जेल से ज़मानत पर छुटा अपराधी ने फ़िल्मी स्टाइल में जुलुस निकाल आया घर, दो दिन बाद ही रासुका में फिर चला गया जेल
ए0 जावेद संग शाहीन बनारसी
आपने फिल्म गैंग ऑफ़ वासेपुर देखी है? बिलकुल देखी होगी। एक मार, धाड़, एक्शन और रोमान्स वाली फिल्म जिसमे खुल्लम खुल्ला गालियों का प्रयोग हुआ। नवाजुद्दीन सिद्दीकी के फ़िल्मी करियर को नयी उंचाई देने वाली इस फिल्म में एक ज़बरदस्त सीन था, जिसमे फैजल खान बने नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी जब ज़मानत पर जेल से रिहा होता है तब उसके समर्थक नाच-गाना उछल-कूद करते हुए जुलुस निकालते है। अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा केवल रील लाइफ में होता है, मगर मध्य प्रदेश में ये हकीकत में हुआ है।
मध्य प्रदेश के शिवपुरी जनपद के कोतवाली थाना क्षेत्र में ज़मीन के दो बड़े विवाद हुए थे, जिसमे भू माफिया से लेकर खादीधारी तक शामिल रहे। इस मामले में पुलिस ने कार्यवाही करते हुए हिस्ट्रीशीटर प्रभात रावत को जेल भेजा था। रॉयल ग्रुप नाम से एक कंपनी बनाकर प्रभात रावत जो एक कुख्यात हिस्ट्रीशीटर और बड़ा अपराधी है, रंगदारी और ज़मीन पर अवैध कब्ज़े का काम करता है। प्रभात ने अपने चार मित्रो के साथ मिलकर शिवपुरी कोतवाली के दर्रोनी तिराहे पर करोड़ो की मालियत रखने वाली एक ज़मीन पर एक कब्ज़ा कर लिया। पुलिस ने इस मामले में राजमल गुप्ता और प्रभात रावत सहित 3-4 लोगो पर मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेजा था।
अभी बृहस्पतिवार को प्रभात की ज़मानत हुई, और वह अपने समर्थको के साथ फ़िल्मी स्टाइल में जुलुस लेकर जेल से अपने घर तक आया। प्रभात की यह हरकत समाज में एक दहशत पैदा कर दी, और प्रभात चौड़ा होकर शहर में घूम रहा था। मगर इसकी यह ख़ुशी बहुत ज्यादा देर की मेहमान नहीं थी। शिवपुरी कोतवाली इंस्पेक्टर बादाम सिंह प्रभात और उसके साथियो का रासुका लगाने का अनुरोध उच्चाधिकारियों से पहले कर चुके थे। इस दरमियान रासुका की संस्तुति हो गयी। पुलिस को प्रभात का ये जुलुस निकालना कुछ ज्यादा ही नजरो में बैठ गया था।
फिर क्या था पुलिस ने शनिवार को प्रभात का एक और जुलुस निकाला। जिस तरीके से वह ज़मानत पर जेल से छूटने के बाद जुलुस निकालकर घर आया था। उसी तर्ज पर पुलिस महज़ दो दिन बाद ही रासुका के मामले में वापस उसके दुसरे घर जेल तक छोड़ कर आई। फर्क सिर्फ इतना ही था कि पिछले जुलुस में प्रभात के गले में फूलो की माला थी, मगर इस जुलुस में उसके हाथो में लोहे की हथकड़ी थी। पिछले जुलुस में वह खुली जीप पर बैठा था मगर इस जुलुस में प्रभात पुलिस वैन में कैदी के तरीके से था। अब आप समझ सकते है कि किस प्रकार से कुछ लोग अपराधियों को अपना आका बना लेते है। बहरहाल, प्रभात रासुका के तहत जेल में बंद है और उसके समर्थक जिन्होंने उसका जुलुस निकाला था, मुंह लटकाए अब फिर रहे है।