और चौक पुलिस ने धर दबोचा, ओमकालेश्वर के सलमान की मौत के ज़िम्मेदारो को, जाने कैसे पकडे गए सलमान के गुनाहगार
वाराणसी। ओमकालेश्वर निवासी युवक सलमान (22) की मौत शनिवार को हो गयी थी। परिजनों के अनुसार उसको पीट-पीट कर मौत के घाट केवल इसलिये उतर दिया गया था क्योंकि उसके दूकानदार कलीम को शक था कि उसने उसके दुकान से 300 ग्राम सोना चुरा लिया था। इस चोरी की घटना से सलमान लगातार इंकार कर रहे था। मगर जालिमो ने उसकी एक न सुनी। पुलिस सूत्रों की माने तो पुलिस के हाथो ऐसे सुराग लगे है, जो साबित करते है कि सलमान को लगभग 4 घंटे से अधिक समय तक बुरी तरह टॉर्चर किया गया था।
शनिवार को ही मध्य रात्रि लगभग डेढ बजे इस घटना की जानकारी परिजनों ने चौक पुलिस को दिया था। यहाँ ये बात काबिल-ए-गौर है कि सलमान की मौत रात में लगभग 11 बजे हो चुकी थी। इसको बताने का हमारा केवल एक तात्पर्य है कि जालिमो के ज़ुल्म की इन्तहां आप भी समझ सकते है। परिजन सलमान की लाश को लेकर घर आ गये थे। और अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे। इस बात का दावा सलमान के क्षेत्र में रहने वाले हमारे सूत्र कर रहे है। मगर क्षेत्र के जागरूक एवं सम्भ्रान्त नागरिको के समझाने पर परिजनों ने इसकी जानकारी पुलिस को दिया था।
मामला पुलिस के जानकारी में आने के बाद जब चौक पुलिस ने ज़ालिम कलीम के घर पर छापेमारी किया तो कलीम तब तक अपने परिवार को लेकर फुर्र हो चूका था। शनिवार की रात से लेकर बुधवार की रात जब तक सलमान के गुनाहगार चौक पुलिस के गिरफ्त में नहीं आये, तब तक चौक थाना प्रभारी आशुतोष तिवारी और उनकी टीम सौरभ पाण्डेय, प्रकाश सिंह तथा स्वतंत्र सिंह ने चैन की एक सांस भी नहीं ली। आखिर चौक पुलिस के हाथ सलमान के गुनाहगारो की गिरेबां तक पहुँच गये।
जैसा कि कल हमने अपने खबर में बताया था कि जालिमो के पैसा ख़त्म होने की बेचैनी उनको पुलिस के चंगुल में फंसा सकती है। आखिर हुआ भी उसी तरह कि बीती रात लगभग 8:15 बजे के लगभग कलीम अपने साथियो के साथ जालपादेवी तिराहे पर मौजूद था। जिसकी जानकरी इस्पेक्टर आशुतोष तिवारी के विश्वशनीय सूत्रों ने उन्हें दिया। जानकरी होने के तुरंत बाद एसीपी दशाश्वमेघ अवधेश कुमार पाण्डेय के निर्देशन में इंस्पेक्टर आशुतोष तिवारी, दालमंडी चौकी इंचार्ज सौरभ पाण्डेय, ब्रह्मनाल चौकी इंचार्ज प्रकाश सिंह तथा काशीपुरा चौकी इंचार्ज स्वतंत्र सिंह अपने हमराहियो के सहित जालपादेवी तिराहे पर पहुंचे। पुलिस को देख कलीम और उसके तीनो साथी हडबडा कर भागने लगे।
वो शायद भूल चुके थे कि इस बार उनके सामने मासूम सलामन नहीं बल्कि चौक थाने की तेज़ तर्रार पुलिस है। भागते हुए कलीम, गोविन्द सेठ, राहुल सेठ तथा सचिन सहदेव उर्फ़ बौबी को दौड़ा कर चौक पुलिस टीम ने पकड़ लिया।
क्या हुई थी घटना
घटना के सम्बंध में पुलिस पूछताछ में कलीम ने बताया कि घटना के दिन कलीम ने 300 ग्राम सोना सफाई करने के लिये दिया था, जिसको लेकर सलमान दालमंडी के निकट छत्ततले को गया। जो सलमान को बहला फुसला कर कन्हैया स्वर्णकला अलंकार तक लेकर गया। जहाँ सलमान के साथ टप्पेबाजी कर दोनों युवक भाग निकले। सलमान ने इसकी जानकारी कलीम को दिया तो कलीम को लगा कि सलमान ने सोना चुरा लिया है। इसके बाद कलीम ने सलमान के साथ मारपीट अपने साथियो के साथ शुरू कर दिया। सलमान ने लाख हकीकत बताने की कोशिश किया मगर कलीम ने उसकी न सुनी और मारपीट जारी रखा। इस दरमियान सलमान की हालत खराब हो गई।
अभियुक्तो को मीडिया के सामने प्रस्तुत करते हुवे DCP काशी अमित कुमार ने बताया कि टप्पेबाजी की घटना का खुलासा करने और गायब सोना बरामद करने का प्रयास जारी है। गिरफ्तार अभियुक्तो के नाम कलीम पुत्र फेकू, गोविंद सेठ पुत्र प्रेम चन्द्र, राहुल सेठ पुत्र बच्चे लाल और सचिन सहदेव उर्फ बॉबी पुत्र नरेंद्र सिंह है। गिरफ्तार करने वाली टीम में इस्पेक्टर चौक डॉ आशुतोष तिवारी, एसआई सौरभ पांडेय, प्रकाश सिंह, स्वतंत्र सिंह आदि मौजूद थे।