिली जानकारी के अनुसार गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र को संपूर्णानगर स्थित ग्राम गदनिया में एसएसबी के कार्यक्रम समेत कई सम्मान समारोहों में जाना था। पुलिस और पीएसी मुस्तैद थी पर अचानक से ग्राम महंगापुर में बड़ी संख्या में किसान वहां जमा हो गए। उनके हाथों में काले झंडे थे। मौके पर मौजूद प्रशासन ने किसानों को हटाने की कोशिश की, पर वे नहीं हटे। ऐसे में पुलिस ने सड़क से दूर रस्से की बेरीकेडिंग बनाकर किसानों को रोक लिया। साथ ही आगे वाहन खड़े करा दिए। पर कुछ ही देर में जैसे ही गृह राज्यमंत्री का काफिला गुजरा, किसानों ने नारे लगाते हुए झंडे दिखाए। हालांकि काफिला रुका नहीं।
किसानों का आरोप था कि गृह राज्यमंत्री होने के बावजूद उन्होंने उनकी आवाज लोकसभा में नहीं उठाई। किसानों ने तीनों किसान कानूनों को वापस लिए जाने की मांग रखी। उधर इस मामले में सीओ पलिया एपी मल्ल ने बताया कि हंगामा करने वाले, झंडे दिखाने वाले किसान चिह्नित किए जा रहे हैं। कार्रवाई होगी। इस बाबत घटना के बाद कार्यक्रम में शामिल होने पर विधायक रोमी साहनी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने केंद्रीय मंत्री को नहीं, गरीबों को काले झंडे दिखाए हैं। उनको भगवान-वाहे गुरु कभी माफ नहीं करेगा। इन लोगों ने हमारी होर्डिंग फाड़ी, गरीबों ने सुई धागे से सिलकर दोबारा लगा दी। हमारी भाईचारा टूटने नहीं देंगे, ये लोग चाहें काले झंडे दिखाएं, चाहें पीले।
वही कार्यक्रम के दौरान ही केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र ने कहा कि विरोध करने वाले भाजपा से परेशान, हताश, निराश हैं। इनसे पूछने पर कि क्या दिक्कत है तो कहते हैं काले कानून वापस लो। कानून में काला क्या है, यह नहीं बताते, ये कानून मानना, न मानना आपके ऊपर है तो दिक्कत क्या है? लेकिन मसला कानून का नहीं, कुछ और है।