तनख्वाह महज़ 9,500 महीना और ऐश-ओ-इशरत करोड़ो की: आद्या तिवारी और संदीप तिवारी चंद हज़ार रुपया महीना कमा कर आज है करोडपति
शाहीन बनारसी संग तारिक़ खान
प्रयागराज. महंत नरेंद्र गिरी के मौत के सम्बन्ध में हकीकत की तहकीकात करने के लिए सीबीआई आनन्द गिरी, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी से पूछताछ कर रही है। आद्या तिवारी लेटे हनुमान मंदिर के महंत है और संदीप तिवारी उनका बेटा है। संदीप तिवारी पूजा सामग्री बेचने की दूकान चलता है और आद्या तिवारी मंदिर में बतौर महंत पूजा करवाते है। अगर आय की बात की जाय तो आद्या तिवारी को मंदिर प्रबंधन की तरफ से उनको 9,500 रूपये प्रतिमाह वेतन का भुगतान किया जाता है मगर महज़ 9,500 प्रतिमाह तनख्वाह पाने वाले आद्या तिवारी करोड़ो की संपत्ति के मालिक है और आलिशान ज़िन्दगी जीते है। अगर पारिवारिक आय की बात करे तो पुरे परिवार की आय मिलाकर अधिकतम 30-40 हज़ार रुपया प्रतिमाह होगी। मगर ऐश-ओ-इशरत करोड़ नही बल्कि करोडो की है।
कभी इलाहाबाद के नाम से जाना जाने वाला प्रयागराज धार्मिक नगरी है। इस नगरी को धार्मिक स्थल माना जाता है। प्रयागराज के इस धार्मिक नगरी का निवासी आद्या तिवारी प्रयागराज के करछना तहसील इलाके के कौधियारा थाना क्षेत्र के दीवान के पूरा गाव का रहने वाला है। प्रयागराज का रहने वाला आद्या तिवारी जिसकी तनख्वाह आज 9,500 बतायी जा रही है कभी इसके आय शून्य थी। संपत्ति के नाम पर गाव में एक पुश्तैनी मकान और कुछ बीघे खेत थे जो आज कई बीघे हो चुके है। आज से करीबी 18 साल पहले आद्या तिवारी महंत नरेंद्र गिरी के संपर्क में आये। महंत के संपर्क में आने के बाद महंत नरेंद्र गिरी ने आद्या तिवारी को मंदिर में प्रमुख स्थान दिया तथा मंदिर का मुख्य पुजारी बनाते हुए विभिन्न जिम्मेदारियों को सौंपा। आद्या तिवारी ने खुद को मंदिर से जुड़ने के बाद अपने बच्चो को भी इस मंदिर से जोड़ना चाहा और जोड़ भी दिया। मंदिर से जुड़ने के बाद आद्या तिवारी और उनके बच्चो ने अच्छा ख़ासा कारोबार शुरू कर दिया।
आद्या तिवारी ने मंदिर के प्रति हर जिम्मेदारियों को निभाते हुए महंत को अपने विश्वास में ले लिया। महंत को विश्वास में लेने के बाद आद्या तिवारी ने मंदिर के दो दुकानों को किराए पर ले लिया। मंदिर के एक दूकान में अपने बड़े बेटे राजेश तिवारी को फुल-माला और मंदिर के दुसरे दूकान पर अपने छोटे बेटे संदीप तिवारी को प्रसाद बेचने के लिए बैठा दिया। इन दोनों दुकानों से आद्या तिवारी को अच्छी आमदनी मिली। धीरे-धीरे इन लोगो का कारोबार काफी अच्छा होता गया।
करीब 15 वर्ष पहले उसने नैनी के शिवनगर में अपना एक मकान बनाया था। यह मकान लगभग 3 बिस्वा में बना है। नैनी के शिवनगर में बने आद्या तिवारी के इस मकान में उसकी पत्नी पार्वती देवी, बड़ा बेटा राजेश तिवारी और छोटा बेटा संदीप तिवारी सपरिवार रहने लगे। लेकिन बताया जा रहा है कि महंत की मौत के बाद से इस घर में केवल महिलाए और बच्चे ही बचे है। लगभग तीन बिस्वा में बने आद्या तिवारी के इस मकान में दुनिया की सारी सुख-सुविधाए मुहैया है। करोडो की कीमत रखने वाले इस मकान का मालिक आद्या तिवारी महज़ 9500 रुपया महीने की तनख्वाह पाता है।
दो तल्ले के मकान में आधा दर्जन कमरे है। इस मकान में सुविधाओं की पूरी व्यवस्था का ध्यान बखूबी रखा जाता है। महंत नरेन्द्र गिरी और आनंद गिरी के बीच हुवे विवाद की जड़ लोग आद्या तिवारी और उसके बेटे संदीप को मानते है। आद्या तिवारी और संदीप तिवारी आनंद गिरी के काफी करीबी हो चुके थे। आद्या तिवारी के मकान में मौजूद उनके बड़े बेटे की पत्नी ममता तिवारी बताती है कि महंत नरेंद्र गिरी के मौत के बाद से पूरा परिवार उदास है। राजेश तिवारी की पत्नी ममता तिवारी ने बताया कि चार महीने पहले मंदिर में मौजूद उनके पति की फुल-माला की दूकान छीन ली गयी थी। आद्या तिवारी के दोनों बेटे राजेश तिवारी और संदीप तिवारी दूकान चलाते थे। बताया जा रहा है कि महंत नरेंद्र गिरी के मौत के बाद से आस पास के लोग और मोहल्ले वालो ने आद्या तिवारी के परिवार जनों से दुरी बना ली है।
बताया जाता है कि महंत नरेंद्र गिरी के मौत से कुछ महीने पहले आनंद गिरी के साथ हुए विवाद में महंत नरेंद्र गिरी ने आनन्द गिरी के साथ ही उसके विश्वासपात्र माने जाने वाले आद्या प्रसाद तिवारी को भी मंदिर के मुख्य पुजारी पद से बेदखल कर दिया। साथ ही आद्या तिवारी के दुकानों के एग्रीमेंट भी निरस्त करने की कार्यवाही शुरू कर थी। महंत का आरोप था कि आद्या तिवारी और उसके दोनों बेटे आनन्द गिरी के बड़े ख़ास और करीबी विश्वासपात्र है। महंत ने आद्या तिवारी और उसके बेटो पर आरोप लगाते हुए ये भी कहा था कि ये लोग महाराज नरेंद्र गिरी से जुड़े मामलो की जानकरी हरिद्वार में बैठे आनन्द गिरी तक पहुंचाते है।
महंत नरेंद्र गिरी के मौत के मामले में गिरफ्तार हुए तीसरे आरोपी संदीप तिवारी की जब जांच की गयी तो जांच में निकली 30 लाख की कार और उनके आलिशान ज़िन्दगी देख पुलिस भी दंग रह गयी। जांच में ये भी पता चला कि उसके पास करीब 30 लाख की लक्ज़री कार और बेहद कीमती मोबाइल है। पुलिस यह देख दंग रह गयी कि 8 से 10 हजार कमाने वाले किसी भी व्यक्ति की ज़िन्दगी इतनी ऐश-ओ-आराम वाली भी हो सकती है। संदीप तिवारी जो आद्या तिवारी का बेटा है, वह नैनी वाले मकान में परिवार के साथ रहता है। संदीप तिवारी की लेटे हनुमान जी मंदिर के किराये के एक कमरे में फुल-माला की दूकान है और इस दूकान से मिलने वाली आमदनी के अलावा मंदिर से भी सेवादार के रूप में भी कुछ थी।